कश्‍मीर में लड़कियों के ‘फैशन’ के खिलाफ लश्‍कर-ए-तैयबा ने जारी किया फतवा

पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा ने कश्‍मीर में रहने वाली लड़कियों के मार्डन फैशन के खिलाफ फतवा जारी किया है। जानिए पूरा मामला।

New Delhi Jan 23 : देश में हर किसी को अपने मन मुताबिक रहने की आजादी है। ये बात कन्‍याकुमारी से लेकर कश्‍मीर तक के लोगों पर लागू होती है। कौन क्‍या पहनना चाहता है, क्‍या खाना चाहता है, कैसे रहना चाहता है कि ये किसी का अपना निजी फैसला है। जिसमें कोई भी दखलंदाजी नहीं कर सकता है। लेकिन, कश्‍मीर में पाकिस्‍तान के आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा ने राज्‍य की लड़कियों और महिलाओं के मार्डन फैशन के खिलाफ फतवा जारी कर दिया है। लश्‍कर-ए-तैयबा की ओर से फरमान जारी किया गया है कि घाटी में सभी लड़कियां और महिलाएं शरिया के तहत ही कपड़े पहने। अगर कोई मुस्लिम महिला या लड़की कम कपड़ों में दिखाई दी या फिर उसने जींस पहनी तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लश्‍कर-ए-तैयबा की ओर से चेतावनी भरे पोस्‍टर घाटी में कई जगहों पर चस्‍पा किए गए हैं। जम्‍मू-कश्‍मीर की पुलिस इन पोस्‍टरों की जांच कर रही है।

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दरसअल, लश्‍कर-ए-तैयबा के इस तरह की धमकी भरे पोस्‍टर सबसे पहले कश्‍मीर के शोपियां में देखे गए। शोपियां की मेन मार्केट में इस तरह के कई पोस्‍टर लगाए गए हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कश्‍मीर के दूसरे हिस्‍सों में भी ये पोस्‍टर चस्‍पा किए गए हैं। लश्‍कर-ए-तैयबा की ओर से जारी ये पोस्‍टर उर्दू भाषा में है। सबसे नीचे किसी के हस्‍ताक्षर हैं और इसके बाद एरिया कमांडर की मुहर लगी हुइ है। शोपियां में लगे इन पोस्‍टरों में मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों से कहा गया है कि वो ना तो कम कपड़े पहने और ना ही जींस का इस्‍तेमाल करें। सभी से शरिया कानून के तहत उचित कपड़े पहनने को कहा गया है। यानी शरिया कानून के तहत मुस्लिम महिलाओं को सिर से लेकर पैर तक अपने आपको कपड़ों या कहें बुर्के में ढकना होगा। दूसरे तरह के कपड़े पहनने पर भी ये नियम लागू होगा। शोपियां में लश्‍कर-ए-तैयबा के इस पोस्‍टर के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्‍मत किसी ने नहीं की।

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लश्‍कर-ए-तैयबा ने अपने धमकी भरे पोस्‍टर में सिर्फ मुस्लिम महिलाओं और लड़कियों को ही नसीहत नहीं दी है बल्कि लड़कों को भी चेतावनी दी है कि वो महिलाओं और लड़कियों को लेकर अपनी हद में रहें। खुद पर नियंत्रण रखें। ऐसे ना करने पर उन्‍हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ये कोई पहला मौका नहीं है कि जबकि लश्‍कर-ए-तैयबा की ओर से कश्‍मीर में धमकी भरा पोस्‍टर जारी किया गया हो। इससे पहले भी कई बार लश्‍कर और हिजबुल मुजाहिद्दीन कश्‍मीर के लोगों को डराने के लिए इस तरह के पोस्‍टर जारी कर चुके हैं। हालांकि हर बार पोस्‍टरों का मजबूम नया होता है। कोई ना कोई नई धमकी दी जाती रही है। इससे पहले साउथ कश्‍मीर में भी कश्‍मीरी पंडितों के खिलाफ पोस्‍टर जारी हो चुके हैं। जिसमें उनसे इलाके को खाली करने को कहा गया था। बहरहाल, लश्‍कर-ए-तैयबा के नाम से शोपियां में लगे इन पोस्‍टरों की जांच की जा रही है।

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जम्‍मू-कश्‍मीर की पुलिस इस बात की तफ्तीश कर रही है कि क्‍या ये पोस्‍टर वाकई लश्‍कर की ओर लगाए गए हैं या फिर किसी और सिर्फ उसके नाम का इस्‍तेमाल किया है। दरअसल, कश्‍मीर में कई अलगाववादी नेता आतंकी संगठनों के लेटर हेड और मुहर का इस्‍तेमाल करते हैं। ये लोग खुद ही आतंकी संगठनों के नाम से पोस्‍टर लगवा देते हैं और लोगों में दहशत पैदा करते हैं। इससे पहले भी जब टेरर फंडिंग केस में एनआईए ने कश्‍मीर के अलगाववादी नेताओं के यहां पर छापेमारी की थी तो उन्‍हें उनके ठिकानों से आतंकियों के लेटर हेड और मुहरें मिली थीं। सूत्रों के मुताबिक घाटी में इस तरह के पोस्‍टर लगाने का काम आतंकी संगठनों के ग्राउंड वर्कर भी करते हैं। बहरहाल जांच के बाद ही पता चल पाएगा कि ये पोस्‍टर असली हैं या फिर फर्जी। इस पोस्‍टर को कश्‍मीर के आतंकी सरगना मूसा कश्‍मीरी ने भी अपने सोशल अकाउंट से शेयर किया है।