2019 के लिए बीजेपी और संघ ने तैयार किया नया प्‍लान

2019 के लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी और संघ ने अपना नया प्‍लान तैयार कर लिया है। जो विपक्ष पर काफी भारी पड़ सकता है। जानिए क्‍या है नई रणनीति।

New Delhi Dec 20 : बेशक भारतीय जनता पार्टी ने गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव जीत लिया हो। गुजरात में बीजेपी ने अपनी लाज बचा ली हो लेकिन, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि उसे गुजरात में कांग्रेस से कड़ी टक्‍कर मिली है। ऐसे में माना जा रहा है कि अब बीजेपी और संघ को 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी। बीजेपी और संघ ने 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए अपना नया प्‍लान बनाना शुरु कर दिया है। बीजेपी और संघ परिवार नहीं चाहता है कि जिस तरह से भाजपा को 2004 में मुंह की खानी पड़ी थी वहीं हालात अभी पैदा हो। 2019 में चुनाव प्रचार 2004 के शाइनिंग इंडिया की तर्ज पर नहीं किया जाएगा। बीजेपी और संघ की सोच 2022 और 2025 की है।

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दरअसल, बीजेपी हाईकमान और संघ परिवार का मानना है कि पार्टी को उन जगहों पर फोकस करना चाहिए जहां पार्टी कमजोर है। अगर बीजेपी अपने कमजोर घरों को मजबूत कर लेती है तो यकीनन 2019 क्‍या 2024 में भी उसे हराने की ताकत किसी के भीतर नहीं होगी। शायद यही वजह है कि बीजेपी और संघ परिवार ने पश्चिम बंगाल, केरल और दक्षिण भारत के राज्‍यों में अपनी पकड़ मजबूत करनी शुरु कर दी है। इसके साथ ही संघ ने बीजेपी को ये भी नसीहत दी है कि 2019 में पार्टी अपना पूरा फोकस इस बात पर कतई ना करें कि मोदी ने देश में पांच सालों में क्‍या किया। अगर पार्टी का पूरा फोकस इसी पर हो जाएगा तो बाकी मुद्दे जिनके आधार पर वोट बंटोरे जा सकते हैं वो पीछे छूट सकते हैं। इसलिए इससे बचना होगा।

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लेकिन, इसका ये कतई मतलब नहीं है कि चुनावों में विकास का जिक्र ही ना किया जाए। दरसअल, मोदी सरकार का केंद्र में ये पहला कार्यकाल है। हर कोई जानता है कि शुरुआत के दिनों में तो नई सरकार को सिर्फ कामकाज संमझने में ही काफी वक्‍त लग जाता है। ऐसे में मोदी सरकार की तमाम योजनाएं 2022 तक पूरी होंगी। अगर मोदी सरकार ने 2019 के लोकसभा चुनाव में अपनी इन्‍हीं योजनाओं को जीत का आधार बनाने की कोशिश की तो विपक्ष उसे घेर सकता है। बीजेपी और संघ परिवार की प्‍लॉनिंग है कि 2022 के बाद न्‍यू इंडिया का नारा देकर पार्टी को आगे बढ़ना होगा। दरअसल, जिस तरह से कांग्रेस की आक्रामता बढ़ी है उससे पार्टी में ज्‍यादा तो नहीं लेकिन, थोड़ी बहुत बैचेनी जरूर है।

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बीजेपी के सामने इस वक्‍त 2019 से पहले लगभग हर विधानसभा चुनावों को जीतने की चुनौती है। वैसे भी 2019 से पहले जिन राज्‍यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं उसमें ज्‍यादातर पर बीजेपी ही काबिज है। जिसमें मध्‍यप्रदेश, राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़ जैसे राज्‍य शामिल हैं। बीजेपी और संघ की मंशा है कि देश के ज्‍यादा से ज्‍यादा राज्‍य भगवा रंग में रंग जाएं। इसी सोच को हकीकत के आइने में उतारने के लिए बीजेपी और संघ के नेताओं की प्‍लानिंग जारी है। तैयारी कुछ इस तरह की जा रही है कि विपक्ष पूरी तरह धराशायी हो जाए। माना जा रहा है कि करप्‍शन और कालेधन के मसले को पार्टी और भी ज्‍यादा तेजी से उठाएगी। क्‍योंकि ये विपक्ष की दुखती रग है और जनता का सबसे पसंदीदा हंटर। जिसका 2019 में चलना जरूरी है।