तेजस्वी यादव की बदतमीजी, भूल गए छोटे-बड़े का लिहाज, गिराया अपनी भाषा का स्तर
चारा घोटाले में पिता लालू यादव को साढ़े तीन साल कैद की सजा मिलने के बाद उनके बेटे तेजस्वी यादव बौखला गए हैं। उन्होंने अपनी भाषा का स्तर ही गिरा लिया है।
New Delhi Jan 08: पहली बात ये है कि अदालत के फैसलों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कानून और सियासत को अलग-अलग रखना ही बेहतर है। लेकिन, अफसोस देश में ऐसा होता नहीं है। अभी शनिवार को ही रांची की सीबीआई की विशेष अदालत ने चारा घोटाले में लालू यादव को साढ़े तीन साल की सजा और पांच लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई थी। आरजेडी नेताओं ने सीबीआई कोर्ट के इस फैसले पर राजनीति शुरु कर दी है। लालू यादव से लेकर उनके बेटे तेजस्वी यादव तक ये दिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि इस केस में लालू की शहादत हुई है। भ्रष्टाचार का राजनीतिकरण कैसे किया जा सकता है लालू यादव और तेजस्वी यादव से सीखा जा सकता है। तेजस्वी यादव तो इस मामले में अपने पिता से भी चार कदम आगे निकल गए हैं। जब से लालू को सजा सुनाई गई है तेजेस्वी यादव मानो बौखला से गए हैं। वो भारतीय जनता पार्टी और बिहार सरकार से लेकर केंद्र की मोदी सरकार तक पर हमला करने से नहीं चूक रहे हैं।
तेजस्वी यादव बिहार सरकार और मंत्रियों पर भी निशाना साधा रहे हैं। दरसअल, शनिवार को जब सीबीआई की विशेष अदालत ने लालू यादव को सजा सुनाई थी उसके बाद उनके बेटे तेजस्वी यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में अपने पिता को शेर बताया था। तेजस्वी यादव का कहना था कि उनके पिता कभी नहीं झुकेंगे। वहीं दूसरी ओर तेजस्वी यादव के इस बयान पर बिहार के हेल्थ मिनिस्टर मंगल पांडे ने तंज कसा और एक ट्वीट किया। मंगल पांडे ने तेजस्वी यादव को टैग करते हुए अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि तेजस्वी यादव जी आपको इतनी समझ होनी चाहिए की शेर चारा नहीं खाता।’ इस ट्वीट को पढ़ते ही तेजस्वी आग बबूला हो गए। उन्होंने भी मंगल पांडे को करारा जवाब दिया और ट्विटर पर ही लिखा कि ‘हारकर भी मंत्री बनने वाले परम आदरणीय पांडेय जी, पहले यह बताओ बिहार में सुअर के अलावा पैखाना कौन-कौन खाता है?’
यानी बिहार में चारा घोटाले की ये कानूनी जंग शेर से लेकर सूअर और पैखाने तक पहुंच गई। जाहिर है तेजस्वी यादव को इस तरह की भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए था। वो भी मंगल पांडे की तरह उसी सभ्य भाषा में उनको जवाब दे सकते थे। पर तेजस्वी ने ऐसा कुछ भी नहीं किया। उन्होंने अपनी भाषा के स्तर को ही गिरा लिया। जिस पर लोग अब जमकर चुटकियां ले रहे हैं। किशन झा नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा है गया है चारा आपके बाबू जी खा गए तो पाखाना आप ही खाते होंगे। वहीं कूल एंड फनी नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया है कि “पांडे जी तो बस हारकर मंत्री बने हैं तेजू की बहन बिना इग्ज़ाम लिखे MBBS हैं और महोदय ख़ुद नौंवी में चार चाँद लगाकर पंडित बने हैं” सोशल मीडिया पर बहुत सी बातें तो ऐसी लिखी गई हैं जिनका जिक्र भी नहीं किया जा सकता है। आप आसानी से अंदाजा लगा सकते हैं कि उसमें क्या कुछ कहा गया होगा।
कुल मिलाकर कहें तो इस वक्त तेजस्वी यादव अपनी भाषा को लेकर सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल हो रहे हैं। उस पर मंगल पांडे सरीखे नेता जले पर नमक छिड़कने का काम कर रहे हैं। मंगल पांडे का कहना है कि लालू यादव के जेल जाने से बिहार की सियासत पर तो कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन, राजद परिवार पर इसका असर जरुर पड़ेगा। मंगल पांडे का कहना है कि लालू के जेल जाने के बाद आरजेडी में बगावत तय है। जिसका सामना तेजस्वी यादव को करना होगा। हालांकि तेजस्वी पार्टी में बगावत की खबरों को सिरे से खारिज करते हुए इसे पूरी तरह निराधार बता चुके हैं। वहीं तेजस्वी का कहना है कि विरोधियों को इस वक्त बहुत खुश होने की जरुरत नहीं हैं। बेशक उन्होंने लालू यादव को फंसाकर जेल भिजवा दिया हो लेकिन, उन्हें याद रखना होगा कि उनके काल ने अभी जन्म लिया है। यानी चारा घोटाले में कानून का फैसला अब पूरी तरह से सियासी रंग ले चुका है।