तीन तलाक के लिए क्यों जरूरी है नया कानून, कानून मंत्री ने दी 10 दलीलें

तीन तलाक कानून क्यों जरूरी है ? इस बारे में कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कुछ बातें बताई हैं। इन बातों जरिए उन्होंने बताया है कि ये कानून क्यों जरूरी है।

New Delhi, Dec 28: संसद में तीन तलाक बिल पेश करने के बाद कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कुछ खास बातें बताई हैं। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाम लगाए जाने के बाद देश में ट्रिपल तलाक के केस रुक नहीं रहे हैं। इसके अलावा भी केंद्रीय मंत्री ने कुछ और खास बातें बताई हैं, जिनके बारे में आपका जानना जरूरी है। रविशंकर प्रसाद के मुताबिक मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सर्वोच्च न्यायालय में कहा था कि निकाह कराने वाले मौलवी दोनों को यानी शौहर और बीवी को सलाह देंगे कि तीन बार इस शब्द का इस्तेमाल करने से बचेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में एफेडेविट दिया था।

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लेकिन इसके बाद भी 2017 में 300 ट्रिपक तलाक के मामले सामने आए हैं। रविशंकर प्रसाद का कहना है कि ट्रिपल तलाक को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गैरकानूनी ठहराए जाने के बाद भी 100 से ज्यादा मामले हो चुके हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कुछ वक्त पहले ही एक मुस्लिम महिला को इसलिए तलाक दिया गया क्योंकि वो देर से सोकर उठी थी। सिर्फ इस वजह से ही शौहर ने 3 बार तलाक कहकर उसे घर से बाहर निकाल दिया। इसके साथ ही कानून मंत्री का कहना है कि दुनियाभर के ज्यादातर इस्लामिक देशों में ट्रिपल तलाक को रेगुलेट करने के लिए कानून तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश, मलेशिया, इंडोनेशिया और पाकिस्तान जैसे मुल्क शामिल हैं।

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इसके साथ ही रविशंकर प्रसाद का कहना है कि ज्यादातर इस्लामिक मुल्कों में अगर तलाक देना है तो पहले आर्बिट्रेशन काउंसिल को इसकी वजह बताने की जरूरत होती है। इसके ठीक उलट मुस्लिम समाज में सुधार के लिहाज से भारत पीछेे रह गया है। इसलिए इस कानून को लाने की सख्त जरूरत है। इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री ने बांग्लादेश के कानून का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में कानून में ये बात है कि तलाक देने के लिए पहले लिखित में सरकार को जानकारी देनी होगी। बिना सूचना के अगर किसी ने तलाक दिया है तो उसके लिए 1 साल की सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही जुर्माने का प्रावधान है। इसके अलावा पाकिस्तान में भी इसी तरह का कानून है।

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केंद्रीय मंत्री के मुताबिक अफगानिस्तान और मोरोक्को जैसे कई देशों में भी तीन तलाक को रेगुलेट करने के लिए कानून तैयार हो चुका है। तो फिर क्यों भारत में इस प्रावधान से अलग रहा जाए। रविशंकर प्रसाद के मुताबाकि ट्रिपल तलाक गैरकानूनी है। सका असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ रहा था। उन्होंने बताया कि इसके बाद महिलाएं फुटपाथ पर आने के लिए मजबूर हो जाती थीं। इसके अलावा बच्चों की परवरिश नहीं हो पाती थी। रविशंकर प्रसाद का कहना है कि नए कानून में मजिस्ट्रेट के पास ये पावर रहेगी कि वो मामले को देखते हुए फैसला ले सके। इस तरह से केंद्रीय मंत्री ने अपनी दलीलें दी हैं।