महबूबा मुफ्ती की प्रधानमंत्री से भावुक अपील, बार्डर पर रोकिए खून की होली
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है कि इस वक्त बार्डर पर जिस तरह के हालात हैं उससे लगता है जैसे यहां खून की होली खेली जा रही है।
New Delhi Jan 21 : नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय बार्डर पर पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी जारी है। पाकिस्तानी फौज पिछले चार दिनों से लगातार सीजफायर का उल्लंघन कर रही है। पाकिस्तान की गोलाबारी में भारतीय सेना के पांच जवान शहीद हो चुके हैं। जब छह नागरिकों की मौत हो चुकी है। यानी चार दिनों में बार्डर पर कुल 11 लोगों की जान जा चुकी है। भारतीय फौज भी पाकिस्तान को करारा जवाब दे रही है। जानकारी के मुताबिक इंडियन आर्मी ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान के आठ रेंजर्स को मार गिराया है। इस बीच जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक भावुक अपील की है। महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बार्डर पर खून की होली रोकने की मांग की है। हालांकि ये बात उन्हें भी पता है कि जब तक पाकिस्तान नहीं सुधरता अकेले भारत बार्डर पर शांति स्थापित नहीं कर सकता है।
फिर भी जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बेहद भावुक अपील की है। उनका कहना है कि हमारे बार्डर पर इस वक्त खुदा ना खास्ता एक तरह से खून की होली चल रही है। उनका कहना है कि हमारे प्रधानमंत्री कहते हैं कि विकास के रास्ते पर चलना चाहिए। लेकिन, हमारे राज्य में इसका ठीक उल्टा हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने बार्डर पर शांति बहाली की अपील की है। महबूबा मुफ्ती ने सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नहीं बल्कि पाकिस्तान से भी गुजारिश की है कि वो कश्मीर को जंग को अखाड़ा ना बनाएं। जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने ये अपील नए पुलिस कॉन्स्टेबलों की पासिंग आउट परेड में की। महबूबा मुफ्ती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान से अपील करते हुए कहा कि राज्य को जंग का अखाड़ा बनाने की बजाए इसे दोस्ती का पुल बनाइए। ताकि दोनों मुल्कों को फायदा हो सके।
क्रॉस बार्डर फायरिंग में बार्डर पर अब तक बीएसएफ के कुल पांच जवान शहीद हो चुके हैं। जबकि अलग-अलग सेक्टरों में 6 नागरिकों को मौत हो चुकी है। पाकिस्तान की ओर से जारी गोलाबारी को देखते हुए बार्डर पर बने रिहायशी इलाकों को खाली करा दिया गया है। हजारों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। इसके अलावा एलओसी और इंटरनेशनल बार्डर पर बने सभी स्कूलों को फिलहाल बंद कर दिया गया है। जाहिर है पाकिस्तान की ओर से की जा रही है बेवजह की फायरिंग से जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती परेशान हैं। उनका परेशान होना भी लाजिमी है क्योंकि इससे नुकसान सिर्फ और सिर्फ जम्मू-कश्मीर के लोगों का ही हो रहा है। लेकिन, महबूबा मुफ्ती को ये बात भी समझनी होगी कि भारतीय फौज पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग के बाद हाथ पर हाथ धरे नहीं बैठी रह सकती है। उसे उसकी ही भाषा में जवाब देना होगा।
महबूबा मुफ्ती की अपील एकदम जायज है। पूरा का पूरा हिंदुस्तान बार्डर पर शांति चाहता है। लेकिन, जरुरी है कि इसलिए के पाकिस्तान भी पहल करे। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय सेनाओं ने कभी भी किसी भी बार्डर पर अपनी ओर से सीजफायर के उल्लंघन की पहल नहीं की है। हां इतना जरुर है कि अगर सीमा पार से गोली चलती है तो भारतीय सेना के जवान भी अपनी बंदूकों के मुंह को बंद नहीं रख सकते हैं। गोली का जवाब गोली से देना ही पड़ता है। बार्डर पर कभी भी गोली का जवाब बोली से नहीं दिया जा सकता है। सीमा पर शांति की कोशिशों में ताली एक तरफ से नहीं बज सकती है। भारत हमेशा से शांति की पहल करता है। पाकिस्तान को भी ये साबित करना होगा कि वो नियंत्रण रेखा और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर शांति चाहता है। लेकिन, पाकिस्तान की फितरत देखकर लगता नहीं कि वो शांति का पक्षधर है। उसकी नियत में ही खोट है। अगर पाकिस्तान की नियत में खोट ना होती तो वो ना तो बार्डर पर आतंकियों की घुसपैठ कराने की कोशिश करता और ना ही सीजफायर का उल्लंघन करता।