महा बेशर्म सरकार : तिरंगा फहराने के खिलाफ हैं केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ?
क्या केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ध्वजारोहण के खिलाफ हैं। क्या देश में तिरंगा फहराना गुनाह है। ये सवाल केरल के सीएम से लगातार पूछे जा रहे हैं।
New Delhi Dec 29 : केरल सरकार ने बेशर्मी की इंतहां पार कर दी है। इस देश में हर नागरिक को तिरंगा फहराने का पूरा हक है। देश का नागरिक कहीं पर भी तिरंगा फहरा सकता है। उसका सम्मान कर सकता है। लेकिन, केरल में लेफ्ट की सरकार में शायद ये सब गुनाह है। ये सवाल इसलिए खड़े हो रहे हैं क्यों केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने पलक्कड़ स्थित एक स्कूल के खिलाफ कार्रवाई के आदेश जारी कर दिए हैं। ये वो स्कूल है जिसमें स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने ध्वजारोहण किया था। इस स्कूल ने मोहन भागवत को स्कूल में तिरंगा फहराने की इजाजत दी थी। लेकिन, अब ये इजाजत स्कूल को भारी पड रही है। क्योंकि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने स्कूल के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी शुरु कर दी है।
जानकारी के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने डीपीआई को सरकार द्वारा संचालित पलक्कड़ के कर्नाकेयामेन स्कूल के प्रधानाचार्य और प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने के आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने राज्य की पुलिस को ये भी पता लगाने को कहा है कि क्या इस मामले में स्कूल और ध्वजारोहण करने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई की जा सकती है। यानी केरल के मुख्यमंत्री चाहते हैं कि जिन लोगों ने मोहन भागवत को ध्वजारोहण के लिए परमीशन दी उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। वो भी हर स्तर की। दरअसल, केरल सरकार का कहना था कि उन्हें उम्मीद थी कि राज्य में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल सरकार के दिशा निर्देशों के मुताबिक ही स्वतंत्रता दिवस के समारोह को आयोजित करेंगे।
पिनराई विजयन की सरकार की ओर से आदेश पारित किया गया था कि किसी भी स्कूल में 15 अगस्त के समारोह में कोई भी राजनैतिक शख्स हिस्सा नहीं लेगा। लेकिन, पलक्कड़ के स्कूल ने सरकार के आदेश के खिलाफ मोहन भागवत को अपने यहां स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ध्वजारोहण की इजाजत दे दी थी। पलक्कड़ के जिलाधिकारी ने कर्नाकेयामेन स्कूल के प्रबंधन को सूचित किया था कि सिर्फ जनप्रतिनिधि या संस्थान के प्रमुख ही 15 अगस्त को ध्वजारोहण कर सकते हैं। बताया जाता है कि ये स्कूल संघ समर्थकों का है। वहीं भारतीय जनता पार्टी पहले ही ये कह चुकी है कि मोहन भागवत कोई राजनेता नहीं हैं और ना ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ कोई राजनैतिक दल है। ऐसे में इस तरह की कार्रवाई का आदेश पूरी तरह गलत है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के इस आदेश के खिलाफ बीजेपी ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष कुम्मानेम राजशेखरन का कहना है कि वो पिनराई विजयन के इस आदेश से कानूनी तौर पर निपटेंगे। राजशेखरन का कहना था कि उस वक्त जो भी हुआ था उसमें कुछ भी गलत नहीं था और ना ही किसी नियम का उल्लंघन किया गया था। बीजेपी का कहना है कि 15 अगस्त को राज्य में इस तरह की कई घटनाएं हुई थीं। लेकिन, कार्रवाई सिर्फ इसी स्कूल पर क्यों की जा रही है। बीजेपी का आरोप है कि पिनराई विजयन इस केस में राजनीति कर रहे हैं। ये उनकी राजनैतिक चाल है जिससे कानूनी तौर पर ही निपटा जाएगा। बीजेपी ने केरल सरकार को नसीहत दी है कि उन्हें ध्वजारोहण पर सियासत नहीं करना चाहिए।