मोदी सरकार ने राफेल डील में बचाए 12,600 करोड़ रूपये, निकल गई कांग्रेस की हवा

राफेल डील को लेकर मोदी सरकार की तरफ से जो कहा गया है उस से कांग्रेस के आरोपों की हवा निकल गई है। कांग्रेस कोई ठोस तर्क नहीं दे पाई है।

New Delhi, Nov 23: केंद्र में मोदी सरकार को साढ़े तीन साल से ज्यादा का समय हो गया है, अभी तक सरकार पर किसी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा है। विरोधियों ने आरोप लगाए भी तो उसके पक्ष में कोई मजबूत तर्क नहीं दे पाए हैं। ऐसा ही एक आरोप राहुल गांधी ने राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर लगाया था। उनके मुताबिक एनडीए सरकार के साथ हुई डील में प्रति विमान कीमत ज्यादा हो गई। गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान राहुल ने ये आरोप लगाए थे। उन्होंने केंद्र सरकार से तीन सवाल भी पूछे थे। उस पर रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल पर पलटवार किया था। उन्होंने कहा था कि ये शर्मनाक है कि रक्षा क्षेत्र में कांग्रेस इस तरह के आरोप लगा रही है।

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अब केंद्र की मोदी सरकार की तरफ से राफेल विमान सौदे को लेकर कुछ दावे किए गए हैं, इसके मुताबिक एनडीए सरकार ने फ्रांस के साथ राफेल लड़ाकू विमान सौदे में 12 हजार 600 करोड़ रूपये बचाए हैं। बता दें कि सरकार ने फ्रांस के साथ 36 लड़ाकू विमान की डील के साथ अन्य हथियार, प्रशिक्षण और रख रखाव का सौदा किया है, जिस में बड़ी बचत की गई है। ये दावा कांग्रेस के आरोपों पर किया गया है। इसी के साथ केंद्र सरकार की तरफ से ये भी कहा गया है कि रक्षा सौदों को पारदर्शी बनाया गया है। यूपीए सरकार की तरह अब बीच में दलाली खाने वाला कोई नहीं है। केंद्र सरकार की तरफ से ये पलटवार कांग्रेस की बोलती बंद कर रहा है।

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इसके अलावा ये भी कहा गया है कि राफेल लड़ाकू विमानों को उड़ने की स्थिति में खरीदा गया है। ऐसा नहीं है कि ये बनेंगे उसके बाद परीक्षण होगा, रेडी टू यूज हैं। इस डील से  सरकारी खजाने के 12,600 करोड़ रुपये बचे हैं। इतना ही नहीं ये भी कहा जा रहा है कि यूपीए सरकार के दौरान इस तरह की कोई डील नहीं हुई थी। अब सरकार की तरफ से ये साफ कर दिया गया है, तो राहुल गांधी क्या कहेंगे, जो राफेल डील को लेकर आरोप लगा रहे थे। कांग्रेस ने कहा था कि यूपीए सरकार के दौरान एक विमान को 526 करोड़ रुपये में खरीदने के बात चल रही थी, वहीं एनडीए सरकार में ये कीमत बढ़कर 1,570 करोड़ रुपये हो गई। इसी आरोप पर सरकार की तरफ से कहा गया है कि सभी लड़ाकू विमानों को उड़ने की स्थिति में ही खरीदने वाले हैं।

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यूपीए सरकार की 126 विमानों की डील में केवल 18 विमान ही फ्लाईवे स्थिति में होते। एनडीए सरकार ने इस डील पर फिर से काम किया और 36 राफेल विमानों को फ्लाइवे कंडीशन में लेने का समझौता किया। सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मोदी सरकार में एक राफेल विमान 90 मिलियन में हासिल हुआ जबकि यूपीए सरकार की डील के मुताबिक एक राफेल विमान की कीमत 100 मिलियन डॉलर थी। इस तरह से देखें तो एनडीए सरकार ने जो डील की है उस से सरकार का काफी पैसा बचा है। बता दें कि कांग्रेस ने राफेल डील को लेकर आरोप लगाए थे। अब उन आरोपों की हवा निकल गई है। सोशल मीडिया पर भी कहा जा रहा है कि केवल आरोप लगाने भर से और सवाल पूछने भर से कुछ नहीं होता है। अगर यूपीए सरकार के दौरान राफेल को लेकर डील हुई थी तो उसके आंकड़े सार्वजनिक करने चाहिए ।