गुजरात के रण से पहले कांग्रेस में बवाल, हाईकमान परेशान, टिकट की टेंशन बरकरार

गुजरात के रण से पहले ही कांग्रेस में टिकट को लेकर घमासान शुरू हो गया है। ये बवाल इतना बढ़ गया है कि हाईकमान भी परेशान हो गया है। अब आगे क्या होगा ?

New Delhi, Nov 24 : गुजरात के रण के लिए बीजेपी और कांग्रेस ने अपनी अपनी कमर कसी है। एक तरफ बीजेपी अपने कद्दावर नेताओं की फौज को इस महासमर में उतारने जा रही है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस नए बवाल में फंस गई है। जी हां गुजरात कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस बवाल की वजह से हाईकमान भी रेशान हो गया है। अब AICC ने डैमेज कंट्रोल करने के लिए यहां टीम भेजी है। एक न्यूज एजेंसी के द्वारा कहा गया है कि इस टीम में 4 बड़े नेता हैं। इस टीम का मुख्य काम ये है कि नाराज हो चुके कार्यकर्ताओं को मनाया जाए। आपको खास बात बता दें कि सूरत में कांग्रेस के लिए राह आसान नहीं दिख रही।

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सूरत के तीन बड़े नेता टिकट बंटवारे से नाराज हो गए हैं। इस वजह से उन्होंने पार्टी छोड़ दी है। ये ही वो वजह है कि कांग्रेस आलाकमान को अब नतीजों की फिक्र हो रही है। इससे पहले गुजरात कांग्रेस के प्रेसिडेंट भरत सिंह सोलंकी पहले से ही चुनाव ना लड़ने का ऐलान कर चुके हैं। एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान एक सीनियर कांग्रेस नेता का कहना है कि गुजरात में टिकट बंटवारे को लेकर कांग्रेस नेताओं में नाराजगी दिख रही है। सीनियर लीडर का कहना है कि पार्टी के लिए पार्टी का कार्यकर्ता सबसे अहम होना चाहिए। इस वक्त कांग्रेस के लिए कारोबारियों का गढ़ कहा जाने वाला सूरत सबसे खास है। लेकिन यहीं से पार्टी को गंभीर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।  

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किसी एक नेता को लेकर परेशानी होती तो ठीक था, लेकिन यहां तीन-तीन नेता परेशानी का सबब बने हुए हैं। इस वजह से कांग्रेस इस वाल को थामने के लिए कदम उठा रही है। कांग्रेस आलाकमान ने सूरत में बड़े नेताओं की एक टीम भेजी है। सूत्रों के मुताबिक इस टीम को फायर फाइटिंग टीम कहा जा रहा है। अब आप ये भी जानिए कि आखिर इस टीम के सदस्य कौन कौन हैं। गुलाम नबी आजाद, तरुण गोगोई, मुकुल वासनिक और बीके. हरिप्रसाद को इस फायर फाइटिंग टीम में शामिल किया गया है। गुलाम नबी आजाद को अहमदाबाद, पूर्व केंद्रीय मंत्री मुकुल वासनिक को सौराष्ट्र, असम के पूर्व सीएम गोगोई को उत्तर गुजरात और बीके. हरिप्रसाद को दक्षिण गुजरात की कमान सौंपी गई है।

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उधर कांग्रेस की एक चिंता और भी है। पाटीदारों को खुश करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस के लिए उसके ही मुस्लिम नेता ने भी मुश्किलें खड़ी कर दी है। गुजरात कांग्रेस के सचिव फिरोज मलिक ने कहा है कि पार्टी हाईकमान ने उन्हें भरोसा दिलाया था कि मुस्लिमों को भी बराबर टिकट दिए जाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ। वहीं धनसुख राजपूत और ज्योति सोजित्रा जैसे चेहरे पहले ही पार्टी छोड़ चुके हैं। ये दोनों कांग्रेस के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं। इन दोनों के साथ ही पार्टी के कई कार्यकर्ता भी आलाकमान के अंधाधुंध फैसलों से नाराज हैं। अब आगे कांग्रेस क्या करेगी, ये तो आने वाला वक्त ही तय करेगा।