सेना के जवान चीनी फोन और एप्स का प्रयोग बंद करें, खुफिया एजेंसियों का अलर्ट

सेना के जवान अब चीनी मोबाइल फोन और चीनी ऐप्स का इस्तेमाल नहीं करेंगे, सुरक्षा एजेंसियों ने इस को लेकर एक एडवायजरी जारी की है। जिस में ये कहा गया है।

New Delhi, Nov 30: एशिया मं दो देशों के बीच होड़ लगी है आगे बढ़ने की, एक चीन और दूसरा भारत, चीन को परेशानी इस बात से है कि भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है, वहीं चीन की ग्रोथ जिस स्तर पर पहुंच गई है वहां से आगे की राह काफी मुश्किल है। ऐसे में ड्रैगन को लगातार इस बात का डर बना रहता है कि कहीं भारत उसके बराबर पहुंच गया तो उसकी हेकड़ी खत्म हो जाएगी, इसके लिए वो भारत पर नजर रखता है, एक तरह से कहें तो जासूसी करता है, जासूसी के काम में उसके हथियार बनते हैं चीन में निर्मित स्मार्टफोन्स, चीनी एप्लीकशन, जिनका इस्तेमाल भारत में किया जाता है। खास तौर पर सेना से जुड़े लोग या सेना के जवान अगर इनका इस्तेमाल करते हैं तो ये चीन के लिए फायदेमंद रहता है।

Advertisement

इसी को देखते हुए अब खुफिया एजेंसियों ने अलर्ट जारी किया है। खुफिया एजेंसियों ने चीन के साथ लगती LAC के आस पास तैनात जवानों से कहा है कि वो चीन के मोबाइल फोन और चीनी एप्लीकेशन का इस्तेमाल बंद कर दें। सेना के जवान जो ऐप्स यूज करते हैं, जैसे वीचैट, ट्रूकॉलर, वीबो, यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज, इनको अपने फोन से अनइंस्टॉल कर दें, उसके बाद अपने फोन को फॉरमैट कर लें. इससे वे सीमा पार से होने वाली ऑनलाइन जासूसी से बच सकेंगे। अगर सुरक्षा एजेंसियों ये बात कह रही हैं तो माना जा सकता है कि चीन किस हद तक भारत की जासूसी करता है। चीन के सस्ते स्मार्टफोन तेजी से भारत में बिकते हैं। भारत में चाइनीज फोन का बड़ा बाजार तैयार हो गया है।

Advertisement

भारतीय सेना के अधिकारियों ने चीनी ऑनलाइन जासूसी को लेकर चिंता जाहिर की है। अधिकारियों ने एक एडवायजरी जारी करके कहा है कि चीन और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां ऐसे मोबाइल ऐप्लिकेशन का इस्तेमाल करके स्मार्टफोन्स को हैक करती हैं और उनसे डाटा चोरी कर लेती हैं। इस से सेना के अहम राज उनके हाथ लग सकते हैं। यही कारण है कि अब कहा गया है कि सेना के जवान इनसे दूर रहे, अगर उनके फोन में चीनी ऐप्स हैं तो वो उनको डिलीट कर दें, अपना फोन फॉरमैट कर लें। गौर तलब है कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक 4057 किलोमीटर की दूरी में सेना, सीआरपीएफ और आईटीबीपी के जवान तैनात रहते हैं। इनमं से कई के पास चीनी मोबाइल होंगे।  

Advertisement

बता दें कि सुरक्षा एजेंसियां समय समय पर इस तरह की एडवायजरी जारी करती रहती हैं। इसके जरिए साइबर सुरक्षा को बरकरार रखा जाता है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि उम्मीद करते हैं कि जवान अपने व्यक्तिगत और ऑफिशियल स्मार्टफोन और कम्प्यूटर्स को सुरक्षित रखें। बता दें कि इस से पहले भी एयरफोर्स ने अपने अधिकारियों और जवानों से कहा था कि वो चीन कंपनी शाओमी के स्मार्टफोन्स का प्रयोग ना करें। इसके साथ ही ये भी कहा गया था कि उनके परिवार वाले भी इन फोनों से दूर रहें। ये फोन्स डाटा को चीन के सर्वर पर भेजते हैं। चीन ने जो चाल चली थी, उस का तोड़ भारतीय सेना ने निकाल लिया है। अपने स्मार्टफोन्स के जरिए चीन ऑनलाइन जासूसी करना चाहता था। लेकिन अब वो कामयाब नहीं हो पाएगा।