कुमार विश्वास के एंटी वायरस से कौन कौन साफ होगा, अरविंद केजरीवाल को चुनौती

आम आदमी पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास अब एंटी वायरस की बात कर रहे हैं, उनके एंटी वायरस से कौन कौन तिलमिलाएगा किसको दिक्कत होगा।

New Delhi, Dec 04: माना हर तरफ राहुल गांधी की ताजपोशी की चर्चा हो रही है। मगर कुछ खबरें और भी हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है, जैसे आम आदमी पार्टी के अंदर क्या कुछ चल रहा है। हाल ही में अपनी स्थापना के पांच साल पूरे करने वाली आप में घमासान अब निर्णायक मोड़ पर पहुंचता दिखाई दे रहा है। 5 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में कुमार विश्वास जमकर बोले थे, उन्होंने कई ऐसी बातें भी की थी जिनसे अरविंद केजरीवाल शायद नाराज हो गए होंगे। अब विश्वास ने आप में केजरीवाल की सत्ता को ही चुनौती दे दी है। जो लोग केजरीवाल की हां में हां नहीं मिलाते थे उनको पार्टी से बाहर कर दिया गया था। उन्ही वापस लाने की कवायद विश्वास शुरू कर रहे हैं।

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कुमार विश्वास ने इस फैसले के जरिए केजरीवाल की ताकत को चुनौती दी है, जो पार्टी पर एकाधिकार रखते हैं। केजरीवाल खेमा विश्वास की हरकतों पर नजर बनाए हुए है। कुमार ने कहा था कि पार्टी से गए नेताओं की वापसी को लेकर बात चल रही है। अगर कोई दूसरी पार्टी में नहीं गया है, तो आ सकता है। नई पार्टी का गठन कर लिया है तो विलय हो सकता है। विश्वास ने कहा कि ये लिस्ट काफी लंबी है। सुभाष वारे से लेकर प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव तक, उन्होंने कहा कि हम ऐसे सभी लोगों से बात कर रहे हैं, समय आ गया है कि अपनी गलतियों के लिए हम उनसे माफी मांगे। विश्वास चाहते हैं कि आप को छोड़कर गए सभी नेता और कार्यकर्ता वापस पार्टी में आ जाएं।

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कुमार विश्वास भले ही पार्टी से निकाले गए नेताओं को वापस लाने की बात कर रहे हैं, लेकिन केजरीवाल खेमा इस से इंकार कर रहा है। केजरीवाल के करीबी नेताओं ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, पार्टी से जिनको निकाला गया है उनको वापस लाने के लिए ऐसी कोई बात नहीं हो रही है। पार्टी से निकाले गए नेताओं में प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव का नाम सबसे ऊपर आता है,. जिनको पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण 2015 में निकाल दिया गया था। उसके बाद दोनों ने अपनी पार्टी स्वराज इंडिया बनाई थी। उसी के बाद से कहा जा रहा है कि आप में केजरीवाल के खिलाफ आवाज उठाने वालों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है। अब कुमार पार्टी से निकाले गए नेताओं को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं। जाहिर है कि केजरीवाल को ये मंजूर नहीं होगा।

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कुमार ने कहा कि आप को एंटी वायरस की जरूरत है। ये एंटी वायरस पार्टी के कार्यकर्ता हैं, जो पार्टी की सफाई कर सकते हैं। कार्यकर्ता बताएंगे कि संगठन में कहां क्या परेशानी आ रही है। समय आ गया है कि हम बैक टू बेसिक के सिद्धांत पर वापस लौटें। बता दें कि कुमार पहले ही एलान कर चुके हैं कि वो अब कार्यकर्ताओं के साथ ज्यादा समय गुजारेंगे। वो हर रविवार को कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रहे हैं। कुमार के इन तेवरों पर केजरीवाल का रुख क्या होता है ये भी जानना होगा. क्या केजरीवाल उन नेताओं को वापस पार्टी में आने देंगे, जिनको उनके इशारे पर ही निकाला गया था। कुल मिलाकर आम आदमी पार्टी दो धड़ों में बंटती हुई साफ दिखाई दे रही है। कुमार अपना कद पार्टी में मजबूत कर रहे हैं, इसके लिए वो संगठन का सहारा ले रहे हैं। वहीं केजरीवाल अपने करीबी लगों से घिरे हुए हैं। इस जंग में जीत जिसकी होगी वही आप का सबसे बड़ा नेता माना जाएगा।