‘साफ्ट हिंदुत्‍व’ की राह पर चले राहुल गांधी के लिए सिरदर्द बना ट्रिपल तलाक का बिल ?

ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल लोकसभा से पास हो चुका है। राज्‍यसभा की परीक्षा बाकी है। लेकिन राहुल गांधी के लिए ये बिल सिरदर्द बन गया है।  

New Delhi Dec 30 : कहते हैं दो नाव की सवारी करने वाले लोगों को हमेशा पानी में डूबने का डर सताता रहता है। कांग्रेस अध्‍यक्ष राहुल गांधी के साथ भी इन दिनों कुछ ऐसे ही हालात हैं। गुजरात विधानसभा चुनाव में वोटों की खातिर राहुल गांधी ने साफ्ट हिंदुत्‍व की राह पकड़ ली थी। लेकिन, अब राहुल गांधी के सामने ट्रिपल तलाक के खिलाफ बिल मुंह बाए खडा है। कांग्रेस को समझ ही नहीं आ रहा है कि आखिर वो ट्रिपल तलाक के खिलाफ इस बिल को किस तरह से ट्रीट करे। कांग्रेस पार्टी को इस वक्‍त अपनी इमेज की चिंता सता रही है। जिसकी सबसे बड़ी वजह कंफ्यूजन है। इसी कंफ्यूजन के चलते कांग्रेस पार्टी तय नहीं कर पा रही है कि वो इस बिल का विरोध करे या फिर समर्थन। या फिर कोई बीच का रास्‍ता निकालकर भाग खड़े हों।

Advertisement

दरसअल, ट्रिपल तलाक के मसले पर भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का फार्मूला एकदम स्‍पष्‍ट है। वो इस मसले पर मुस्लिम महिलाओं के साथ हैं। उनके हक में बीजेपी ने इस बिल को लोकसभा से पास भी करा दिया है। लेकिन, ट्रिपल तलाक के खिलाफ इस बिल को अब राज्‍यसभा के भीतर भी अपनी परीक्षा पार करनी है। राज्‍यसभा में बीजेपी अकेले अपने दम पर इस बिल को पास नहीं करा सकती है। उसे विपक्ष का साथ चाहिए ही होगा। सीधे शब्‍दों में कहें तो अब ट्रिपल तलाक के इस बिल की गेंद विपक्ष के पाले में है। विपक्ष को तय करना है कि वो मुस्लिम महिलाओं के साथ हैं या फिर उनके विरोध में। कांग्रेस भी इसी बात को लेकर परेशान है। उसे पता है कि अगर वो इस बिल का समर्थन करती है तो मुसलमान उससे नाराज हो सकते हैं।

Advertisement

ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का गुस्‍सा भी उसे झेलना पड़ सकता है। वहीं अगर कांग्रेस पार्टी बिल का विरोध करती है तो मुस्लिम महिलाएं उससे छिटक जाएंगी। दोनों ही सूरत में फायदा बीजेपी को ही होता हुआ नजर आ रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ट्रिपल तलाक के खिलाफ इस बिल को दो जनवरी को राज्‍यसभा में पेश करेगी। ऐसे में देखना बेहद दिलचस्‍प होगा कि साफ्ट हिंदुत्‍व की राह पर चल पड़े राहुल गांधी क्‍या करते हैं। अगर कांग्रेस पार्टी बिल को लेकर आक्रामक रुख नहीं अपनाती है तो बिल के पास होने का रास्‍ता साफ हो सकता है। लेकिन, अपनी इमेज को लेकर परेशान कांग्रेस पार्टी ने अब तक इस पर अपनी स्थिति को स्‍पष्‍ट नहीं किया है।

Advertisement

कांग्रेस पार्टी पर ट्रिपल तलाक को लेकर सवाल इसलिए भी खड़े हो रहे हैं क्‍योंकि सुप्रीम कोर्ट के भीतर इस केस में कांग्रेस पार्टी के वरिष्‍ठ नेता कपिल सिब्‍बल ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की पैरोकारी कर चुके हैं। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड आज भी इस बिल के खिलाफ है। हालांकि कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी इस बिल में कुछ आपत्तियां लगाकर इसे लटकाने की कोशिश कर सकती है। जबकि मोदी सरकार चाह रही है कि ये बिल इसी शीतकालीन सत्र में पारित हो जाए। ट्रिपल तलाक को लेकर सभी दलों का अपना अपना गुणा गणित है। सब अपनी रणनीति के हिसाब से ही काम कर रहे हैं। लेकिन, इस मामले में सबसे ज्‍यादा फंसी कांग्रेस पार्टी ही नजर आ रही है। इसलिए वो इस बिल को राज्‍यसभा के भीतर सिलेक्‍ट कमेटी के पास भेजने की कोशिश करेगी।