मदरसों के बाद योगी आदित्यनाथ के निशाने पर हैं ये स्कूल, बड़े काम की बात कही है
यूपी के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने बड़े काम की बात कही है, मदरसों पर उनके एक्शन के बाद अब वो राज्य में पारंपरिक शिक्षा में बदलाव करने वाले हैं।
New Delhi, Jan 20: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर विरोधी एक खास बात को लेकर हमला करते हैं, उनके नाम से मुसलमानों को डराया जाता है, आजम खान और ओवैसी जैसे नेता योगी के नाम पर मुस्लिमों को भड़काते हैं, हाल ही में उत्तर प्रदेश के मदरसों को लेकर जिस तरह से योगी सरकार ने फैसले लिए हैं उसके बाद उन पर सियासी तौर पर हमला भी हुआ था। लेकिन योगी अपनी धुन के पक्के हैं, वो जो ठान लते हैं उसे करके ही मानते हैं, अब उनके निशाने पर मदरसों के बाद प्रदेश के संस्कृत स्कूल हैं. इन स्कूलों में योगी सुधार के पक्ष में हैं। उन्होंने जो संकेत दिए हैं उसके बाद मदरसों को लेकर उन पर हमला करने वालों की बोलती बंद हो जाएगी।
दरअसल मदरसों की पढ़ाई में सुधार की बात कह कर योगी आदित्यनाथ कई लोगों के निशाने पर आ गए थे। लेकिन अब उन्होंने संस्कृत स्कूलों की पढ़ाई के स्तर को लेकर जो बात कही है उस से उनके विरोधी शांत हो जाएंगे। योगी ने कहा है कि संस्कृत स्कूलों में और भी विषय पढ़ाने चाहिए। परंपरागत शिक्षा के साथ साथ अंग्रेजी, कंप्यूटर और विज्ञान की भी पढ़ाई होनी चाहिए। इन विषयों को शामिल करने से वहां के छात्र आधुनिक शिक्षा हासिल कर सकेंगे। अभी तक केवल मदरसों के खिलाफ एक्शन से योगी के खिलाफ सवाल खड़े हो रहे थे। लेकिन अब संस्कृत स्कूलों पर भी योगी का एक्शन होने वाला है, इस से साफ है कि वो शिक्षा की गुणवत्ता को ऊपर उठाने के लिए कोशिश कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में संस्कृत स्कूलों का बीजेपी से पुराना संबंध है। फिलहाल प्रदेश में 973 संस्कृत स्कूल हैं। शिक्षा के स्तर के कारण इन स्कूलों में छात्रों की संख्या काफी कम है। बता दें कि संस्कृत स्कूलों में सो सिलेबस हैं वो लगभग 44 साल पुराने हैं। इन स्कूलों की दशा सुधारने के लिए 2001 में बीजेपी की सरकार ने माध्यमिक संस्कृत शिक्षा बोर्ड का गठन किया गया था. इसके तहत इन 973 स्कूलों को रखा गया था. इस बोर्ड के सदस्यों का कार्यकाल 2004 में पूरा हो गया था, उसके बाद से नए सदस्यों का चयन नहीं किया गया था। अब फिर से बीजेपी की ही सरकार के दौरान संस्कृत स्कूलों की हालत सुधारने का काम शुरू हो रहा है। इस कदम के साथ योगी आदित्यनाथ ने अपने आलोचकों का मुंह बंद करा दिया है जो कहते हैं कि उनके निशाने पर केवल मदरसे ही हैं।
यूपी के मदरसों को लेकर राजनीति पिछले कुछ दिनों में काफी तेज हो गई है। शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष वसीम रिजवी ने योगी और पीएम मोदी को एक खत लिखा था. इस खत में उन्होंने आरोप लगाया था कि कुछ आतंकी संगठन मदरसों को फंडिंग करते हैं। साथ ही ये भी कहा था कि मदरसों में आतंकी बनाए जाते हैं, इसलिए इन मदरसों को बंद कर दिया जाना चाहिए। उसके बाद वसीम रिजवी के खिलाफ कई मुस्लिम संगठनों ने मोर्चा खोल दिया था. वसीम रिजवी ने तो यहां तक आरोप लगाया कि उनको दाऊद इब्राहिम की तरफ से धमकी दी गई है। इसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में कराई है। रिजवी ने कहा कि दाऊद की तरफ से धमकी आने से साफ हो गया कि मदरसों को लेकर जो उन्होंने आरोप लगाए थे वो सही थे।