इंडियन आर्मी ने LoC पर मार गिराए 138 पाकिस्‍तानी जवान, चुप क्‍यों है पाक मीडिया ?

LoC पर आए दिन पाकिस्‍तानी सैनिक गुस्‍ताखी करते हैं। लेकिन, उन्‍हें उनकी हर गुस्‍ताखी की सजा मिलती है। जानिए कैसे बदला लेती है इंडियन आर्मी।

New Delhi Jan 10 : इंडियन आर्मी कभी भी अपनी ओर से फायरिंग की पहल नहीं करती है। लेकिन, जब-जब पाकिस्‍तानी फौज की संगीनें आग उगलती हैं तो उनका माकूल जवाब उन्‍हें जरुर दिया जाता है। इंडियन आर्मी हमेशा से ‘जैसा को तैसा’ के हिसाब से जवाब देती है। पिछले साल के ही आंकड़ों पर अगर नजर डालेंगे तो इंडियन आर्मी ने जवाबी कार्रवाई में 138 पाक सैनिकों को ढेर किया। कुछ सीधी कार्रवाई में मारे गए तो कुछ सर्जिकल स्‍ट्राइक में मारे गए। जिसे अब इंडियन आर्मी सिलेक्टिव टारगेटिंग का नाम देती है। लेकिन, सबसे खास बात ये है कि भारतीय सेना की इस कार्रवाई पर पाक मीडिया खामोश है। वो हर बार अपने सैनिकों की शहादत की संख्‍या को छुपाने की कोशिश करती है। पाक मीडिया अपने देश में फर्जी आंकड़े पेशकर ये दिखाने की कोशिश करती है कि पाक आर्मी ने इंडियन आर्मी के जवानों को मौत के घाट उतार दिया। ताकि उसे फर्जी वाहवाही मिल सके।

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दरअसल, सुरक्षा और खुफिया एजेंसियों की ओर से जो आंकड़े सामने आए हैं उसे इंडियन आर्मी की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। दरअसल, आर्मी में बहुत से काम ऐसे होते हैं जिसका आधिकारिक तौर पर खुलासा नहीं किया जा सकता। वैसे भी पाक सैनिकों की मौत के ये आंकड़े सीमा पार के हैं। पाकिस्‍तान इन आंकड़ों की कभी भी पुष्टि नहीं कर सकता। लेकिन, सीमा पार मौजूद भारतीय सेना के सूत्र लगातार ये इंफॉरमेशन देते रहते हैं कि उनके कार्रवाई में कुल कितने पाक सैनिकों को हलाक किया गया। दरअसल, पाक आर्मी दुनिया की सबसे बदनाम फौज है। जो कभी भी अंतरराष्‍ट्रीय मानकों के आधार पर जंग नहीं करती है। उसकी नियत में हर वक्‍त खोट रहती है। उसे खास मौकों की तलाश रहती है। जब उसे कश्‍मीर में आतंकियों की घुसपैठ करानी होती है तो वो बार्डर पर सीजफायर का उल्‍लंघन शुरु कर देती है। ताकि आतंकियों को सेफ पैसेज मिल सके।

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इसके अलावा पाकिस्‍तान आर्मी की बार्डर एक्‍शन टीम यानी बैट हमेशा इस फिराक में रहती है कि वो दो या तीन सैनिकों को अपना निशाना बनाकर उन्‍हें मौत के घाट उतार दें। इंडियन आर्मी का अकेला सैनिक हर वक्‍त इनके निशाने पर होता है। लेकिन, भारतीय फौज इनके हर मंसूबों को समझ चुकी है। पाकिस्‍तान को उसी की भाषा में जवाब दिया जाता है। पाकिस्‍तान को हर गोली का बदला गोली से मिलता है। इंडियन आर्मी ने भी अब सर्जिकल स्‍ट्राइक की तर्ज पर पाकिस्‍तान में घुसकर सिलेक्टिव टारगेटिंग शुरु कर दी है। इसमें भारतीय सेना के जवान पाकिस्‍तानी कार्रवाई में शहीद हुए अपने जवानों की मौत का बदला लेते हैं। शायद यही वजह है कि इस साल 138 पाकिस्‍तानी सैनिक भारतीय सेना की कार्रवाई में मारे गए। भारतीय सेना के सूत्रों का कहना है कि जब तक पाकिस्‍तान नहीं सुधरता है उसे इसी तरह जवाब दिया जाता रहेगा।

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गोली का बदला गोली और शहादत का बदला शहादत ही होगा। अभी दिसंबर महीने में ही पाकिस्‍तान फौज ने सीजफायर का उल्‍लंघन कर भारतीय सेना के जवानों को अपना निशाना बनाया था। लेकिन, चौबीस घंटों के भीतर ही इंडियन आर्मी के जवानों ने अपने साथी की शहादत का बदला ले लिया था। इंडियन आर्मी के जवान पाक अधिकृत कश्‍मीर में करीब तीन सौ मीटर भीतर दाखिल होकर पाक आर्मी के तीन जवानों को मौत के घाट उतार दिया था। इस तरह की कार्रवाई को ही सिलेक्टिव टारगेटिंग कहा जाता है। दरअसल, इस वक्‍त भारतीय सेना के जवानों को मोदी सरकार से खुली छूट मिली हुई है। भारतीय सेना के जवानों को पाकिस्‍तान को अपने हिसाब से जवाब देने की पूरी आजादी है। शायद अब तक पाकिस्‍तान को समझ में आ गया होगा कि अगर वो हमारे एक सैनिक को मारेंगे तो भारतीय सेना के जवान भी उनके तीन सैनिकों को मारकर इसका बदला लेंगे।