आर्मी चीफ बिपिन रावत ने तैयार किया जंग का ‘देसी वॉर प्लान’
आर्मी चीफ बिपिन रावत ने सोमवार को बहुत ही बड़ा बयान दिया है। ये बयान उनके अगले वॉर प्लान को लेकर है। जानिए क्या रणनीति है आर्मी चीफ की?
New Delhi Jan 08: आर्मी चीफ बिपिन रावत ने अपने अगले वॉर प्लान का खुलासा कर दिया है। जाहिर है आर्मी चीफ बिपिन रावत के इस वार प्लान को जानकर किसी के भी होश उड़ जाएंगे। उनका अगला वॉर प्लान निहायत ही देसी है। जी हां उन्होंने देश में बनीं डिफेंस टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल पर जोर दिया है। सोमवार को उन्होंने अपने बयान में कहा कि देश को अगला युद्ध अपने बनाए हुए हथियारों से लड़ने के लिए तैयार रहना होगा। बिपिन रावत ने ये बयान फिक्की में आयोजित आर्मी टेक्नॉलोजी सेमिनार में कहीं। उनका कहना था कि अब वो वक्त आ गया है जब हमारी फौज को हथियारों के आयात से आगे बढ़ना होगा। सेमिनार को संबोधित करते हुए आर्मी चीफ ने हमें हल्के वज़न के बुलेट प्रूफ हथियारों की तकनीक की जरुरत है। इसके साथ ही ईंधन सेल पर भी जोर दिया जाना चाहिए। आर्मी चीफ का कहना था कि अगर हमें इंडस्ट्री का समर्थन मिलता है तो हमारी फौज इस दिशा में और आगे बढ़ जाएगी।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मेक इन इंडिया पर जोर देते रहे हैं। उनका पूरा फोकस इस बात पर रहता है कि सैन्य सामग्री विदेशों से खरीदने की बजाए उसे देश में भी विकसित कर तैयार किया जाए। इससे भारत तकनीकी तौर पर भी मजबूत होगा और साथ ही कम खर्चे में सेना के पास आधुनिक हथियार भी हो जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया प्रोजेक्ट के तहत ही देश में लगातार हथियारों को बनाने का काम चल रहा है। पिछले कुछ समय में रक्षा क्षेत्र में कई ऐसी डील हुईं हैं जिसमें देश के भीतर ही हथियार बनाए और असेंबल किए जाएंगे। माना जा रहा है कि आर्मी चीफ बिपिन रावत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इसी प्रोजेक्ट को बढ़ाने की कोशिश की है। इसीलिए वो कहते हैं कि अब वक्त आ गया है जब भारत को इम्पोर्टेड डिफेंस टेक्नोलॉजी पर निर्भरता कम करनी चाहिए। इसके अलावा सेमिनार में उन्होंने कई और महत्वपूर्ण बातें कहीं।
आर्मी चीफ बिपिन रावत का कहना था कि आर्म्ड फोर्सेज के मॉडर्नाइजेशन पर जोर देने की जरुरत है। उनका कहना था कि आने वाले वक्त में जंग बेहद ही कठिन हालात में होगी। इसके लिए हमें मुस्तैद रहना होगा। दरसअल, दुनिया में भारत हथियारों का सबसे बड़ा खरीददार है। इस हालत में अगर डिफेंस सेक्टर में जोर मेक इन इंडिया पर दिया जाए तो देश को काफी फायदा होगा। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा कि हल्के वजन के बुलेट प्रूफ हथियार और फ्यूल सेल टेक्नॉलॉजी में डिफेंस के क्षेत्र में अच्छी प्रगति हुई है। उनका कहना था कि जो सफर शुरु हुआ वो चलते रहना चाहिए। यानी जोर पूरा का पूरा स्वदेसी पर है। इससे पहले भी पिछले साल जब फिक्की में एक कांफ्रेंस हुई थी उस वक्त भी आर्मी चीफ बिपिन रावत ने डोमेस्टिक डिफेंस इंडस्ट्री बनाने की बात कही थी। तब उन्होंने प्राइवेट सेक्टर के साथ मिलकर काम करने की बात की थी।
दरसअल, भारत दुनिया का सबसे बड़ा हथियारों का खरीददार देश है। भारत में रक्षा बजट भी काफी बड़ा है। लेकिन, जब से केंद्र में मोदी की सरकार आई है उसका पूरा का पूरा फोकस इस बात को लेकर रहता है कि आर्मी सेक्टर की जुड़ी हर टेक्नॉलॉजी देश में ही विकसित की जाएं। सरकार का फोकस इस बात पर भी रहता है कि पूरे के पूरे हथियार किसी दूसरे देश से खरीदने की बजाए उनके सहयोग से हथियारों को देश में ही निर्मित किया जाए। ताकि हथियार बनाने की टेक्नॉलॉजी भी देश में रहे और उनके पुर्जे भी आसानी से मिल सकें। ऐसे में भारत कम लागत में ज्यादा हथियार जुटा सकता है। हालांकि डीआरडीओ के वैज्ञानिक लगातार नई खोज कर हल्के हथियारों का निर्माण कर रहे हैं। भारत स्वदेशी पनडुब्बी का भी निर्माण कर चुका है। कोशिश इस क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ने की है। इसमें चुनौतियां भी कम नहीं हैं। ये बात आर्मी चीफ बिपिन रावत को भी बखूबी मालूम है।