जिसने लालू यादव की सिफारिश की है, वो उनका दुश्मन है

चारा घोटाले में दोषी लालू यादव के लिए किसी ने सीबीआई के जज को सिफारिश करने की कोशिश की, क्या वो लालू के दुश्मन हैं, दोस्त तो हो नहीं सकते।

New Delhi, Jan 05: 3 जनवरी को लालू यादव को सजा का एलान होना था, चारा घोटाल के एक मामले में दोषी करार होने के बाद से वो जेल में हैं। 3 जनवरी को सजा का एलान नहीं हो पाया, 4 जनवरी को भी नहीं हो पाया, बताया जा रहा है कि एल्फाबेटिकल ऑर्डर से कोर्ट दोषियों को सजा का एलान कर रहा है इसलिए लालू का नंबर नहीं आ पाया है। अब लालू को सजा का एलान शुक्रवार को किया जाएगा, इसके बाद सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह ने जो खुलासा किया है, उस से कई सवाल खड़े हो रहे हैं। सजा के एलान में देरी को लेकर हो रही देरी के कारण लालू का शुभचिंतक सीधे सीबीआई के जज को प्रभावित करने में लग गए हैं।

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इसका खुलासा खुद सीबीआई के जज शिवपाल सिंह ने किया है। उनके खुलासे के बाद से ही सियासी हड़कंप मच गया है। उन्होंने बताया कि लालू के लिए दो लोगों ने फोन किया था. ये दोनों नेता थे या फिर लालू के समर्थक, इसके बारे में जज ने नहीं बताया, खास बात ये है कि जस्टिस शिवपाल सिंह ने कोर्ट में लालू के सामने ये बात कही, उन्होंने लालू से कहा कि आपके लिए कई शिफारिशें मेरे पास आई हैं। कई लोगो ने फोन किया है। इसके बाज जज शिवपाल ने जो कहा उसे सुनकर शायद लालू निराश हो गए होंगे। जज शिवपाल ने कहा कि चिंता करने की जरूरत नहीं है, मैं केवल कानून का पालन करूंगा, किसी की सिफारिशों का मेरे फैसले पर कोई असर नहीं होगा।

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देवघर कोषागार से अवैध निकासी के मामले में दोषी करार दिए गए लालू यादव को सीबीआई कोर्ट ने दोषी करार दिया था। उसके बाद सजा के एलान के लिए 3 जनवरी की तारीख तय की गई थी। पिछले दो दिनों से लालू को सजा का एलान नहीं हो पाया है, इसका कारण ये है कि कोर्ट नाम के पहले अक्षर के हिसाब से सजा सुना रही है। पिछले दो दिनों में A से लेकर K तक के नाम वाले आरोपियों की सजा पर ही बहस हो पाई, लालू का नाम L से आता है, लिहाजा उन पर फैसला बाद में होगा। अब शुक्रवार को लालू के खिलाफ सजा का एलान हो सकता है। उस से पहले ही लालू के लिए जज के पास सिफारिशी फोन चले गए, सवाल ये उठता है कि जिन लोगों ने फोन किया वो लालू के समर्थक हैं या फिर उनके दुश्मन हैं।

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जब सजा का एलान होना है तो उस से पहले जज को प्रभावित करने की कोशिश करना कहीं लालू के लिए मुश्किल का कारण हो जाए। किसी दोषी पर फैसला आने से पहले अगर जज के पास सिफारिश की जाए. तो इसका असर दोषी पर पड़ सकता है. हो सकता है कि जज लालू के खिलाफ कोई कड़ा फैसला ले लें। हो सकता है कि सिफारिश से नाराज हो कर वो उनको ऐसी सजा दे दें जिस में आसानी से जमानत नहीं मिल पाए। सीबीआई पहले ही कोर्ट से कह चुकी है कि आरोपियों को ऐसी सजा दी जाए जिस से वो कभी इस तरह का अपराध ना कर पाएं। वैसे ये चर्चाएं हैं कि लालू यादव को 3 से 7 साल तक की सजा हो सकती है। अब देखना ये है कि लालू को कितने साल की सजा का एलान कोर्ट करती है।