नॉर्थ कोरिया पर अमेरिका की बंदिश, अब तेल की बूंद-बूंद को तरसेगा किम जोंग

नॉर्थ कोरिया के तानाशाह किम जोंग पर अमेरिका एक बार फिर से बड़ा प्रतिबंध लगाने जा रहा है। बताया जा रहा है कि उत्तरी कोरिया अब तेल की एक एक बूंद के लिए तरसेगा।

New Delhi, Dec 23: नॉर्थ कोरिया का तानाशाह किम जोंग, जो लगातार अपनी करतूतों की वजह से दुनियाभर में बदनाम होता जा रहा है। लेकिन अब लग रहा है कि अमेरिका और उत्तर कोरिया की ये लड़ाई उस मुल्क के लिए ही भारी पड़ने जा रही है। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने उत्तर कोरिया के मिसाइल परीक्षण के जवाब में उस पर नए प्रतिबंध लगाने को मंजूरी दे दी है। संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा उत्तर कोरिया के लिए पहली बार ऐसा बड़ा कदम उठाया गया है। नए प्रतिबंधों के तहत उत्तर कोरिया की पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की सप्लाई सीमीत कर दी गई है। अमेरिका द्वारा ये प्रस्ताव पेश किया गया। आपको इस प्रस्ताव की खास बातें बता देते हैं।  

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इस प्रस्ताव में कहा गया कि उत्तर कोरिया के लिए डीजल और कैरोसीन समेत 90 प्रतिशत रिफाइंड पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर बैन लगेगा। बताया जा रहा है कि अब उत्तर कोरिया की सालाना अधिकतम सीमा पांच लाख बैरल तय होगी। इस वजह से उत्तर कोरिया में पेट्रोलियम उत्पादों का जबरदस्त संकट पैदा हो सकता है। इसके साथ ही उत्तर कोरिया के लिए कच्चे तेल के निर्यात को कम करने पर भी बात बनी है। बताया जा रहा है कि उत्तर कोरिया एक साल में 40 लाख बैरल ही सप्लाई होगा। इस प्रस्ताव की एक और खास बात है। 12 महीनों के भीतर विदेशों में काम कर रहे उत्तर कोरियाई श्रमिकों के प्रत्यावर्तन की मांग भी इस प्रस्ताव में शामिल की गई है।

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इसके साथ ही उत्तर कोरिया के लिए खाद्य उत्पादोंसमेत विद्युत उपकरण और पत्थर के निर्यात पर भी रोक लगाने की मांग की गई है। खास बात ये है कि इस सप्लाई पर रोक से उत्तर कोरिया के मिसािल प्रोग्राम पर बड़ा असर पड़ेगा। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ में कहा कि ’29 नवंबर को उत्तर कोरिया ने अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट किया था। ये उत्तर कोरिया द्वारा खुद को महान बताने की एक और कोशिश थी। अमेरिका ने कहा कि उत्तर कोरिया में लोग भूखे मर रहे हैं, उनके सैनिक दूसरे देश भाग रहे हैं। लेकिन अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए उत्तर कोरिया लगातार बेफिजूल की चुनौती पेश कर रहा है।

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अमेरिका ने कहा कि इसलिए ये अभूतपूर्व प्रतिक्रिया दी गई है। बताया गया है कि उत्तर कोरिया ज्यादातर पेट्रोलियम पदार्थों का इस्तेमाल अपने अवैध परमाणु और बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम्स को पूरा करने के लिए कर रहा है। अमेरिका ने कहा कि ‘पेट्रोलियम उत्पादों की सप्लाई रोकने से उत्तर कोरिया अब इस तरह के हथियार नहीं बना सकेगा। यानी इतना साफ है कि इस सप्लाई के रुकने से किम जोंग के परमाणु कार्यक्रम पर रोक लग सकती है। ऐसे में आने वाले वक्त में उत्तर कोरिया अब अमेरिका के लिए क्या चुनौती पेश करेगा, ये भी देखना होगा। फिलहाल इतना जरूर है कि अमेरिका की कार्रवाई से कोरिया बौखला गया है।