देश को बर्बाद करने पर तुली है कांग्रेस ? शीतकालीन सत्र में नहीं होने दिया एक भी काम
संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस का हंगामा जारी है। कांग्रेस पार्टी ने एक भी दिन संसद का कामकाज ठीक से नहीं चलने दिया है। जरा सोचिए क्या चाहती है ये पार्टी।
New Delhi Dec 27 : क्या कांग्रेस पार्टी देश को बर्बाद करने पर आमादा है। क्या कांग्रेस पार्टी के लिए देश से बढ़कर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की विश्वसनीयता का सार्टिफिकेट है। आखिर क्यों कांग्रेस पार्टी एक ही बात पर संसद में हंगामा कर रही है। कांग्रेस पार्टी के हंगामे का आलम ये है कि इस बार शीतकालीन सत्र में एक भी काम ढंग से नहीं हो पाया है। कांग्रेस ने संसद के दोनों को ही नहीं चलने दिया है। कांग्रेस पार्टी की ओर से मांग क्या की जा रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से माफी मांगे वो भी संसद के भीतर। जबकि मोदी ने मनमोहन सिंह के खिलाफ संसद के भीतर कोई भी बयान नहीं दिया। इसी बात को लेकर कांग्रेस पार्टी संसद का शीतकालीन सत्र ही नहीं चलने दे रही है।
जबकि नैतिकता तो ये कहती है कि कांग्रेस पार्टी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को देश से माफी मांगनी चाहिए। शीतकालीन सत्र में कांग्रेस का हंगामा क्यों है जरा ये भी समझ लीजिए। दरसअल, जिस वक्त गुजरात विधानसभा चुनाव चल रहे थे उस वक्त कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तान के कुछ नेताओं और अफसरों को अपने घर पर दावत दी थी। इस दावत में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी मौजूद थे। इस बात की जानकारी जब सार्वजनिक हुई तो बीजेपी ने कांग्रेस को घेरना शुरु कर दिया। दरसअल, इस वक्त भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी स्तर की कोई बातचीत नहीं चल रही है। दोनों ही देशों के बीच तनातनी है। बावजूद इसके मणिशंकर अय्यर ने पाकिस्तानियों की शान में दावत दे डाली।
जिसमें कई कांग्रेसी नेता शामिल हुए। लेकिन, कांग्रेस पार्टी जब इस मामले पर फंसी तो उसने देश की जनता के सामने सफेद झूठ बोल दिया कि ऐसी कोई मुलाकात हुई ही नहीं। लेकिन, जब डिनर में शामिल लोग ही खुलकर बयान देने लगे तो कांग्रेस पार्टी को मानना पडा कि हां डिनर का आयोजन किया गया था। जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हुए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात की चुनावी रैली में इसी बात को लेकर मनमोहन सिंह और कांग्रेस पार्टी को घेरा था। जाहिर सी बात है कि जबकि भारत और पाकिस्तान के बीच कोई बातचीत नहीं चल रही है तो फिर देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी के नेता पाकिस्तानियों को दावत क्यों देते हैं। इस पर कांग्रेस को देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए थी।
लेकिन, कांग्रेस ने उलटे ही शीतकालीन सत्र में हंगामा खड़ा कर दिया। नतीजा ये निकल रहा है कि शीतकालीन सत्र में एक भी काम नहीं हो पा रहा है। शीतकालीन सत्र के सिर्फ पांच दिन बचे हुए हैं, कई महत्वपूर्ण बिल पेश होने हैं। लेकिन, कांग्रेस को इसी कोई चिंता नहीं है। उसे तो बस मनमोहन सिंह की देशभक्ति का सार्टिफिकेट बीजेपी से चाहिए। कांग्रेस के हंगामे की वजह से ही अब तक शीतकालीन सत्र में ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल पेश नहीं हो पाया है। जबकि सरकार ने इस बिल को पिछले हफ्ते ही पेश करने की तैयारी कर ली थी। ऐसे में जनता को ये तय करना होगा कि उसे कांग्रेस का हंगामा मंजूर है या फिर देशहित में होने वाले संसद के काम। क्योंकि कांग्रेस के हंगामे की वजह से जनता के खूनपसीने की कमाई पानी में बह रही है।