सुषमा स्वराज का जवाब नहीं, 17 साल की छात्रा के सपनों को लगे पंख

विदेश मंत्री सुषमा स्वराज लगातार अपने कामों से लोगों का दिल जीत रही हैं। एक बार फिर से उन्होंने 17 साल की एक छात्रा का सपना पूरा कर दिखाया है।

New Delhi, Jan 06: भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को यूं ही सुपरमॉम नहीं कहते। बार बार वो अपने कामों से साबित कर चुकी हैं कि भारत का विदेश मंत्रालय अब तक के सबसे एक्टिव विदेश मंत्रालयों में से एक है। खास बात ये है कि सोशल मीडिया पर मिलने वाली एक शिकायत पर भी सही तरह से संज्ञान लिया जाता है। एक बार फिर से विदेश मंत्री ने अपने काम से साबित कर दिया है कि, वो किसी के सपनों को पंख लगने से नहीं रोकेंगी। हम बात कर रहे हैं राजस्थान के 17 साल के एक लड़की की, जिसके लिए सुषमा ने अमेरिकी विदेश मंत्रालय से वीजा बनवा लिया। सुषमा ने अमेरिकी दूतावास से छात्र के लिए वीजा बनवाया और उसकी अमेरिकी यूनिवर्सिटी में पढ़ने की इच्छा को पूरा करने में मदद की है।

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राजस्थान के सीकर जिले के जलालपुर गांव की रहने वाली भानुप्रिया हरितवाल को इससे पहले स्कॉलरशिप मिली थी। भानुप्रिया ने 2015 में दसवीं क्लास की परीक्षा में सेकंड टॉप पोजिशन हासिल की थी। इसके अलावा उन्होंने अमेरिका में कम्प्यूटर साइंस की पढ़ाई की तैयारी भी शुरू कर दी थी। कैलिफॉर्निया स्टेट यूनिवर्सिटी से भानुप्रिया ने 4 साल का इंजिनियरिंग डिग्री प्रोग्राम चुन लिया था। बताया जा रहा है कि इसके लिए भानुप्रिया ने एंट्रेन्स क्लीयर कर दिया था। लेकिन कुछ वजहों से उन्हें वीजा नहीं मिल पा रहा था। दूतावास की तरफ से उन्हें वीजा नहीं मिल रहा था। इसके साथ ही उनकी अमेरिका में पढ़ने की उम्मीदें मानों खत्म हो गई थी।

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बाद में भानुप्रिया के परिजनों ने सीकर के सांसद स्वामी सुमेधानंद को इस बारे में जानकारी दी थी। स्वामी सुमेधानंद ने इस मसले को विदेश मंत्रालय तक पहुंचाया। जब स्वामी सुमेधानंद ने इस बात की जानकारी भारत की विदेश मंत्री को दी, तो उन्होंने तुरंत ही भानुप्रिया के लिए जरूर काम करना शुरू कर दिया। सुषमा स्वराज के हस्तक्षेप के बाद अमेरिकी दूतावास ने भानुप्रिया को वीजा जारी कर दिया। भानुप्रिया की कुल स्कॉलरशिप राशि 1 करोड़ रुपये की है। इसका पूरा वहन राज्य सरकार द्वारा किया जाएगा। इस तरह से भानुप्रिया का सपना साकार हो गया और अब वो अमेरिका जाने की तैयारियों में एक बार फिर से जुट गई हैं।

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सिर्फ भानुप्रिया ही नहीं, कई ऐसे परिवार हैं, जिनकी भारत के विदेश मंत्रालय द्वारा मदद की गई है। कभी कोई विदेश में फंस जाता है, तो सोशल मीडिया के माध्यम से विदेश मंत्रालय से संपर्क करता है। उसकी भी मदद की जाती है। इसके अलावा विदेश मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से ही कई लोगों को मदद दी जा चुकी है। ये बात साबित करती है कि विदेश मंत्रालय का सोशल नेटवर्क बहुत हू मजबूत है। भानुप्रिया का कहना है कि उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि उन्हें यूएस जाने के लिए वीजा मिलेगा, लेकिन जिस तरह से सरकार से उन्हें मदद मिली है, वो इस बात का ताउम्र भुला नहीं पाएंगी।