कर्नाटक में बीजेपी के लिए तुरुप का इक्का साबित होंगे योगी आदित्यनाथ, बनाया ये प्लान

कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी अपनी रणनीति बना ली है। इन चुनावों में यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ बड़ी भूमिका निभाएंगे।

New Delhi Jan 14 : कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच तकरार शुरु हो गई है। भारतीय जनता पार्टी कर्नाटक की सत्‍ता में वापसी करना चाहती है। जबकि सिद्धारमैया के सामने अपनी साख बचाने की चुनौती है। चुनावों से पहले ही राज्‍य में ध्रुवीकरण की राजनीति शुरु हो गई है। कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने भी ऐन वक्‍त पर हिंदू आतंकवाद का मसला उठाकर बै‍ठे-बिठाए भारतीय जनता पार्टी को एक मुद्दा दे दिया। जिसे बीजेपी भुनाने में जुटी हुई है। वहीं दूसरी कहा जा रहा है कि उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ कर्नाटक में बीजेपी के लिए तुरूप का पत्‍ता साबित हो सकते हैं। शायद यही वजह है कि पार्टी ने अब योगी आदित्‍यनाथ को राज्‍य में अपना स्‍टार कंपेनर बनाने का फैसला किया है। यानी काफी हद तक कर्नाटक का दारोमदार योगी आदित्‍यनाथ को ही सौंपा जा चुका है।

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पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही योगी आदित्‍यनाथ को कर्नाटक में स्‍टार प्रचारक बनाना चाहते थे। योगी आदित्‍यनाथ भी अब तक कर्नाटक में दो राजनैतिक यात्राएं कर चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी की परिवर्तन यात्रा भी योगी आदित्‍यनाथ शामिल हुए थे। इन यात्राओं में खुद बीजेपी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह भी शामिल हो चुके हैं। हुबली और बंगलुरू में आयोजित परिवर्जन यात्रा में भी योगी आदित्‍यनाथ ने विपक्ष की धज्जियां उड़ा दी थीं। जिससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्‍यक्ष अमित शाह काफी खुश हुए थे। इन दो रैलियों में उन्‍हें बेहतर रिस्‍पांस मिलने के बाद ही पार्टी ने फैसला किया कि उन्‍हें बीजेपी का स्‍टार प्रचारक बना दिया जाए। इस सूरत में अब योगी आदित्‍यनाथ को पूरे राज्‍य में प्रचार की कमान सौंपी जाएगी। कर्नाटक में कुल 30 जिले हैं। योगी आदित्‍यनाथ को विधानसभा चुनाव से पहले सभी तीस जिलों में पार्टी के लिए प्रचार करना होगा।

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हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक योगी आदित्‍यनाथ पहले तीस जिलों में रैलियों को संबोधित करेंगे। इसके अलावा चुनिंदा विधानसभा सीटों पर भी उनका प्रचार देखने को मिलेगा। एक तरह से देखा जाए तो भारतीय जनता पार्टी योगी आदित्‍यनाथ के सहारे ही कर्नाटक में कमल खिलाना चाहती है। इस महीने की पांच तारीख को भी योगी आदित्‍यनाथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर चुके हैं। बताया जा रहा है कि उस मुलाकात में भी दोनों नेताओं के बीच कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर चर्चा हुई थी। इस मीटिंग में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योगी आदित्‍यनाथ को निर्देश दिया था कि वो अपना फोकस कर्नाटक पर बढ़ा लें। वहीं दूसरी ओर बताया जा रहा है कि कर्नाटक में योगी आदित्‍यनाथ की रैलियों की सफलता को देखकर राज्‍य में सत्‍तारुढ कांग्रेस पार्टी की टेंशन बढ़ती जा रही है। सिद्धारमैया इस बात को लेकर परेशान हैं कि वो योगी के काट में किस नेता को लेकर आएं।

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वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि कर्नाटक के मुख्‍यमंत्री सिद्धारमैया ने जो राज्‍य में जो ध्रुवीकरण की चाल चली थी वो उन्हें उलटी पड़ गई है। दरअसल, सिद्धारमैया ने देशविरोधी संगठनों का बचाव करते हुए संघ, बजरंग दल और बीजेपी जैसे संगठनों की तुलना हिंदू आतंकवाद से कर दी थी। इस मुद्दे को बीजेपी ने लपक लिया था। अमित शाह सिद्धारमैया को हिंदू विरोधी कह चुके हैं। इसके बाद से ही सिद्धारमैया बैकफुट पर हैं। अब वो डैमेज कंट्रोल के लिए खुद को हिंदू बता रहे हैं। सिद्धारमैया का कहना है कि उनके नाम पर राम का वास है। बेशक सिद्धारमैया कुछ भी कहें लेकिन, बीजेपी उनकी हिंदू विरोधी छवि बनाने में कामयाब रही है। शायद यही वजह है कि बीजेपी ने अब यहां मुकाबले के लिए अपने फायरब्रांड नेता योगी आदित्‍यनाथ को आगे कर दिया है। बताया जाता है कि कर्नाटक के प्रमुख मठों पर भी योगी की अच्‍छी पकड़ है।