कांग्रेस ने नरेंद्र मोदी की शादीशुदा लाइफ पर किया गंदा कमेंट, हर गुजराती को आया गुस्सा

गुजरात चुनाव के नजदीक आने के साथ ही कांग्रेस ये जंग हारती दिख रही है। नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत हमलों का दौर शुरू हो गया है।

New Delhi, Nov 22: गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूरी ताकत लगा दी है। विकास को मुद्दा बना कर हमला करने वाली कांग्रेस अब जातिगत समीकरणों के सहारे जीत की राह तैयार कर रही है। इस बार के प्रचार में कांग्रेस ने सधी हुई रणनीति के तहत नरेंद्र मोदी के खिलाफ व्यक्तिगत हमले नहीं किए। लेकिन मोदी के खिलाफ कांग्रेसियों की नफरत ने अब पार्टी को बैकफुट पर लाकर खड़ा कर दिया है। युवा कांग्रेस की मैगजीन में छपे मीम के कारण कांग्रेस को वो नुकसान हो गया है कि अब जीत का राह बंद होती दिख रही है। युवा देश मैगजीन में छपे मीम में मोदी को लेकर आपत्तिजनक कमेंट दिखाया गया था। हालांकि अब ये मीम ट्वीटर से डिलीट कर दिया गया है। लेकिन कांग्रेस का युवा संगठन गलती से सबक लेता नहीं दिख रहा है।

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दरअसल युवा कांग्रेस ने चायवाला मीम तो हटा लिया लेकिन एक और मीम युवा कांग्रेस ने ट्वीटर पर पोस्ट किया है जिसे अब तक हटाया नहीं गया है। इस मीम में भी मोदी को लेकर आपत्तिजनक कमेंट लिखा गया है। ये वाला मीम अभी तक हटाया नहीं गया है। इस मीम में मोदी की व्यक्तिगत जिंदगी को लेकर टिप्पणी की गई है। मीम में दिखाया गया है कि मोदी कह रहे हैं विकास के लिए 22 साल काफी नहीं थे, हमें पांच साल और मौका चाहिए, इस पर एक लड़की कह रहे हैं कि अघर दूसरों के बाथरूम में झांकने के बजाय समय पर अपने बेडरूम में झांक लिए होते तो विकास आज घोड़ी चढ़ रहा होता। नरेंद्र मोदी की शादीशुदा जिंदगी पर ऐसा आपत्तिजनक मीम सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

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चायवाला मीम के बाद युवा कांग्रेस की ये दूसरी गलती है, कांग्रेस को इस बात का अंदाजा नहीं है कि वो क्या कर रही है। क्या कांग्रेस मौत का सौदागर और खून की दलाली जैसे बयान भूल गई, जिनके कारण पिछले 22 साल से कांग्रेस गुजरात की सत्ता से बाहर है। इस बार राहुल गांधी ने साफ निर्देश दिए थे कि मोदी पर व्यक्तिगत हमला नहीं किया जाएगा। राहुल को इस बात का डर था कि वो कांग्रेस के खिलाफ जा सकता है। लेकिन इन दो मीम से ये साफ हो रहा है कि कांग्रेसी नेता मोदी से कितनी नफरत करते हैं। अपने सबसे बड़े नेता के कहने के बाद भी मोदी पर हमला कर रहे हैं। गुजरात चुनाव में राहुल गांधी का डर सही साबित हो सकता है। जितनी गोलबंदी कांग्रेस ने जातिगत समीकरणों को साधने में की है वो सब बेकार होती दिखाई दे रही है।

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खास बात ये है कि अभी गुजरात में नरेंद्र मोदी ने प्रचार शुरू ही नहीं किया है। वो चुनावी मोड में आए ही नहीं है, उस से पहले ही कांग्रेस ने अपने सारे हथियार इस्तेमाल करके देख लिए हैं। जातिगत समीकरणों को साधने के बजाय बीजेपी ने विकास के नाम पर वोट मांगने की रणनीति बनाई है। बीजेपी के पास सबसे बड़ा ब्रांड है,  वो ब्रांड गुजरात से जुड़ा है, उस से गुजराती लोगों की भावनाएं जुड़ी हुई हैं। गुजरात का एक नेता देश का प्रधानमंत्री है, इन सारी बातों को उभारा जाएगा। साथ ही कांग्रेस के इन व्यक्तिगत हमलों का भी जवाब दिया जाएगा। कुल मिलाकर गुजरात में राहुल गांधी ने जितनी मेहनत की है वो सब बेकार होती दिख रही है। राहुल अपनी ही पार्टी के नेताओं और संगठनों को कंट्रोल नहीं कर पा रहे हैं।