पद्मावत पर मच गया है गदर, जिद पर अड़े राजपूत संगठन, गृह मंत्रालय की नजर

पद्मावत का विरोध कम नहीं हो रहा है, एक तरह से इस मुद्दे पर गदर मच गया है, केंद्र सरकार हालात पर नजर रखे हुए है, लेकिन राज्य सरकारें परेशान हैं।

New Delhi, Jan 24: विवादों में घिरी संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती को लेकर देश भर में गदर मचा हुआ है। फिल्म की पेड स्क्रीनिंग के बाद जहां इसकी जमकर तारीफ की जा रही है। दर्शक इस पिल्म को देखने के लिए बेताब हो रहे हैं, वहीं कई राजबूत संगठन फिल्म के विरोध में लगे हुए हैं। विरोध भी अब हिंसक रूप लेता जा रहा है। 25 जनवरी को फिल्म रिलीज होने वाली है, उस से पहले ही ज्यादातर टिकट बुक हो चुके हैं। सवाल ये है कि करणी सेना की धमकी के बाद फिल्म देखने जाने वालों की सुरक्षा कौन करेगा, करणी सेना का दावा है कि वो फिल्म का विरोध करती रहेगी, जो लोग फिल्म देखने जा रहे हैं वो अपना बीमा करवा लें, सरकार हो सुप्रीम कोर्ट हो या फिर कोई और राजपूत मर्यादा और सम्मान के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा।

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फिल्म पद्मावत के विरोध का आलम ये है कि अब विरोध करने वाले हिंसक होते जा रहे हैं। गुजरात के अहमदाबाद में एक मॉल में जिस तरह से उत्पात मचाया गया वो एक टीजर था, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश के साथ साथ हरियाणा और दिल्ली में भी फिल्म का जबरदस्त विरोध हो रहा है। मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में फिर से याचिका लगाई थी, जे खारिज कर दिया गया। उसके बाद इन दोनों राज्यों में थियेटरों की सुरक्षा का सवाल खड़ा हो गया है. कई सिनेमाघरों ने तो फिल्म नहीं दिखाने का फैसला किया है। हालांकि सरकारें कह रही हैं कि सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। गुरुग्राम में कई मॉल के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात है। वहीं कई जिलों में धारा 144 लगा दी गई है।

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देश में जिस तरह से पद्मावत का विरोध हो रहा है उस से केंद्र सरकार भी परेशान है। केंद्रीय गृह मंत्रालय हालात पर नजर रखे हुए है। एक बयान जारी करके कहा गया है कि हालात से निपटने में राज्य सरकारें सक्षम हैं, जरूरत पड़ी तो गृह मंत्रालय सहयोग देगा। कुल मिलाकर फिल्म को लेकर जिस तरह से विरोध हो रहा है वो राज्य सरकारों के लिए परेशानी का कारण बन रहा है, सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि करणी सेना जैसे राजपूत संगठन अगर अपनी धमकी को अमल में लाते हैं तो क्या होगा. उसके बाद कानून व्यवस्था पर बड़ा खतरा मंडराने लगेगा। इसी को देखते हुए कई राज्यों के सिनेमाघर मालिकों ने तय किया है कि वो फिल्म को रिलीज नहीं करेंगे।

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फिल्म को लेकर राजपूत संगठनों ने अपना विरोध जारी रखा है, पहले ये खबर आई थी कि करणी सेना अपना विरोध वापस ले सकती है, संजय लीला भंसाली ने फिल्म देखने के लिए करणी सेना को निमंत्रण दिया था। लेकिन अभी तक करणी सेना की तरफ से इस बाबत कोई खबर नहीं आई है। हैरानी तो इस बात की है कि राजपूत संगठन केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि एक अध्यादेश लाकर फिल्म को बैन किया जाए। राजपूत संगठनों ने इसे केवल राजपूत ही नहीं बल्कि पूरे हिंदू समाज का मुद्दा बना दिया है। फिलहाल फिल्म का विरोध करने वाले लोगों का सब्र जवाब दे रहा है, अगर जल्द ही इस विवाद का हल नहीं निकाला गया तो हालात और खराब हो सकते हैं।