विपक्ष के मुंह पर तमाचा, मोदी-योगी राज में सबसे सुरक्षित हैं मुसलमान

विपक्ष हमेशा से ये आरोप लगाता है कि मोदी-योगी राज में देश के मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। खुद मुस्लिम नेता ही इसे झूठ बताते हैं।

New Delhi Dec 13 : विपक्ष हमेशा ये दिखाने की कोशिश करता है कि भारतीय जनता  पार्टी सांप्रदायिक पार्टी है। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झुकाव हिंदुओं की ओर है। विपक्ष ये भी आरोप लगाता है कि भगवा वस्‍त्र पहनने वाले उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी सांप्रदायिक हैं। असल में ये सब झूठ हैं। खुद देश के मुसलमान ही ये मानते हैं कि वो मोदी-योगी राज में अपने को सबसे ज्‍यादा सुरक्षित महसूस करते हैं। शिया मौलवी कल्‍बे जव्‍वाद कहते हैं कि मोदी-योगी राज मुसलमानों के लिए सबसे अच्‍छा है। उनका ये बयान विपक्ष के मुंह पर करारा तमाचा है। सबसे खास बात ये है कि कल्‍बे जव्‍वाद का ये बयान ऐसे वक्‍त में आया है जब गुजरात में विधानसभा चुनाव का दूसरा और आखिरी चरण का मतदान होना है।

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राजनैतिक तौर पर देखा जाए तो शिया मौलवी कल्‍बे जव्‍वाद के इस बयान का बीजेपी को गुजरात इलेक्‍शन में काफी फायदा मिल सकता है। दरअसल, शिया मौलवी काल्बे जव्वाद का कहना है कि केंद्र की मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ की सरकार अल्पसंख्यकों में अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रही है। मोदी-योगी की सरकार ने मुसलमानों का दिल जीता है। उनके बीच में अपनी जगह बनाई है। इतना ही नहीं शिया मौलवी ये भी कहते हैं कि मुसलमान मोदी-योगी राज के शासन में सबसे ज्यादा सुरक्षित हैं। शिया मौलवी कल्‍बे जव्‍वाद ने ये बयान कानपुर में एक कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया। इस मौके पर उनसे लव जेहाद और गोरक्षा के बारे में भी सवाल किया गया।

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जिस पर कल्‍बे जव्‍वाद का कहना था कि अगर गोरक्षा और लव जेहाद के कुछ मामलों को छोड़ दिया जाए तो उत्‍तर प्रदेश में कानून व्‍यवस्‍था में काफी सुधार हुआ है। कल्‍बे जव्‍वाद ने उन शो कॉल्‍ड राजनैतिक पार्टियों की भी पोल खोलकर रख दी जो खुद को धर्मनिरपेक्ष बताने की कोशिश करती हैं। कल्‍बे जव्‍वाद का कहना है कि जब उत्‍तर प्रदेश में अखिलेश यादव की सरकार हुआ करती थी उस वक्‍त राज्‍य में कुल छह सौ छोटे और बड़े सांप्रदायिक दंगे हुए थे। लेकिन, पिछले आठ महीने से प्रदेश में योगी आदित्‍यनाथ की सरकार है और इस दौरान राज्‍य में एक भी सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ। असल में देखा जाए तो एक मुस्लिम धर्म गुरू ने ही धर्मनिरपेक्षता की फर्जी चादर ओड़ने वाले राजनैतिक दलों की धज्जियां उड़ा दी हैं।

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मोदी-योगी राज में वाकई काफी तब्‍दीली आई है। विपक्ष हर जगह ये ढिढोरा पीटता हुआ घूमता है कि मोदी-योगी राज में मुसलमान सुरक्षित नहीं हैं। सही मायने में देखा जाए तो मुसलमानों की भी आंखे अब खुल चुकी हैं। उन्‍हें पता चल चुका है कि दूसरे राजनैतिक दल उन्‍हें बीजेपी और संघ का डर दिखाकर हमेशा से वोटबैंक की तरह इस्‍तेमाल करते रहे हैं। जबकि स्थितियां इसके उलट हैं। शायद यही वजह है कि इस साल उत्‍तर प्रदेश में हुए विधानसभा के चुनावों में भी मुसलमानों ने बीजेपी के समर्थन में जमकर वोटिंग की थी। जिस पर मायावती ने ईवीएम में गड़बड़ी का आरोप लगाया था। जबकि गड़बड़ी वोटिंग मशीन में नहीं नेताओं की सोच में हैं। यहां एक बात ये भी मानना होगा कि देश में जो सबसे ज्‍यादा धर्मनिरपेक्षता की बात करता है वहीं सबसे ज्यादा सांप्रदायिक होता है। खुद ही सोच कर देखिए।