ISIS के ताबूत में आखिरी कील, अफगानिस्तान में सुरक्षा बलों ने बिछाए लाशों के ढेर

आतंकी संगठन ISIS के ताबूत में आखिरी कील भी ठुक गई है। बताया जा रहा है कि अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में सुरक्षा बलों ने आतंकियों को निशाना बनाया है।

New Delhi, Jan 03: आतंकी संगठन ISIS का हर दिन ख्तामा होता जा रहा है। दुनिया में कभी आतंक का पर्याय बन चुका ये संगठन अब सुरक्षा बलों के निशाने पर है। कहीं भी कोई भी आतंकी दिख रहा है, तो उसे मौत की नींद सुलाया जा रहा है। इसके लिए बकायदा अभियान जारी है। हाल ही में अफगानिस्तान में सुरक्षा बलों ने इस्लामिक स्टेट के 65 आतंकियों को मौत की नींद सुलाया है। अफगानिस्तान के पूर्वी हिस्से में सुरक्षा बलों द्वारा ये बड़ी कार्रवाई की गई है।  बताया जा रहा है कि इस कार्रवाई में इस्लामिक स्टेट के 65 आतंकी मारे गए हैं। अफगानिस्तान के अधिकारियों ने खुद इस बात की पुष्टि की है।

Advertisement

अफगान सरकार के प्रवक्ता अताउल्लाह खोगयानी ने कहा कि हसका मीना जिले के गोरगोरे और वंगोरा इलाके में हवाई अभियान भी चलाया गया है। इससे लगातार आतंकियों को ढूंढकर उन्हें मार गिराया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस अभियान में इस्लामिक स्टेट के 65 आतंकी मारे गए हैं। अभियान के दौरान एक आम नागरिक की मौत भी हुई है। इसके साथ ही 13 और लोग भी घायल हो गए। अब तक इस्लामिक स्टेट की तरफ से इस बात को लेकर कोई बयान नहीं आया है। इससे पहले दुनिया के सबसे खूंखार आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के गढ़ सीरिया में रूस द्वारा सबसे शक्तिशाली बम गिराया गया था।

Advertisement

राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के फैसले के बाद से ये सब कुछ किया गया था। हालांकि रूस की तरफ से इस बारे में अब तक कोई दावा नहीं किया गया। इस बम को देर-इज़ जोर इलाके में आईएस के कमांडर्स पर गिर्या गया है। जिस शक्तिशाली बम की हम बात कर रहे हैं वो है ATBIP यानी द ऐविएशन थर्मोबरिक बॉम्ब ऑफ इन्क्रीज्ड पावर। इस बम को फादर ऑफ ऑल बॉम्ब यानी सभी बमों का बाप भी कहा गया है। बताया जा रहा है कि सीरिया पर रूस ने ये बम पिछले साल 7 सितंबर को गिराया। उसी वक्त रूसी रक्षामंत्री ने अपने फेसबुक पेज पर दावा किया था कि कई आईएस आतंकियों को मार गिराया गया है।

Advertisement

उन्होंने फेसबुक पर बकायदा पोस्ट डाली थी और लिखा था कि  ‘रूसी एयरफोर्स के हवाई हमलों के बदौलत देर-इज-जोर शहर में 40 से ज्यादा IS आतंकियों को मारा गया है। मारे जाने वालों में गुलमुरोद खलिमोव भी है, जो अमेरिका में ट्रेनिंग लेकर आईएस में शामिल हुआ था और ‘मिनिस्टर ऑफ वॉर’ नाम से जाना जाता था। इस बम को रूस ने साल 2007 में विकसित किया था। इससे मचने वाली तबाही परमाणु बम जैसी ही होती है। लेकिन इससे रेडिएशन का खतरा नहीं रहता। पूरी दुनिया में फिलहाल ये बम सिर्फ रूस के पास है। इस बम को गिराने के बाद ये हवा में ही ब्लास्ट हो जाता है। खैर एक बार फिर से अफगानिस्तान में आतंकियों पर कार्रवाई हुई है।