2019 में फिर होगी मोदी की बंपर वापसी, एग्जिट पोल ने दिखा दी आगे की तस्वीर
गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के जो एग्जिट पोल के नतीजे सामने आए हैं उससे 2019 लोकसभा की तस्वीर साफ होती नजर आ रही है।
New Delhi Dec 15 : अभी कल की ही बात है जब गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण की वोटिंग खत्म हुई। इधर वोटिंग खत्म हुई उधर, न्यूज चैनलों के स्टूडियो एग्जिट पोल के लिए तैयार हो गए थे। गुरुवार को गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर एक नहीं दर्जनों एग्जिट पोल हुए। सभी के नतीजे कमोवेश एक जैसे ही थे। सारे के सारे एग्जिट पोल गुजरात और हिमाचल प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बना रहे हैं। गुजरात पहले से ही बीजेपी के कब्जे में हैं। हिमाचल कांग्रेस से छिनता हुआ दिख रहा है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने अभी से एग्जिट पोल के नतीजों पर सवाल उठाने शुरु कर दिए हैं। लाजिमी भी है। लेकिन, इन एग्जिट पोल ने 2019 के लोकसभा चुनाव की तस्वीर अभी से दिखानी शुरु कर दी है।
वैसे तो हम सभी को अभी 18 दिसंबर का इंतजार करना चाहिए और देखना चाहिए कि एग्जिट पोल सही साबित हो रहे हैं या फिर गलत। बहरहाल, 18 दिसंबर का दिन भी हर कोई देखेगा और पार्टियों का उतार-चढ़ाव भी दिखेगा। लेकिन, एक बात तो हर किसी को माननी होगी कि अगर एग्जिट पोल सच साबित हुए तो ये तस्वीर कांग्रेस के लिए बहुत ही बुरी होगी। इसका मतलब साफ है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी की बंपर वापसी हो रही है। कांग्रेस या कहें पूरे के पूरे विपक्ष को अपनी रणनीति को ऊपर से लेकर नीचे तक बदलने की जरूरत होगी। जनता की नब्ज टटोलनी होगी। विपक्ष को देखना होगा कि उसके मुद्दे क्या है। जनता परेशान किस बात से है। अगर विपक्ष के नेता अपनी नाराजगी को ही मुद्दा बनाते रहे तो यकीनन उनका सूपड़ा साफ होना तय है।
कांंग्रेस को ये देखना होगा कि वो जिस गुजरात को जीतने का सपना देख रही थी उसने हिमाचल भी खो दिया क्यों। दरसअल, कांग्रेस पार्टी ने इन चुनावों में नोटबंदी, जीएसटी और विकास को मुद्दा बनाया। देश की जनता पहले से ही नोटबंदी और जीएसटी को स्वीकार चुकी है। जीएसटी को लेकर बेशक कुछ तबकों में नाराजगी हो लेकिन, नोटबंदी से देश की बड़ी आबादी मोदी से काफी खुश है। ये बात ना जाने क्यों विपक्ष मानने को तैयार नहीं है। सही मायने में कहा जाए तो बीजेपी के नेता देश में इस तरह का माहौल बनाने में कामयाब हुए हैं कि जो नोटबंदी का विरोध करे वो उसमें उसे भ्रष्टाचारी नजर आए। नोटबंदी के बाद कई चुनाव हुए। हर चुनाव में बीजेपी ने जीत या फिर बड़ी बढ़त हासिल की। इन सब के बाद भी कांग्रेस पार्टी उसी घिसे पिटे मुद्दे को ढोती रही। जो अब उसे भारी पड़ता नजर आ रहा है।
एग्जिट पोल के नतीजे ये भी दिखाने के लिए काफी हैं कि जनता ने अभी राहुल गांधी को पूरी तरह स्वीकार नहीं किया है। खासतौर पर बतौर हिंदू की तरह। राहुल गांधी अपनी सहूलियत के हिसाब से सांप्रदायिक नावों की सवारी करते हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में भी वो दो नावों पर सवार नजर आए। लेकिन, जनता को सब कुछ दिखाई पड़ता है। उसे मूर्ख बनाना अब आसान नहीं है और ना ही पहले वाला वो वक्त रहा है जब नेता जो कहते थे जनता उसी पर विश्वास करती थी। आज उसके पास चीजों को परखने के संसाधन मौजूद हैं। जांच परख के बाद ही वो कोई फैसला करती है। एग्जिट पोल के नतीजे साफ संकेत दे रहे हैं कि अगर स्थिति यही रही तो यकीनन मोदी की आंधी को 2019 में भी कोई नहीं रोक पाएगा। बहरहाल, हकीकत के लिए इंतजार कीजिए 18 दिसंबर का।