बलूचिस्तान से उठी आवाज, लश्कर प्रेमी परवेज मुशर्रफ को आतंकी घोषित करो

पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को आतंकी घोषित करने की मांग उठने लगी है। उन्होंने कहा था कि वो आतंकी हाफिज सईद के प्रशंसक हैं।

New Delhi, Dec 03: पाकिस्तान ने अपनी बर्बादी की कहानी खुद ही लिख ली है। आतंकियों को पालने की नीति के कारण आज अंतरराष्ट्रीय समुदाय में उसकी किरकिरी हो रही है। कश्मीर में मानवाधिकारों की बात करने वाला पाकिस्तान बलूचिस्तान को भूल जाता है, जहां के नागरिक हर अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपना दुख बयान कर रहे हैं। खास बात ये है कि पाकिस्तान के कुछ नेता लगातार आतंकियों को समर्थन देने की बात करते रहे हैं। इनमें से एक हैं परवेज मुशर्रफ, जो खुलेआम आतंकी संगठनों की पैरवी करते हैं। मुशर्रफ ने कुछ दिनों पहले ही कहा था कि वो लश्कर के सरगना हाफिज सईद के बहुत बड़े प्रशंसक हैं। उनके इस बयान से पाकिस्तान की कलई एक बार फिर से खुल गई थी। ये साफ हो गया था कि वहां की नीति ही आतंक को पोषित करने की है।

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परवेज मुशर्रफ ने जैसे ही आतंकी हाफिज सईद की वकालत ही उसी के साथ बलूचिस्तान में उनके खिलाफ गुस्सा फूट पड़ा। बलूच लोगों के लिए लड़ाई लड़ने वाले एक्टिविस्ट मुशर्रफ को आतंकी घोषित करने की मांग कर रहे हैं। प्रोफेसर नायला बलूच कादरी ने तो यहां तक कहा है कि मुशर्रफ के बयान से साफ है कि वो एक आतंकवादी और आतंकी संगठन को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्हे आतंकी घोषित कर देना चाहिए। नायला कादरी ने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका को आगे आना चाहिए। अमेरिका को मुशर्रफ और उनके जैसे लोगों पर लगाम लगानी चाहिए। मुशर्रफ पाकिस्तान के राष्ट्रपति रह चुके हैं। अगर वो इस तरह का बयान दे रहे हैं तो समझा जा सकता है कि पाक सरकार की नीति क्या होगी।

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बलूचिस्तान में पाक सरकार के खिलाफ आंदोलन करने वाली नायला कादरी ने कहा कि अमेरिका को हाफिज सईद की तरह ही परवेज मुशर्रफ को भी आतंकी घोषित करना चाहिए। अब किसी प्रमाण की जरूरत नहीं रह गई है। मुशर्रफ मे खुद ये साबित कर दिया है कि वो लश्कर सरगना के प्रशंसक हैं। नायला कादरी का कहना है कि अमेरिका एग्जीक्यूटिव ऑर्डर 13224 के तहत मुशर्रफ की अमेरिका में संपत्तियों को जब्त कर सकता है। मुशर्रफ के बयान से ये भी साफ हो गया है कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने हाफिज सईद को कितनी मदद की होगी। वहीं लश्कर चीफ पाक सरकार को किस हद तक प्रभावित करता होगा। नायला कादरी ने कहा कि इस बात की भी जांच होनी चाहिए कि अमेरिकी मदद का कितना इस्तेमाल बलूचिस्तान में लोगों के नरसंहार में किया गया।

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बलूचिस्तान में पिछले काफी समय से पाक सरकार के खिलाफ आंदोलन चल रहा है। चीन के दखल का भी विरोध किया जा रहा है। चीन पाकिस्तान इकॉनमिक कॉरिडोर इस इलाके से हो कर गुजर रहा है। बलूच लोग इसका भी विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तान सरकार ने चीन के सामने समर्पण कर दिया है। आर्थिक गलियारे के लिए बलूच लोगों पर जमकर जुल्म ढाए जा रहे हैं। बलूच लोगों ने तो सेना पर आरोप लगाए हैं कि वो आम लोगों के खिलाफ बर्बतापूर्वक कार्रवाई कर रही है। सेना अपने ही लोगों को मार रही है। अब धीरे धीरे बलूच लोगों की आवाज सुनी जा रही है, अंतरराष्ट्रीय मीडिया में उनको जगह भी मिल रही है। इसी के साथ पाकिस्तान की पोल भी खुलती जा रही है।