तबाह होने को बेताब पाकिस्‍तान, भारत को दी परमाणु हमले की धमकी

पाकिस्‍तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। उसने एक बार फिर भारत को परमाणु हमले की धमकी दी है। पढि़ए पाक की नापाक सोच का पूरा सच।

New Delhi Dec 19 : पाकिस्‍तान के भीतर तबाही की छटपटाहट साफ तौर पर देखने को मिल रही है। वो तबाह होने को बेताब नजर आ रहा है। शायद यही वजह है पाकिस्‍तान ने एक बार फिर भारत पर परमाणु हमले की धमकी दी है। पाकिस्‍तान को मालूम है कि अगर भारत और पाक में युद्ध हुआ तो उसका अंजाम क्‍या होगा। लेकिन, फिर भी वो बड़ी बड़ी बातें करने में पीछे नहीं है। दरअसल, पाक की ताजा बौखलाहट कश्‍मीर को लेकर है। अमेरिका ने कश्‍मीर के मुद्दे पर भारत का समर्थन किया है। जिससे वो बुरी तरह बौखला उठा है। इसी बौखलाहट में ही उसने भारत और पाक के बीच परमाणु युद्ध की आशंका तक जता डाली है। सबसे खास बात ये है कि इस तरह की बात किसी और ने नहीं बल्कि खुद पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने की है।

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पाकिस्तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और पाक आर्मी के पूर्व वरिष्‍ठ अफसर लेफ्टिनेंट जनरल नसीर खान जंजुआ का कहना है कि साउथ एशिया क्षेत्र की स्थिरता नाजुक हालत में है। जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच परमाणु जंग की संभावना बनती हुई नजर आ रही है। जनरल नसीर खान जंजुआ का कहना है कि भारत ने खतरनाक परमाणु हथियार जुटा लिए हैं। भारत के पास कई घातक परमाणु हथियार हैं। लेकिन, पाकिस्‍तान इन सब से डरने वाला नहीं है। जनरल नसीर खान जंजुआ भारत पर आरोप लगाते हुए कहते हैं हिंदुस्‍तान की ओर से पाकिस्तान को बार-बार युद्ध की धमकी दी जाती है। ऐसे में अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो इस तरह की संभावनाओं को नकारा नहीं जा सकता है।

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वो भी उस सूरत में जब दोनों ही देश परमाणु संपन्‍न है। दोनों ही देशों के पास परमाणु हथियार हैं। पाकिस्‍तान के राष्‍ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल नसीर खान जंजुआ ने दावा किया जब से हमारे देश ने अमेरिका के साथ गठबंधन किया है तब से हम आतंकवाद का सामना कर रहे हैं। पाक को आतंकवाद के खिलाफ जंग में भारी कीमत चुकानी पड़ी है। जनरल नसीर खान जंजुआ कहते हैं कि लेकिन, तकलीफ तब होती है जब दुनिया हमारी कुर्बानियों को स्‍वीकार ही नहीं करती है। उनका कहना है कि पाकिस्‍तान पर हक्कानी नेटवर्क और तालिबान से संबंध रखने के आरोप लगते हैं। ये आरोप कोई और नहीं बल्कि अमेरिका लगाता है। उनका कहना हे कि अमेरिका अफगानिस्‍तान में अपनी नाकामी का दोष हमारे ऊपर मढ़ता है। जो ठीक नहीं।

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इसी के साथ उन्‍होंने इस सेमिनार में अमेरिका को कश्‍मीर मसले पर भारत का समर्थन करने पर भी आड़े हाथ लेने की कोशिश की। उन्‍होंने कहा अमेरिका इस्‍लामाबाद की बजाए नई दिल्‍ली को तरजीह देता हे। उनका कहना है कि अमेरिका ने भी सीपीईसी का विरोध किया है। दरसअल, पाक अधिकृत कश्‍मीर में पाकिस्‍तान और चीन मिलकर एक कॉरीडोर बना रहे हैं। जिसका नाम चाइना-पाकिस्‍तान इकोनॉमिक कॉरीडोर है। भारत इस प्रोजेक्‍ट पर अपना विरोध दर्ज करा चुका है। वहीं पाक अधिकृत कश्‍मीर के लोग भी नहीं चाहते हैं कि चीन के उनके प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करे। इन सारी सूरत में वो भारत पर आरोप मढ़ता है और परमाणु हमले की धमकी देता है। इससे पहले पाक के रक्षा मंत्री भी भारत को परमाणु हमले की घुड़की दे चुके हैं।