राहुल गांधी की छवि के हिसाब से कांग्रेस का स्टैंड, युवराज को स्थापित जो करना है

तीन तलाक बिल पर रोड़े अटका कर कांग्रेस राहुल गांधी की छवि खराब नहीं करना चाहती है, इसलिए राज्यसभा में इसका समर्थन कर सकती है।

New Delhi, Jan 01: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पार्टी के लिए बहुत जरूरी हैं, राजनीति में राहुल को स्थापित करने के लिए कांग्रेस अपना स्टैंड तक बदल सकती है, जी हां, देश में कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कांग्रेस का रुख साफ नहीं है, वो कभी समर्ज्ञथन तो कभी विरोध करती है, अब तीन तलाक के मामले को ही ले लीजिए, पहले तो कांग्रेस ने इस मामले में कुछ नहीं कहा, जब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक को गैरकानूनी घोषित कर दिया तो कांग्रेस ने कहा कि वो कोर्ट के फैसले का समर्थन करती है। दरअसल वोटबैंक की राजनीति के कारण कांग्रेस कई बार इसी तरह का स्टैंड ले चुकी है। लकिन अब कांग्रेस को ये समझ आ रहा है कि इस तरह के मुद्दों पर न्यूट्रल रहना पार्टी के लिए हानिकारक साबित हो सकता है।

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तीन तलाक पर मोदी सरकार ने जो बिल तैयार किया है वो लोकसभा में पास हो गया है, इसे अब राज्यसभा में पास होना है, राज्यसभा में मोदी सरकार के पास बहुमत नहीं है, ऐसे में कांग्रेस का रुख महत्वपूर्ण हो सकता है, सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस शाहबानो प्रकरण से सबक ले कर तीन तलाक के मुद्दे पर सावधानी से आगे बढ़ रही है, राहुल गांधी की छवि का सवाल है। लोकसभा में कांग्रेस ने इस बिल का समर्थन तो किया, लेकिन इस में कुछ खामिया भी बताई थी। कांग्रेस तन तलाक को अपराध बताने वाले क्लॉज को हटाने के पक्ष में थी, लेकिन अब राज्यसभा में पार्टी का रुख बदल सकता है। बताया जा रहा है कि कांग्रेस नेताओं ने इस बारे में विचार किया है, कई कांग्रेसी नेता इस बिल के समर्थन में हैं।

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बता दें कि सरकार जो बिल लाई है उस मं तीन तलाक को अवैध करार दिया है, इसे दंडनीय अपराध की श्रेणी में रखा है, तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान किया गया है। साथ ही ये गैर जमानती अपराध होगा। कांग्रेस अब इसे जमानती बनाने के पक्ष में है। कांग्रेस का मानना है कि इस बिल के तहत किसी ने तीन तलाक दिया तो पति का जेल जाना तय है, ऐसे में पीड़ित महिला को हरजाने की रकम मिलने में परेशानी हो सकती है, साथ ही दोनों के बीच सुलह की कोशिश भी नहीं हो पाएगी। कांग्रेस की योजना केवल इस बिल में तीन तलाक को जमानती अपराध बनाने पर है, इसे छोड़कर वो बिल का समर्थन करने के मूड में हैं। दरअसल इसका कारण ये है कि कांग्रेस नहीं चाहती है कि राहुल गांधी की छवि तीन तलाक बिल पर रोड़े डालने वाले नेता की बनें।

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जो गलती राहुल के पिता राजीव गांधी ने शाहबानो केस में की थी, उस से राहुल बचना चाहते हैं। शाहबानों प्रकरण से कांग्रेस की छवि को काफी धक्का लगा था। वैसे भी पिछले काफी समय से कांग्रेस की छवि तुष्टिकरण की राजनीति करने वाली पार्टी की बन गई है, ऐसे में मुस्लिम महिलाओं के हक के लिए लाए इस बिल का विरोध करके कांग्रेस फिर से गलती नहीं करना चाहती है। दरअसल कांग्रेस को आशंका है कि इस बिल के जरिए बीजेपी को मुस्लिम महिलाओं का समर्थन मिल जाएगा, जैसा कि पिछले चुनाव में देखा भी गया है। ऐसे में कांग्रेस खुद को इस बिल के खिलाफ दिखा कर जोखिम नहीं उठाना चाहती है। राज्यसभा में एक मामूली मुद्दे को छोड़कर कांग्रेस इस बिल का समर्थन करेगी।