AAP में फिर बढ़ा ‘विश्वास’ का संकट, इस बार उखड़ेंगे तंबू-कनात ?
आम आदमी पार्टी में ‘विश्वास’ का संकट बढ़ता जा रहा है। पार्टी दो गुटों में बंटती जा रही है। कौन किस पर यकीन करे समझ ही नहीं आ रहा है।
New Delhi Dec 29 : जिस ‘विश्वास’ की वजह से आम आदमी पार्टी ने देश में अपनी पहचान बनाई थी। दिल्ली की सत्ता पर कब्जा किया था। वहीं ‘विश्वास’ आज आम आदमी पार्टी खोती जा रही है। पार्टी के बड़े नेता एक दूसरे पर यकीन ही नहीं कर पा रहे हैं। नेताओं का आपसी ‘विश्वास’ अविश्वास में बदलता जा रहा है। नतीजा ये निकल रहा है कि आम आदमी पार्टी में कई गुट बनते जा रहे हैं। फिलहाल हम दो गुटों की बात कर रहे हैं। एक गुट कुमार विश्वास का है और दूसरा गुट अरविंद केजरीवाल का। दोनों के बीच लंबे समय से शीत युद्ध चल रहा है। मौजूदा वक्त में पार्टी के भीतर राज्यसभा की सदस्यता को लेकर घमासान मचा हुआ है। पार्टी के कई नेता और कार्यकर्ता जहां एक ओर कुमार विश्वास की सदस्यता का समर्थन कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर उनका विरोध करने वालों की भी कोई कमी नहीं है।
राज्यसभा सीट के अंदरुनी संघर्ष को लेकर अब कुमार विश्वास के समर्थकों ने आम आदमी पार्टी के बाहर ही ढेरा डाल दिया है। ‘विश्वास’ की सदस्यता की मांग को लेकर उनके समर्थकों ने पार्टी के बाहर प्रदर्शन किया। पार्टी दफ्तर के बाहर हंगामा भी हुआ। जिसकी शिकायत आम आदमी पार्टी की ओर से पुलिस से भी की गई। आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पुलिस से शिकायत की कुछ बाहरी लोगों ने पार्टी दफ्तर पर कब्जा कर लिया है। पुलिस से की गई शिकायत में पार्टी में खोते ‘विश्वास’ का जीता जागता उदारहण दिख रहा था जिसमें पार्टी के कार्यकर्ता बहारी बन गए थे। पुलिस ने भी इन लोगों से दफ्तर को खाली करने की अपील की। जिस पर कार्यकर्ताओं ने इसे पार्टी का अंदरूनी मामला बताते हुए पुलिस को आश्वास्त किया कि उनकी ओर से कोई हंगामा नहीं किया जा रहा हे।
इसके साथ ही ये भी कहा गया कि उनकी ओर से कोई ऐसा काम नहीं किया जाएगा जिससे शहर की कानून-व्यवस्था खराब हो। कुमार विश्वास के समर्थन पूरे ‘विश्वास’ के साथ रातभर पार्टी दफ्तर में ही तंबू कनात गाड़े डटे रहे। इस बीच कुमार विश्वास ने भी इस पर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की। उन्होंने एक ट्वीट किया। अपने ट्वीट में उन्होंने अभिमन्यु का जिक्र करते हुए पार्टी कार्यकर्ताओं से निवेदन किया और कहा कि ‘मैनें आप सब से सदा कहा है, पहले देश, फिर दल, फिर व्यक्ति, आम आदमी पार्टी मुख्यालय पर जमा कार्यकर्ताओं से निवेदन है कि स्वराज बैक टू बेसिक, पारदर्शिता के मुद्दों के लिए संघर्ष करें, मेरे हित-अहित के लिए नहीं. स्मरण रखिए अभिमन्यु के वध में भी उसकी विजय है।’
जाहिर है इशाराें ही इशारों में कुमार विश्वास ने बड़ी बात कह डाली है। दरअसल, मसला ये है कि दिल्ली में जनवरी में राज्यसभा की तीन सीटें खाली हो रही है। तीनों ही सीटों पर आम आदमी पार्टी का ही कब्जा रहेगा। लेकिन, केजरीवाल किसे राज्यसभा भेजेंगे इस पर सस्पेंस बरकरार है। कुमार विश्वास के समर्थक उन्हें राज्यसभा भेजना चाहते हैं। जबकि इस रेस में संजय सिंह और आशुतोष भी शामिल हैं। वहीं दूसरी ओर पार्टी की तरफ से कहा जा रहा है कि वो पार्टी के किसी नेता की बजाए बाहरी व्यक्ति को राज्यसभा भेजेंगे। जबकि अंदरखाने ये कहा जा रहा है कि ये सारी कवायद कुमार विश्वास का पत्ता काटने के लिए की जा रही है। सीधे शब्दों में कहें तो आम आदमी पार्टी में विश्वास का संकट बढ़ता ही जा रहा है।