2017 कश्मीर में आतंकियों के लिए ‘काल वर्ष’ था, 206 आतंकी पहुंचाए गए जहन्नुम
कश्मीर घाटी में आतंकियों के लिए 2017 काल वर्ष की तरह साबित हुआ है, सुरक्षा बलों ने 206 आतंकियों को मार गिराया है, ये बड़ी कामयाबी है।
New Delhi, Jan 01: जम्मू और कश्मीर आतंक के नासूर को सालों से झेलता आ रहा है, कभी आतंकी हमला, तो कभी पत्थरबाजों का आतंक, इन सबसे घाटी का जीवन प्रभावित हो गया था. आए दिन अलगाववादियों द्वारा बंद का आयोजन किया जाता था। इस से घाटी की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी। इन्ही सब को देखते हुए सेना ने 2017 में घाटी में आतंकियों के खिलाफ ऑपरशन ऑल आउट शुरू किया था। इसका मकसद था कि आतंकियों को ना केवल खत्म किया जाए बल्कि उनको मुख्य धारा में लौटने के लिए तैयार भी किया जाए. सेना की ये मुहिम कितनी कारगर साबित हुई है, इसके बारे में सेना ने खुद बतया है, जिसके मुताबिक 2017 आतंकियों के लिए काल वर्ष साबित हुआ है।
जम्मू कश्मीर में पिछले एक साल के दौरान सेना ने कई अहम कामयाबियां हासिल की हैं, कई बड़े आतंकियों को मार गिराया है. आतंकी संगठनों के कमांडरों को मार गिराया है, जिस से उनकी कमर टूट गई है. वहीं अलगाववादियों पर भी नकेल कसी गई है। टेरर फंडिंग के मामलों में अलगाववादियों पर शिकंजा कसा जा रहा है, इस से पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी देखने को मिली है। पिछले साल घाटी में सेना और सुरक्षा बलों ने 206 आतंकियों को मार गिराया है. ये जानकारी इलाके के पुलिस महानिदेशक एस.पी. वैद ने दी. उन्होंने कहा कि ना केवल 206 आतंकियों को मार गिराया गया है बल्कि 75 आतंकियों को आतंक का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा में लाने में भी कामयाबी हासिल हुई है।
एसपी वैद्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि 2017 में कश्मीर घाटी में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ऑल आउट शुरू किया था। इस ऑपरेशन को लेकर कई तरह की बातें की जा रही थीं, कहा जा रहा था कि ये ऑपरेशन आतंकियों के एनकाउंटर के लिए किया गया है, बहुत सारी गलतफहमियां थी, एसपी वैद्य ने कहा कि हम ये साफ कर देना चाहते हैं कि ये अभियान केवल आतंकियों को मार गिराने के लिए ही नहीं बल्कि उन्हें हथियार छोड़कर मुख्यधारा में शामिल करने के लिए भी शुरू किया गया था। इसका असर अब दिखाई दे रहा है। घाटी में युवा धीरे धीरे ही सही आतंक का रास्ता छोड़ रहे हैं। उनको समझाया जा रहा है काउंस्लिंग कराई जा रही है।
एसपी वैद्य ने बताया कि घाटी में जो आतंकी वापस लौटे हैं उनके परिवार वाले काफी खुश हैं, इनमें से कई युवा या तो आतंक की राह पकड़ चुके थे, या फिर जुड़ने वाले थे, इन के परिजनों की खुशी और समर्थक सुरक्षा बलों के लिए काफी अहम है। कई युवा तो ऐसे थे जो अपने परिवार का सेना के प्रति समर्पण देख कर हथियार छोड़ कर वापस आ गए। इसके अलावा उन्होंने ये भी बताया कि स्थानीय पुलिस ने 34 लोगों के खिलाफऱ नशीले पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग का मामला भी दर्ज किया है. एस पी वैद्य ने उम्मीद जताई है कि 2018 में भी इसी तरह से आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेगा, कोशिश की जा रही है कि युवा आतंक की राह त्याग कर फिर से मुख्य धारा में शामिल हो सकें।