अध्यक्ष बनने से पहले राहुल गांधी करना चाहते थे धमाका, अब बुरी तरह घिर गए

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री के साथ बैठक के मुद्दे पर कांग्रेस ने यू टर्न लिया है। बड़ा सवाल, क्या ये सब राहुल गांधी के इशारे पर किया गया है।

New Delhi, Dec 11: गुजरात चुनाव और पाकिस्तान का क्या कनेक्शन है, ये सवाल हर किसी के मन में उठ रहा है। पीएम मोदी के आरोप के बाद से ही कांग्रेस बैकफुट पर है। पीएम मोदी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और उच्चायुक्त के साथ मणिशंकर अय्यर के घर पर बैठक हुई थी। इसी बैठक के बाद अय्यर ने पीएम मोदी को नीच कहा था। इस आरोप के बाद कांग्रेस ने सफाई दी। कांग्रेस ने कहा कि इस तरह की कोई बैठक नहीं हुई, लेकिन अब कांग्रेस ने अपने ही बयान से यू टर्न ले लिया है। कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि हां मणिशंकर अय्यर के घर पर बैठक हुई थी, लेकिन क्या इस तरह की डिनर मीटिंग के लिए भी किसी से इजाजत लेनी पड़ेगी। ये वही आनंद शर्मा हैं जो पहले कह रहे थे कि ऐसी कोई बैठक हुई ही नहीं है।

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कांग्रेस के इस यू टर्न के बाद सवाल खड़े हो रहे हैं कि आखिर कांग्रेस को किस बात का डर था जो उस ने पहले इस बैठक की बात को मानने से इंकार कर दिया था। सूत्रों के मुताबिक पूर्व पाकिस्तानी विदेश मंत्री और उच्चायुक्त के साथ बैठक की योजना राहुल गांधी ने बनाई थी। वो अध्यक्ष बनने से पहले कुछ बड़ा धमाका करना चाहते थे। पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर कांग्रेस की नीति जिस तरह की रही है उसी को लेकर राहुल ने इस बैठक का प्लान बनाया था। मणिशंकर अय्यर गांधी परिवार के करीबियों में हैं। वो पाकिस्तान के साथ बातचीत की पैरवी कई बार कर चुके हैं। इसलिए इस बैठक का आयोजन उनके घर पर किया गया था। सूत्रों का ये भी कहना है कि राहुल गांधी चाहते हैं कि वो देश की विदेश नीति को लेकर मोदी पर सवाल खड़ा करें।

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इसी कोशिश में राहुल ने इस बैठक के बारे में सोचा और उसे अंजाम दिया। सूत्रों का ये भी कहना है कि गुजरात चुनाव में राहुल पाकिस्तान के मुद्दे पर पीएम मोदी को घेर कर सियासी धमाका करना चाहते थे। बहरहाल राहुल की ये रणनीति बैकफायर कर गई, कांग्रेस अपने ही जाल में घिर गई, पीएम मोदी ने इस बैठक को आधार बना कर जमकर हमला किया, उन्होंने कहा कि बैठक के बाद ही मणिशंकर अय्यर ने उनको नीच कहा था। कांग्रेस जो पहले इस बैठक से इंकार कर रही थी उसकी पोल पूर्व सेनाध्यक्ष दीपक कपूर ने खोल दी, उन्होंने इस बैठक की पुष्टि करते हुए कहा कि वो वहां पर मौजूद थे। कांग्रेस अब कह रही है कि क्या किसी के खाने पर बुलाने के लिए भी सरकार से इजाजत लेनी पड़ेगी।

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कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इसी के साथ पीएम मोदी पर हमलों की बौछार कर दी, उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अंग्रेजों का साथ देने वाली पार्टी से देशभक्ति की जरूरत नहीं है। कुल मिलाकर गुजरात की चुनावी जंग में पाकिस्तान का नाम आने के बाद अब कांग्रेस सावधान हो गई है. कांग्रेस को अंदेशा है कि कहीं ये उसके खिलाफ ना चला जाए। मणिशंकर अय्यर के नीच वाले बयान से वैसे भी कांग्रेस को खासा नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है। ऐसे में अगर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री और उच्चायुक्त के साथ गुप्त बैठक का मुद्दा गर्माया रहता है तो कांग्रेस को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है। सवाल इस बात का है कि कांग्रेस ने पहले बैठक से इंकार क्यों किया और बाद में उसे स्वीकार क्यों किया। इस में क्या राज है।