गुजरात में ‘चाय के प्याले’ से हारेगी कांग्रेस, पीएम मोदी ने बनाया मेगा प्लान

गुजरात चुनाव में बीजेपी चाय को हथियार बनाएगी, पीएम मोदी ने चुनावी रण में फतह के लिए मेगा प्लान तैयार किया है। कांग्रेस का इसके पास कोई जवाब नहीं होगा।

New Delhi, Nov 24: गुजरात विधानसभा चुनाव प्रचार में कांग्रेस ने अभी तक बेहद आक्रामकता दिखाई है। हालांकि ये अलग बात है कि अभी तक बीजेपी ने अपना प्रचार उस अंदाज में शुरू ही नहीं किया। बीजेपी जैसे वेट एंड वॉच की रणनीति पर काम कर रही है। पहले विरोधी के सारे दांव पेंच देख लिए, सारे हथियार देख लिए, अब बीजेपी यलगार करने वाली है। जी हां गुजरात में अभी तक पीएम मोदी ने प्रचार शुरू नहीं किया था। लेकिन अब वो मैदान में आ रहे हैं। इसके लिए बीजेपी ने धाकड़ प्लान तैयार किया है। जो योजना है उसके मुताबिक बीजेपी फिर से चाय को हथियार बनाएगी। हाल ही में युवा कांग्रेस ने मोदी पर चाय को लेकर हमला किया था। कांग्रेस की उस गलती को बीजेपी भुनाने की कोशिश करेगी।

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लगातार छठी बार विधानसभा चुनाव जीतने के लिए बीजेपी ने अपनी योजना तैयार कर ली है। इसके तहत बीजेपी ने राज्य में बूथ स्तर पर काम करने की योजना बनाई है। अमित शाह का बूथ मैनेजमेंट कमाल का होता है। राज्य के 50 हजार बूथों पर अब पीएम मोदी के साथ चाय पर चर्चा का आयोजन किया जाएगा। इसका नाम होगा मन की बात चाय के साथ। इसके जरिए बीजेपी के कार्यकर्ता हर बूथ पर जाएंगे और बीजेपी के साथ साथ मोदी सरकार की नीतियों पर बात करेंगे। इस कार्यक्रम का शुभारम्भ 26 नवंबर को बीजेपी गुजरात प्रभारी भूपेंद्र यादव करेंगे। जाहिर है कि जिस चाय को लेकर कांग्रेस नरेंद्र मोदी पर हमला बोलती रही है वही अब बीजेपी के लिए हथियार बनेगा। इसका फायदा बीजेपी को होगा।

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इस कार्यक्रम के तहत पहले चरण में जिन इलाकों में मतदान होना है वहां के बूथों पर नजर रखी जाएगी। इन बूथों पर मन की बात चाय के साथ का आयोजन करने के बाद दूसरे चरण में मतदान वाले बूथों पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। चाय और मोदी के कनेक्शन का असर 2014 के लोकसभा चुनाव में सब लोग देख चुके हैं। उस दौरान किस तरह से मोदी ने खुद को चायवाला बता कर विरोधियों पर हमला किया था। वो जनता से सवाल पूछते थे कि क्या एक चायवाला देश का प्रधानमंत्री नहीं बन सकता है। लोकसभा चुनाव में इस दांव को अपार सफलता मिली थी। अब वही दांव गुजरात में अपनाने जा रही है बीजेपी, वहीं कांग्रेस के खेमे में अब बेचैनी बढ़ती जा रही है। कांग्रेस की दिक्कत ये है कि उसका प्रचार अब सुस्त पड़ रहा है।

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कांग्रेस ने गुजरात में चुनाव प्रचार काफी पहले शुरू कर दिया था। राहुल गांधी ने गुजरात में डेरा ही डाल दिया था। विकास पागल हो गया का मुद्दा उछाला, मोदी सरकार पर जीएसटी और नोटबंदी को लेकर हमला किया। बाद में राहुल ने जातिगत समीकरणों को साधने के लिए हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी और अल्पेश ठाकोर को साथ लिया। अब चुनाव की तारीख पास आने के साथ कांग्रेस के पास मुद्दे खत्म होते दिख रहे हैं। कांग्रेस के आरोपों का बीजेपी सिलसिलेवार तरीके से जवाब दे रही है। सबसे बड़ी बात बीजेपी के सबसे बड़े प्रचारक पीएम मोदी का चुनाव प्रचार अभियान अब शुरू होने वाला है। मोदी का असर और करिश्मा कैसा है ये किसी को बताने की जरूरत नहीं है। गुजरात का चुनावी रण अब हुआ है मजेदार, देखना है कि कांग्रेस आखिरी दौर में कितना टिक पाती है।