MP गजब है : क्‍या कैलाश विजयवर्गीय छीनेंगे शिवराज का ‘ताज’ ?

मध्‍य प्रदेश के सियासी गलियारों में कुछ सवाल उठ खड़े हुए हैं। क्‍या कैलाश विजयवर्गीय की प्रदेश में वापसी होने जा रही है? क्‍या शिवराज का ताज सुरक्षित है?

New Delhi Jan 08: आने वाले दिनों में मध्‍यप्रदेश की राजनीति में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी हाईकमान मध्‍यप्रदेश में बड़े पैमाने पर फेरबदल के मूड में है। जिसका असर मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सत्‍ता पर भी पड़ सकता है। उनका ताज उनसे छिन सकता है। राज्‍य में बीजेपी के वरिष्‍ठ नेता और सांसद कैलाश विजयवर्गीय की वापसी हो सकती है। माना जा रहा है कि अगर ऐसा हुआ तो कैलाश विजयवर्गीय मामा जी यानी शिवराज सिंह चौहान के लिए बड़ी मुसीबत बन सकते हैं। मौजूदा वक्‍त में नंद किशोर चौहान मध्‍य प्रदेश बीजेपी के अध्‍यक्ष हैं। लेकिन, उनका कार्यकाल खत्‍म हो चुका है। पार्टी हाईकमान इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्‍यान में रखते हुए नंद किशोर चौहान के बाद कैलाश विजयवर्गीय को प्रदेश की कमान सौंपने के मूड में है। कैलाश विजयवर्गीय की गिनती केंद्रीय नेतृत्‍व के भरोसेमंद नेताओं के तौर पर होती है।

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लेकिन, हर किसी को पता है कि मध्‍य प्रदेश में कैलाश विजयवर्गीय और शिवराज सिंह चौहान के बीच 36 का आंकड़ा है। दोनों के रिश्‍ते बहुत बेहतर नहीं हैं। हालांकि मध्‍य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की अपनी जगह है। लेकिन, कैलाश विजयवर्गीय की गिनती भी राज्‍य के कद्दावर नेताओं में होती है। विजयवर्गीय इस वक्‍त भारतीय जनता पार्टी में राष्‍ट्रीय महासचिव के पद पर तैनात हैं। पार्टी ने उन्‍हें अभी पश्चिम बंगाल का कामकाज दे रखा है। लेकिन, सूत्र बताते हैं कि पश्चिम बंगाल के साथ-साथ उन्‍हें अब मध्यप्रदेश का भी कामकाज देखने को कह दिया गया है। हाईकमान ने उन्‍हें आदेश दिया है कि वो मध्यप्रदेश की ईकाई की कमान संभाल लें। हालांकि अब तक इस बात की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। यानी बहुत मु‍मकिन है कि आने वाले दिनों में कैलाश विजयवर्गीय को मध्‍यप्रदेश बीजेपी का अध्‍यक्ष बना दिया जाए।

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हालांकि खुद कैलाश इस तरह की बातों से इनकार कर रहे हैं। उनका कहना है कि उन्‍हें अब तक इसकी कोई जानकारी नहीं है। उनका कहना है कि इस तरह की खबरें सिर्फ अटकलों और हवाबाजी पर ही आधारित हैं। जबकि सूत्रों का कहा है कि अभी शुक्रवार को जब उज्‍जैन में पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह ने नेताओं के साथ मीटिंग की थी तो उस मीटिंग में भी ये बारे में चर्चा हुई थी। खासबात ये है कि इस मीटिंग में मध्‍यप्रदेश के मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भी हिस्‍सा लिया था। दरअसल, मध्‍यप्रदेश की सत्‍ता में लंबे समय से शिवराज सिंह चौहान का कब्‍जा रहा है। लेकिन, अब उनके नाम पर सहमति और असहमति के स्‍वर फूटने लगे हैं। पार्टी का एक खेमा चाहता है कि प्रदेश में बदलाव किया जाए और शिवराज सिंह चौहान की जगह किसी और को इस बार के विधानसभा चुनाव में मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार बनाया जाए।

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अगर ऐसा होता है तो यकीनन कैलाश विजयवर्गीय ही शिवराज सिंह का ताज छीन सकते हैं। लेकिन, ये काम इतना आसान भी नहीं होगा। इस बात में कोई शक नहीं है कि शिवराज सिंह चौहान के राजनैतिक ग्राफ में कुछ गिरावट आई है। लेकिन, फिर भी वो प्रदेश में काफी मजबूत स्थिति में हैं। जिन्‍हें हटा पाना काफी मुश्किल है। लेकिन, ये भी तय है कि अगर कैलाश विजयवर्गीय प्रदेश की राजनीति में वापसी करते हैं तो शिवराज की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। हो सकता है कि इस बार के विधानसभा चुनाव में पार्टी किसी को भी मुख्‍यमंत्री पद का उम्‍मीदवार ना बनाए। बल्कि फैसला चुनाव के बाद लिया जाए। क्‍योंकि भारतीय जनता पार्टी का आला नेतृत्‍व नहीं चाहेगा कि विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी में कोई खेमेबाजी या फिर फूट पड़े। उसकी प्राथमिकता मध्‍यप्रदेश में सत्‍ता में वापसी की होगी। ऐसे में कह सकते हैं कि इस बार मध्‍यप्रदेश की सियासी जंग काफी दिलचस्‍प रहने वाली है।