बहुत बड़ी खबर : मसूद अजहर ने बदला जैश-ए-मोहम्‍मद का नाम, खोली जेहाद की नई यूनिवर्सिटी

पाकिस्‍तान के आतंकी सरगना मसूद अजहर ने अपने संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद का नाम बदल दिया है। अब वो नए नाम से आतंक फैलाएगा। जानिए एक आतंकी की रणनीति

New Delhi Jan 04: पाकिस्‍तान के आतंकी सरगना और जैश-ए-मोहम्‍मद के मुखिया मौलाना मसूद अजहर ने अंतरराष्‍ट्रीय कार्रवाई से बचने के लिए बड़ी चाल चल दी है। मसूद अजहर ने अपने आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद का नाम बदलकर अल मुरबितून कर दिया है। पाकिस्‍तान में इस संगठन के नाम से कई परचे और पंपलेट बंटवाए जा रहे हैं। इस संगठन का पूरा का पूरा फोकस पाकिस्‍तान के स्‍कूल और यूनिवर्सिटीज पर है। माना जा रहा है कि मौलाना मसूद अजहर ने भारत और अमेरिका के पाकिस्‍तान पर लगातार बढ़ते दबाव को देखते हुए ये कदम उठाया है। ताकि वो अंतरराष्‍ट्रीय कार्रवाई से बचने का रास्‍ता निकाल सके। इसके साथ ही उसके संगठन को मिलने वाला फंड भी प्रभावित ना हो। देश की खुफिया एजेंसियों ने मसूद अजहर के नए संगठन पर अपनी निगाहें गड़ा दी हैं। उसकी हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है ताकि पता चल के कि अल मुरबितून क्‍या बवाल करने वाला है।

Advertisement

दरसअल, इन दिनों अमेरिका और पाकिस्‍तान के बीच तनातनी चल रही है। पाकिस्‍तान आतंकवाद को सपोर्ट करता है ये बात अमेरिका को रास नहीं आ रही है। इसी बात को लेकर अमेरिका ने पाकिस्‍तान को दी जाने वाली रक्षा सहायता में कटौती का एलान कर दिया है। अमेरिका का कहना है कि जब तक पाकिस्‍तान अपने यहां मौजूद आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करता उसे अमेरिका से मिलने वाली मदद बहाल नहीं की जाएगी। अमेरिका के इन तेवरों के बाद ही पाकिस्‍तान ने हाफिज सईद के संगठनों की चंदा वसूली पर रोक लगा दी थी। पाक ने अभी हाल ही में एलान किया था कि कोई भी व्‍यक्ति या संगठन जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत नाम के संगठन को चंदा नहीं देगा। नियमों के विरुद्ध इन संगठनों को पैसा देने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हाफिज सईद पर शिकंजा कसता देख मौलाना मसूद अहजर भी सावधान हो गया और उसने गुपचुप तरीके से अपने संगठन का नाम ही बदल डाला।

Advertisement

देश की खुफिया एजेंसियों को जानकारी मिली है कि मसूद अजहर अल मुरबितून संगठन के जरिए अपनी नई पहचान बनाना चाहता है। इसके साथ ही ही वो अपने संगठन में भी बदलाव चाहता है। बताया जा रहा है कि आतंकी गतिविधियां जैश-ए-मोहम्‍मद के नाम से ही जारी रहेंगी। जबकि अल मुरबितून के जरिए वो अपना दायरा बढ़ाने की कोशिश करेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक मसूद अजहर अपने नए संगठन अल मुरबितून के जरिए न सिर्फ दूसरे आतंकी संगठनों की फंडिंग कर रहा है, बल्कि अपनी नई छवि की आड़ में पूरे पाकिस्तान के स्‍कूल और यूनिवर्सिटीज में भी अपना सिक्‍का जमाना चाहता है। मसूद अजहर का ये संगठन पाकिस्‍तान के इस्लामाबाद, कराची, लाहौर और रावलकोट के स्कूलों-कॉलेजों में तमाम प्रतियोगिताओं का आयोजन करा रहा है। जिसमें भाषण के अलावा वाद-विवाद प्रतियोगिताएं भी शामिल हैं। इसके जरिए वो अमेरिकी प्रतिबंध से भी बचने की फिराक में है।

Advertisement

मौलाना मसूद अजहर को लगता है कि इससे वो ना सिर्फ अंतरराष्‍ट्रीय कार्रवाई से बचेगा बल्कि अपने संगठन में विस्‍तार करने के साथ-साथ अच्‍छा खासा फंड भी जुटा लेगा। बताया जा रहा है कि खुद मसूद अजहर भी बतौर मुख्‍य अथिति स्‍कूल और कॉलेजों में आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में शामिल हो रहा है। जहां उसका नाम ‘अमीर ऑफ मुजाहिदीन्स’ के तौर पर लिखा जा रहा है। मसूद अपने नए संगठन अल मुरबितून के जरिए अपने आतंकियों की फौज भी बढ़ाना चाहता है। उसे लगता है कि अगर स्‍कूल और कॉलेजों से निकलने वाले युवा उसके संगठन के साथ जुड़ेंगे तो उसके लिए ज्‍यादा फायदा होगा। किशारोवास्‍था में चल रहे युवाओं का आसानी से ब्रेनवॉश किया जा सकता है। मसूद इसी बात का फायदा उठाना चाहता है। माना जा रहा है कि अल मुरबितून के जरिए स्‍कूल और कॉलेजों में आयोजित होने वाली वाद विवाद प्रतियोगिता भी ब्रेनवॉश की पहली कड़ी है। मसूद अजहर भारत में कई आतंकी हमलों का आरोपी है। वो पीओके में खुलेआम भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम देता है।