सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल की नई चाल, सुप्रीम कोर्ट में रखी ये मांग

अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील कपिल सिब्बल ने बड़ी मांग की, क्या वो इस मामले के राजनीतिक अंजाम से डर गए हैं।

New Delhi, Dec 05: अयोध्या का मसला अब सुप्रीम कोर्ट के पाले में हैं. कोर्ट में इस मुद्दे पर 5 दिसंबर से रोजाना सुनवाई होगी। दरअसल ये विवाद अब केवल अयोध्या का नहीं बल्कि राजनीतिक मामला बन चुका है, राम मंदिर पर बीजेपी का स्टैंड साफ है, राम मंदिर के कारण ही बीजेपी की राजनीति चर्चा में आई थी। ऐसे में कांग्रेस को लग रहा है कि अयोध्या मामले की सुनवाई जारी रही तो इस से बीजेपी को फायदा हो सकता है। कांग्रेस को इस बात का भी डर है कि बीजेपी इस मुद्दे पर कांग्रेस को हिंदू विरोधी साबित कर सकती है, इसका कारण ये है कि कांग्रेस के नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी कर रहे हैं। ये कई कारण है जिनके चलते कांग्रेस पसोपेश में हैं।

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई शुरू होने के साथ कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने एक चाल चल दी है। सालों से लंबित इस मामले को और खींचने के लिए सिब्बल ने कोर्ट से मांग करते हुए कहा कि इस विवाद की सुनवाई 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद की जाए, सिब्बल ने कहा कि ये राजनीतिक मामला है। सिब्बल ने कहा कि 2019 के चुनाव में इस मामले पर राजनीति हो सकती है। इस दलील के पीछे वकील सिब्बल नहीं बल्कि कांग्रेस नेता सिब्बल का डर बोल रहा था। उनको इस बात का पूरा भरोसा है कि बीजेपी इसका फायदा उठा सकती है। उसी को रोकने के लिए सिब्बल ने कोर्ट में ये मांग रखी। हालांकि केंद्र सरकार के वकील ने कहा कि सरकार रोजाना सुनवाई के पक्ष में है।

Advertisement

इस से पहले सुनवाई शुरू होने के बाद शिया वक्फ बोर्ड के वकील ने सबसे पहले दलीलें पेश कीं, उन्होंने कहा कि शिया बोर्ड विवादित जमीन पर मंदिर बनाए जाने के पक्ष में है। इसका विरोध फौरन सुन्नी वक्फ बोर्ड ने किया। सुन्नी वक्फ बोर्ड ने कहा कि अभी तक मामले से जुड़े सभी दस्तावेज पेश नहीं किए गए हैं। कोर्ट में यूपी सरकार की तरफ से एएसजी तुषार मेहता मौजूद थे, उन्होंने सुन्नी वक्फ बोर्ड की इस दलील का खंडन किया। उन्होंने कहा कि सारे दस्तावेज और कागजात जमा करा दिए गए हैं। अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के पहले ही दिन खासी गहमा गहमी देखने को मिली। सिब्बल समेत सभी पक्षों के वकीलों के बीच जोरदार बहस देखी गई।

Advertisement

बता दें कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से कपिल सिब्बल हैं, तो वहीं रामलला की तरफ से हरीश साल्वे वकील हैं। ये मामला और रोचक होता जा रहा है। माना जा रहा है कि अयोध्या विवाद पर सुनवाई का राजनीतिक असर हो सकता है। कांग्रेस ने अभी तक राम मंदिर पर अपना स्टैंड साफ नहीं किया है। वहीं बीजेपी लगातार कह रही है कि अयोध्या में राम मंदिर बनना चाहिए। कांग्रेस के होने वाले अध्यक्ष राहुल गांधी पर भी इसी को लेकर निशाना साधा जा रहा है। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि शिवभक्त अब कोर्ट में रामलला का विरोध करेंगे। कुल मिलाकर अयोध्या विवाद पर हो रही सुनवाई में कई रोचक मोड़ देखने को मिलेंगे। फैसला सुप्रीम कोर्ट को करना है और जो भी फैसला होगा उसे सभी पक्षों को मानना ही होगा।