कांग्रेस पार्टी के जाल में फंस गए हार्दिक पटेल ? समझौता हुआ पर फार्मूले पता ही नहीं

क्‍या गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने हार्दिक पटेल को अपने जाल में फंसा लिया है। दोनों के बीच समझौता तो हो गया है लेकिन, फार्मूला किसी को नहीं पता।

New Delhi Nov 19 : गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस पार्टी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के बीच समझौता हो गया है। इससे पहले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने कांग्रेस पार्टी को 24 घंटों का अल्‍टीमेटम दिया था। जिन मांगों पर पहले पेंच फंसा हुआ था दावा किया जा रहा है कि उसे सुलझा लिया गया है। लेकिन, कांग्रेस पार्टी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के बीच किस फार्मूले के तहत क्‍या समझौता हुआ है इसकी जानकारी ना तो कांग्रेस की ओर दी गई और ना ही समिति की ओर से। ऐसे में कहा जा रहा है कि क्‍या कांग्रेस पार्टी ने हार्दिक पटेल को अपने जाल में फंसा लिया है। हालांकि कांग्रेस पार्टी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के लोगों का कहना है कि हमारे जिन भी बिंदुओं पर सहमति हुई है उसकी जानकारी हार्दिक पटेल ही देंगे। हार्दिक पटेल सोमवार को राजकोट में कांग्रेस और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के फार्मूले का एलान करेंगे।

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सबसे बड़ी बात ये है कि अहमदाबाद में हुई कांग्रेस पार्टी और पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की मीटिंग के बाद गुजरात कांग्रेस के अध्‍यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने दावा किया कि हार्दिक पटेल, ओबीसी ज्‍वाइंट फोरम के नेता अल्‍पेश ठाकोर और दलित नेता जिग्‍नेश मेवाणी की ओर से गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से एक भी टिकट की मांग नहीं की गई। जबकि इससे पहले खबर आई थी कि दिल्‍ली में अहमद पटेल के साथ हुई मीटिंग में हार्दिक पटेल के पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेताओं ने गुजरात विधानसभा चुनाव में 30 से 35 सीटों की मांग की थी। फिर अचानक ऐसा क्‍या हुआ कि भरत सिंह सोलंकी ये दावा कर रहे हैं कि तीनों ही युवा नेताओं की ओर से एक भी सीट की मांग नहीं की गई। इसी वजह से ये सवाल उठ रहे हैं कि क्‍या हार्दिक पटेल कांग्रेस पार्टी के जाल में फंस गए हैं। सीडी कांड के बाद बैकफुट में हार्दिक के पास अब कांग्रेस के साथ जाने के अलावा कोई दूसरा विकल्‍प ही नहीं बचा है।

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अहमदाबाद में हुई इस बैठक के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष भरत सिंह सोलंकी ने दावा किया कि पिछली मीटिंग में जहां पर बात अटकी हुई थी उन बातों पर समझौता हो गया है। मीडिया से बातचीत के दौरान ही उन्‍होंने कहा कि तीनों युवा नेताओं की ओर से टिकट की कोई डिमांड नहीं की गई। लेकिन, गुजरात कांग्रेस का कहना है कि वो जनभावनाओं को ध्‍यान में रखते हुए इन लोगों के लिए हाईकमान से टिकट की मांग करेगी। PAAS नेता और हार्दिक पटेल के सहयोगी दिनेश बामनिया ने भी यही कहा कि कांग्रेस ने उनकी सभी मांगों को मान लिया है। दिनेश बामनिया ने ये भी दावा किया कि पाटीदारों को संवैधानिक दायरे में आरक्षण देने की हमारी मांग सभी लोगों को स्‍वीकार है। उनका कहना है कि हमने ये भी ध्‍यान रखा है कि इससे किसी के हित का कोई नुकसान ना हो। दिनेश बामनिया ने इसके बाद मीटिंग को लेकर कोई भी जानकारी नहीं दी।

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उनका कहना है कि सोमवार को हार्दिक पटेल राजकोट से इस फार्मूले की जानकारी जनता को देंगे। राजकोट गुजरात के मुख्‍यमंत्री विजय रूपाणी का क्षेत्र हैं। भारतीय जनता पार्टी ने विजय रूपाणी को राजकोर्ट वेस्‍ट से अपना उम्‍मीदवार बनाया है। हालांकि पाटीदार अनामत आंदोलन समिति की ओर से कांग्रेस के साथ हुए समझौते की कोई जानकारी ना देने कई सवाल और शक भी पैदा कर रहा है। जाहिर है हार्दिक पटेल आम जनता की इसी जिज्ञासा को सोमवार को दूर करने की कोशिश करेंगे। सोमवार को हार्दिक पटेल के फार्मूले के बाद ही ये तय हो पाएगा कि सियासत की जंग में हार्दिक पटेल कांग्रेस के जाल में फंसे हैं या फिर उन्‍होंने ही कांग्रेस पार्टी को फंसा लिया है। असली खुलासे के लिए थोड़ा इंतजार कीजिए और देखिए कांग्रेस के पास वो कौन सा फार्मूला है जिसके आधार पर वो संवैधानिक दायरे में रहकर पाटीदारों को आरक्षण देने का दावा करेगी।