प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से थर्राईं ममता बनर्जी, अगला नंबर पश्चिम बंगाल का है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी की लगातार जीत ने पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। अगला नंबर उन्‍हीं का है।

New Delhi Dec 19 : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्‍व में भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात के साथ-साथ हिमाचल भी फतह कर लिया है। मोदी की इस जीत से उनके विरोधी सहमे हुए नजर आ रहे हैं। सबसे ज्‍यादा परेशान पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी हैं। उन्‍हें अब इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनके गढ़ में भी बीजेपी की सेंधमारी ना कर ले। सही मायने में देखा जाए तो आने वाले सालों में होना भी यही है। भारतीय जनता पार्टी ने अभी से लेफ्ट के इस गढ़ में सेंधमारी की कोशिशें तेज कर दी हैं। शायद यही वजह है कि लंबे समय से ममता बनर्जी और भारतीय जनता पार्टी के बीच 36 का आंकड़ा चल रहा है। ममता बनर्जी बीजेपी को घेरने का कोई भी मौका नहीं छोड़ती हैं। लेकिन, अब वो खुद ही सहमी हुईं नजर आ रही हैं।

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हालांकि पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में अभी वक्‍त है। लेकिन, जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का विजय रथ चल रहा है हर किसी को ये डर सता रहा है कि पता नहीं किस-किस का किला ढहे। जिस तरह से गुजरात भारतीय जनता पार्टी का अभेद्य दुर्ग बना है। उसी तरह से अब पार्टी पश्चिम बंगाल को भी कैप्‍चर करना चाहती है। ऐसे में प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी की तुलना अब ज्‍योति बसु से भी होने लगी है। एक को लेफ्ट विंग के तौर पर जाना जाता है तो दूसरे को राइट विंग के तौर पर। पश्चिम बंगाल में कुछ महीनों पहले भी जो लोकल बाडीज के चुनाव हुए थे उसमें बेशक ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी लेकिन, पहली बार उसे बीजेपी से कडी़ टक्‍कर मिली थी।

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माना जा रहा है कि ममता बनर्जी को इसी बात का डर सता रहा है कि कहीं गुजरात और हिमाचल प्रदेश के नतीजों का असर भी पश्चिम बंगाल पर पड़ना ना शुरु हो जाए। ममता बनर्जी को डर इस बात का भी है कि लेफ्ट के जिस किले को उन्‍होंने कड़ी मेहनत के बाद ढहाया था कहीं अब उन्‍हीं का किला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी ना गिरा दें। दरसअल, कहीं महीनों से बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने अपना पूरा फोकस पश्चिम बंगाल की ओर किया हुआ था। लेकिन, गुजरात और हिमाचल के चुनाव के दौरान यहां पर थोड़ी ढील दे दी गई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह को पता है कि अगर इन लोगों नें पश्चिम बंगाल, केरल और दक्षिण भारत पर कब्‍जा कर लिया तो आने वाले कई सालों में किसी भी पार्टी के भीतर इतनी हिम्‍मत नहीं होगी कि वो बीजेपी को हिला पाए।

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ममता बनर्जी इस बात से बखूबी वाकिफ हैं कि उन्‍हें आने वाले दिनों में बीजेपी से कड़ी चुनौती मिलने वाली है। ममता बनर्जी के खास सिपाहसलार मुकुल रॉय भी बीजेपी में शामिल हो चुके हों। शायद यही वजह है कि पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सांप्रदायिकता का जहर घोलने की कोशिश की जा रही है। लेकिन, तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी को ये बात समझनी होगी कि जिस तरह से गुजरात की जनता सांप्रदायिक ताकतों को उखाड़ चुकी है उसी तरह कहीं पश्चिम बंगाल में भी तीन पत्तियां उखड़ ना जाएं। वैसे भी कहा जा रहा है कि इस वक्‍त पश्चिम बंगाल की जनता ममता बनर्जी के कामकाज से खुश नहीं हैं। पहाड़ी इलाके वैसे भी गोरखालैंड की मांग को लेकर सुलग रहे हैं। ऐसे में ममता बनर्जी पर बीजेपी का संकट बरकरार है।