शशिकला को EC ने दिया जोरदार झटका, हाथ से निकली गई ‘दो पत्तियां’

AIADMK में जारी वर्चस्व की लड़ाई अब खत्म हो गई है। EC ने दो पत्तियों का सिंबल पन्नीरसेल्वम औप कलानीसामी गुट को देने का फैसला किया है। शशिकला को झटका

New Delhi, Nov 23: तमिलनाडु में जिस चीज को लेकर झगड़ा हो रहा था वो EC के फैसले बाद खत्म हो गया है। जयललिता के निधन के बाद उनकी पार्टी में वर्चस्व की जंग शुरू हुई, इस जंग में शुरूआत जीत तो जयललिता की करीबी शशिकला की हुई, पार्टी में दो फाड़ भी हो गया, पन्नीरसेल्वम और पलानीसामी दो गुट बन गए, पलानीसामी गुट पर शशिकला का कंट्रोल था, लेकिन धीरे धीरे पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम गुट एक हो गए, उन्होंने आपस में मिल कर फैसला किया और शशिकला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। हालांकि AIADMK में अभी भी शशिकला के समर्थक हैं, सभी को इंतजार इस बात का था कि पार्टी का चुनाव चिन्ह किसे मिलता है। जिसे दो पत्तियों वाला सिंबल मिलता वही असली पार्टी कहलाता।

Advertisement

इसको लेकर EC में दोनों गुटों यानि शशिकला गुट और पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम गुट ने अपील दाखिल की थी। दोनों ने ही दो पत्तियों के सिंबल पर अपना दावा ठोंका था। अब चुनाव आयोग ने इस मुद्दे पर अपना फैसला सुना दिया है. इसी के साथ पार्टी में वर्चस्व की जंग भी खत्म हो गई है। चुनाव आयोग ने पननीसेल्वम और पलानीसामी गुट को दो पत्तियों का सिंबल सौंप दिया है। इस तरह से अब ये गुट आधिकारिक तौर पर AIADMK बन गया है। आयोग के इस फैसले पर पलनीस्वामी ने कहा कि वो इस फैसले से खुश हैं। चुनाव आयोग के इस फैसले के बाद पार्टी दफ्तर में कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया है। एख दूसरे को मिठाई बांटी जा रही है। जैसे कोई बड़ी जंग जीत ली हो।

Advertisement

EC का ये फैसला वी के शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण के लिए जोरदार झटके से कम नहीं है। सियासी तौर पर शशिकला के लिए ये सबसे मुश्किल दौर है। वो आय से अधिक संपत्ति के मामले में बैंगलुरू जेल में सजा काट रही है। उनकी तरफ से टीटीवी दिनाकरण लगातार कोशिश कर रहे थे कि किसी तरह से पार्टी पर कब्जा मिल जाए। उनकी उम्मीद चुनाव आयोग के फैसले पर लगा हुई थी, जो अब टूटती दिख रही है। सवाल ये है कि वो अब क्या करेंगे। अन्नाद्रमुक तो पन्नीरसेल्वम और पलानीसामी गुट की हो गई। दो पत्तियों का सिंबल बी उनको मिल गया है। आर के नगर उप चुनाव के बाद से ही इस मामले मं फैसला लंबित पड़ा हुआ था।

Advertisement

चुनाव आयोग ने ये सिंब जब्त कर लिया था। दोनों ही धड़ों ने इस पर अपना अपना दावा पेश कर दिया था। लंबी सुनवाई के बाद आयोग ने इस पर अपना फैसला सुना दिया है। पलानीसामी का कहना है कि इस सिंबल के लिए उन्होंने सारे जरूरी दस्तावेज और समर्थन पत्र आयोग में जमा किए थ, जिसके कारण आयोग को फैसला करने में ज्यादा परेशानी नहीं हुई. तमिलनाडु की राजनीति में अम्मा के बाद चिनम्मा का युग भी खत्म होता दिख रहा है। शशिकला को उम्मीद थी कि अगर दो पत्तियों का सिंबल मिल जाता तो वो फिर से सियासी तौर पर वापसी कर सकती थी। लेकिन अब ये मुश्किल होता जा रहा है। देखना है कि शशिकला और उनके भतीजे टीटीवी दिनाकरण आगे के लिए क्या रणनीति बनाते हैं।