2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी का समीकरण बिगाडेगा टूजी स्‍कैम का फैसला ?

टूजी स्‍कैम में सीबीआई की विशेष अदालत सभी आरोपियों को बरी कर चुकी है। लेकिन, ये फैसला 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को भारी पड़ सकता है।

New Delhi Dec 22 : कुछ समय पहले तक टूजी स्‍कैम को देश का सबसे बड़ा घोटाला करार दिया जाता था। बीजेपी इस स्‍कैम को लेकर हमेशा से कांग्रेस को घेरती रही है। लेकिन, अब इस मामले में सीबीआई की विशेष अदालत का फैसला आने के बाद कांग्रेस पार्टी फैसले को ईमानदारी के सार्टिफिकेट के तौर पर पेश कर रही है। ज‍बकि भारतीय जनता पार्टी दुविधा में नजर आ रही है। माना जा रहा है कि इस फैसले का असर 2019 के लोकसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है। बीजेपी को टूजी स्‍कैम में अदालत का फैसला आने के बाद अब अपनी रणनीति बदलनी होगी। बीजेपी की नजर इस वक्‍त दक्षिण भारत पर टिकी हुई थीं। लेकिन, टूजी स्‍कैम में ए राजा और कनिमोझी के बरी होने के बाद बीजेपी का सियासी समीकरण पूरी तरह बदल गया है।

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दरसअल, बीजेपी नेताओं का मानना है कि अगर 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्‍होंने दक्षिण भारत को मजबूत कर लिया तो मोदी के विजय रथ को कोई नहीं रोक पाएगा। तमिलनाडु में दो प्रमुख दल हैं। AIADMK और DMK, दोनों ही एक दूसरे के विरोधी हैं। जयललिता की मौत के बाद AIADMK की कमान शशिकला नटराजन ने संभाल ली थी। लेकिन, अब वो भी जेल में हैं। AIADMK को बीजेपी ने पहले से ही साध रखा है। इसके साथ ही कोशिश DMK को भी साधने की चल रही थी। आप को ध्‍यान होगा कि अभी कुछ दिनों पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चेन्‍नई गए थे। तब उन्‍होंने करुणनिधि से मुलाकात भी की थी। इसके साथ ही बीमार चल रहे करुणानिधि को दिल्‍ली में पीएम आवास में रहकर अपना इलाज कराने का न्‍यौता भी दिया था।

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दोनों की मुलाकात काफी अच्‍छे माहौल में हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी का कहना था कि इस मुलाकात को राजनीति से ना जोडा जाए। ये औपचारिक मुलाकात थी। लेकिन, उसी वक्‍त से कहा जा रहा था कि बीजेपी चाहती है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में वो AIADMK और DMK दोनों को ही साध कर रखे। जिसके साथ जाने में ज्‍यादा फायदा होगा उसी के साथ जाया जाएगा। लेकिन, डीएमके लंबे समय से कांग्रेस के साथ रही है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों के बीच अनबन हो गई थी। लेकिन, अब एक बार फिर टूजी स्‍कैम में फैसला आने के बाद डीएमके और कांग्रेस की दूरियां पटने की उम्‍मीद है। ऐसे में बीजेपी को झटका लग सकता है। इसके साथ ही डीएमके और कांग्रेस दोनों ही इस मसले को काफी जोरशोर से उठा रहे हैं।

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बीजेपी नेताओं पर झूठ फैलाने का आरोप लगाया जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी टूजी स्‍कैम के इस फैसले को अपने पक्ष में भुनाने की कोशिश करेगी। ऐसे में कांग्रेस के करप्शन के खिलाफ हल्‍ला बोलकर सत्‍ता में आने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी को दक्षिण भारत समेत टूजी स्‍कैम और दूसरे घोटालों में अपनी रणनीति बदलनी होगी। इसके साथ ही बीजपी के सामने इस बात की भी चुनौती है कि अगर उसने टूजी स्‍कैम में कांग्रेस के खिलाफ नरमी बरती तो जनता के बीच इसका मैसेज भी गलत जाएगा। जिसका खामियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ सकता है। देखना दिलचस्‍प होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह इस बड़ी उलझन का क्‍या तोड़ लाते हैं।