अपनी ही चाल में फंसे युवराज, कोड ऑफ कंडक्ट में EC ने राहुल गांधी को थमा दिया नोटिस

गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी अपनी ही चाल में बुरी तरह फंस गए हैं। चुनाव आयोग ने उन्‍हें नोटिस जारी कर जवाब मांग लिया है।  

New Delhi Dec 14 : कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी को चुनाव आयोग की ओर से नोटिस जारी होने के बाद कांग्रेस पार्टी बौराई घूम रही है। उसे समझ में नहीं आ रहा है क्‍या किया जाए। इसलिए अब उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधना शुरु कर दिया है। लेकिन, इन सब राजनीति से इतर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी जवाब मांग लिया है। दरअसल, टीवी चैनल्‍स को इंटरव्‍यू ना देने वाले राहुल गांधी ने गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान से ठीक एक दिन पहले गुजरात के एक न्‍यूज चैनल को इंटरव्‍यू दे दिया था। जिसके बाद उनके इंटरव्‍यू को लेकर विवाद खड़ा हो गया था। भारतीय जनता पार्टी ने इस मामले में राहुल गांधी पर आदर्श आचार संहिता के उल्‍लंघन का आरोप  लगाते हुए चुनाव आयोग से शिकायत की थी।

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भारतीय जनता पार्टी की इसी शिकायत पर कार्रवाई करते हुए चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को नोटिस जारी कर दिया। अपने नोटिस में चुनाव आयोग ने राहुल से पूछा है कि क्‍यों ना उन कोड आफ कंडक्‍ट को तोड़ने के आरोप में कार्रवाई की जाए। राहुल गांधी को ये नोटिस बुधवार की शाम करीब साढे सात बजे जारी किया। इतना ही नहीं राहुल के खिलाफ नोटिस जारी करने के साथ ही चुनाव आयोग ने उनका इंटरव्‍यू लेने और टेलीकास्‍ट करने वाले वाले चैनल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए। चुनाव आयोग ने इस मामले में राहुल से 18 दिसंबर की शाम पांच बजे तक जवाब देने को कहा है। उधर, कांग्रेस नेताओं की पूरी फौज बुधवार की रात ही चुनाव आयोग पहुंच गई थी। लेकिन, कोई खास फायदा नहीं मिला।  

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दरसअल, गुजरात विधानसभा चुनाव में दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के लिए मंगलवार की शाम पांच बजे से  ही प्रचार थम गया था। लेकिन, प्रचार थमने के बाद राहुल गांधी ने गुजरात के तीन रीजनल न्‍यूज चैनलों में अपना इंटरव्‍यू दे दिया। राहुल के ये इंटरव्‍यू बुधवार की दोपहर करीब एक बजे टेलीकास्‍ट किए गए थे। जबकि चुनाव आयोग की गाइडलाइन में ये बात पूरी तरह साफ है कि चुनाव प्रचार थमने के बाद किसी भी तरह से मतदाताओं को प्रभावित करने की कोई कोशिश नहीं की जा सकती है।  लेकिन, राहुल गांधी और कांग्रेस को लगा कि शायद वो इसका फायदा उठा सकते हैं। लेकिन, राहुल का ये दांव उन्‍हें ही उलटा पड़ गया है। राहुल के साथ-साथ गुजरात के वो तीनों रीजनल चैनल भी नपते हुए नजर आ रहे हैं जिन्‍होंने उनका इंटरव्‍यू टेलीकॉस्‍ट किया था।

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हालांकि इस मामले में कांग्रेस ने भी बीजेपी पर पलटवार किया और सवाल किया प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पहले चरण के मतदान के दिन रैली कर गुजरात की जनता से बीजेपी को वोट देने की अपील की थी तब उन पर कार्रवाई क्‍यों नहीं की गई। कांग्रेस्र ने दावा किया है कि गुजरात में उनकी पार्टी की एकतरफा जीत होगी। कांग्रेस पार्टी के प्रवक्‍ता रणदीप सिंह सुरजेवाला का कहना है कि चैनलों का दमन किया जा रहा है। 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान भी नरेंद्र मोदी ने कई चैनलों को इंटरव्‍यू दिए थे। भारतीय जनता पार्टी का चुनाव चिन्‍ह दिखाया था। लेकिन, तब चुनाव आयोग ने उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उनका कहना है कि अमित शाह और पीयूष गोयल ने भी तो प्रेस कांफ्रेंस की। रणदीप सुरजेवाला का कहा है कि प्रेस की आवाज को नहीं दबाया जाना चाहिए।