बीजेपी का एक कैंडिडेट हार्दिक पटेल पर भारी, पाटीदारों के गढ़ में विशाल रैली

पाटीदारों का गढ़ जहां बीजेपी नेताओं को घुसने नहीं दिया जाता था, उसी इलाके से बीजेपी के एक उम्मीदवार ने विशाल रैली निकाली, ये हार्दिक पटेल के लिए झटका है।

New Delhi, Nov 20: गुजरात चुनाव में बीजेपी के लिए हार्दिक पटेल एक बड़ी परेशानी बन कर उभरे हैं। कांग्रेस को समर्थन देने का एलान हार्दिक कर चुके हैं। सीडी कांड के बाद से हार्दिक की पकड़ पााटीदारों पर कुछ कमजोर हुई है। बीजेपी धीरे धीरे हार्दिक के तिलिस्म को तोड़ रही है। सूरत जिसे पाटीदारों का गढ़ माना जाता है, इसी सूरत में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की सभा में पाटीदारों ने जमकर हंगामा किया था। खास बात ये है कि सूरत में ही कांग्रेस ने भी अपना वार रूम बना रखा है। लेकिन अब माहौल बदलता दिख रहा है। बीजेपी उम्मीदवार कुमार कनानी ने अपना नामांकन भरने के लिए जो रैली निकाली उस से कांग्रेस और हार्दिक दोनों के होश उड़ गए होंगे।

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सूरत बीजेपी कैंडिडेट कुमार कनानी ने समर्थकों के साथ विशाल रैली निकाली. खास बात ये है कि ये रैलू पाटीदारों के गढ़ सरथाना और वरछा से होकर गुजरी. इस दौरान भीड़ देखने लायक थी। गाजे बाजे के साथ कुमार कनानी इस रैली के संग नामांकन दाखिल करने पहुंचे। बता दें कि सरथाना और वरछा इलाके में बीजेपी नेताओं को घुसने नहीं दिया जाता था। सूरत में तो कई जगहों पर बैनर और पोस्टर डांग दिए गए थे कि बीजेपी नेता अपनी गारंटी पर ही इस इलाके में घुसे। ऐसे इलाके से बीजेपी की विशाल रैली राज्य के बदलते माहौल की तरफ इशारा कर रही है। इस रैली से कुमार कनानी काफी खुश हैं, उनका कहना है कि वो बड़े अंतर से कांग्रेस के उम्मीदवार को हराएंगे।

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सूरत में अमित शाह और विजय रुपाणी के खिलाफ पाटीदार आंदोलन के नेताओं ने जोरदार नारेबाजी की थी. जिसके कारण दोनों नेताओं को मंच छोड़कर जाना पड़ा था। उसके बाद से ही हार्दिक पटेल एक बड़े नेता के तौर पर उभरे थे। कुल मिलाकर सूरत में पाटीदारों के गढ़ से बीजेपी की विशाल रैैली ने हार्दिक को सोच में डाल दिया होगा। क्या उनकी पकड़ अपने समाज पर कम हो रही है। सीडी कांड के बाद से ही हार्दिक बैकफुट पर हैं, भले वो लाख कहें कि बीजेपी ने वो सीडी बनवाई है, जिस से वो बदनाम हो जाएं, लेकिन सियासी तौर पर उनका नुकसान तो हो गया है। पाटीदार आंदोलन के बड़े नेता लगातार बीजेपी में शामिल हो रहे हैं।

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ये रैली कांग्रेस के लिए भी एक संकेत है, जो हार्दिक पटेल पर ज्यादा भरोसा कर रही है। कांग्रेस को उम्मीद है कि पाटीदार नेताओं को चुनाव में टिकट देने से उसे जीत मिलेगी। उसका सत्ता का सूखा खत्म हो जाएगा। जो काम अमित शाह नहीं कर पाए वो काम अब बीजेपी के एक कैंडिडेट ने कर दिखाया है। कुमार कनानी की रैली का पाटीदारों के गढ़ से गुजरना बता रहा है कि पाटीदार बीजेपी के साथ फिर से आ रहे हैं। वो आंदोलन को सही मानते हैं लेकिन बीजेपी के खिलाफ जाकर कांग्रेस को वोट देने को लेकर अभी भी उनके मन में संशय है। इसी का फायदा बीजेपी उठा रही है। पाटीदारों को लुभाने के लिए बीजेपी ने पहली लिस्ट में उनको खास तवज्जो दी थी। कुल मिलाकर कुमार कनानी की रैली ने हार्दिक के तिलिस्म की काट खोज ली है।