डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी भारत में, अच्छे दिनों के 7 संकेत लाई हैं इवांका

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ट्रम्प भारत आई हैं। इसके साथ ही वो अच्छे दिनों की कुछ सौगातें भी लेकर आई हैं। जानिए ये बड़ी बातें

New Delhi, Nov 28: अमेरिका से भारत के लिए एक बड़ी खबर आई कि तीन दिन की ग्लोबल आंत्रप्रेन्योरशिप समिट के लिए इवांका ट्रम्प भी भारत आ रही हैं। इस समिट में इवांका अमेरिकन डेलीगेशन की अगुवाई कर रही हैं। डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका को कूटनीति के लिहाज से बेहद ही दूरदर्शी कहा जाता है। हाल ही में इवांका ने भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मुलाकात की थी। इस दौरान उन्होंने सुषमा को एक प्रभावशाली नेता बताया था। इसके साथ ही ट्रम्प भी कई बार मोदी की खुले दिल से तारीफ कर चुके हैं। अब सवाल ये है कि इवांका का भारत दौरा हमारे लिए क्या खुशखबरी लेकर आया है। चलिए विस्तार से आपको इस बारे में बताते हैं।

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सबसे पहली बात ये है कि साउथ एशिया में ये समिट पहली बार हो रही है। इसके लिए भारत को चुना गया है। ऐसा इसलिए कि बार बार ट्रम्प कह चुके हैं कि भारत में काफी संभावनाएं हैं। 2010 में इस समिट की शुरुआत बराक ओबामा ने की थी। इसके बाद ये पहली बार है, जब किसी एशियाई देश में ये समिट हो रही है। इस समिट में 127 देशों से 1500 आंत्रप्रेन्योर्स और 300 इन्वेस्टर्स समेत करीब 2000 लोग शामिल हैं। भारत के लिए बिजनेस के लिहाज से ये समिट काफी मायने रखती है। इससे पहले पीएम मोदी दुनियाभर के निवेशकों को कह चुके हैं कि मेक इन इंडिया के तहत भारत में बिजनेस बढ़ाइए क्योंकि यहां काफी संभावनाएं हैं।

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ऐसे में भारत के लिए ये समिट कई मायनों में बेहतरीन साबित हो सकती है। इसके साथ ही खास बात ये है कि महिलाओं के लिए ये समिट काफी मददगार साबित होगी। इस समिट में 52.5 फीसदी हिस्सेदारी महिलाओं की है। समिट में 10 देशों के डेलिगेशन में महिलाएं ही होंगी। इसके अलावा खास बात ये है कि इस समिट में हिस्सा लेने वालों में करीब 30 फीसदी लोग युवा हैं, यानी 30 साल या फिर इससे कम उम्र के हैं। ऐसे में दुनियाभर के युवा टैलेंट का फोकस भारत पर होगा। इसके साथ ही पाकिस्तान के लिए ये समिट किसी बड़े झटके से कम नहीं है। अपने पड़ोसी मुल्क की तरक्की देख पाकिस्तान को गहरा जख्म जरूर मिला होगा।

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वहीं चीन के लिए ये समिट बड़ी चुनौती है। संभावनाएं हैं कि इस समिट से भारत को बिजनेस के लिहाज से काफी कुछ मिल सकता है। इस वक्त बिजनेस के मामले में चीन ही भारत का सबसे निकट प्रतिद्ंवदी है। ऐसे में चीन से मुकाबले के लिए ये समिट भारत को नई ऊर्जा प्रदान कर सकती है। भारत और अमेरिका के बीच नई रिश्तों के लिए भी ये समिट कई मायनों में महत्वपूर्ण है। व्यापार बढ़ाने, रक्षा सौदों में तेजी लाने और चीन की व्यापार विरोधी नीतियों को टक्कर देने के लिए दोनों ही मुल्क बेकरार हैं। ऐसे में दोनों ही मुल्कों के लिए ये समिट कारगर साबित हो सकती है। इस तरह से डोनाल्ड ट्रम्प और मोदी के बीच दोस्ती का रिश्ता और मजबूत होगा।