राजपथ पर उचक-उचक कर परेड़ देखते नजर आए राहुल गांधी, चौथी कतार में मिली कुर्सी
गणतंत्र दिवस समारोह में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को राजपथ पर चौथी कतार में बैठने की जगह मिली। जिससे कांग्रेस पार्टी खफा हो गई है।
New Delhi Jan 26 : गणतंत्र दिवस के मौके पर पूरी दुनिया ने भारत की ताकत देखी। पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान देशों के दस राष्ट्राध्यक्षों ने शिरकत किया। समारोह की कई तस्वीरें निकल कर सामने आ रही हैं। लेकिन, इस वक्त सोशल मीडिया पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की एक तस्वीर सबसे ज्यादा ट्रेंड कर रही है। इस तस्वीर में राहुल गांधी राजपथ में चौथी कतार में बैठे दिख रहे हैं। उनके बगल में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद भी बैठे हुए हैं। हालांकि राहुल गांधी को गणतंत्र दिवस समारोह में पीछे की सीट दिए जाने को लेकर कांग्रेस पार्टी लाल हो गई है। कांग्रेस ने इस मामले में बीजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर ओछी राजनीति करने का आरोप लगाया है। जबकि सरकारी सूत्रों का कहना है कि सभी वीआईपीज को प्रोटोकॉल के तहत ही सीटों का अलॉटमेंट किया गया। हर किसी को पहली कतार में नहीं बिठाया जा सकता है।
हालांकि कांग्रेस पार्टी को पहले ही पता चल गया था कि इस बार राहुल गांधी को राजपथ पर फ्रंट सीट नहीं मिलेगी। उन्हें चौथी कतार में ही बिठाया जाएगा। दरअसल, सरकार की ओर से जिन भी प्रमुख लोगों को निमंत्रण दिया जाता है उसी निमंत्रण के साथ ही उन्हें ये भी बता दिया जाता है कि उनके बैठने की व्यवस्था किस जगह पर की गई है। ताकि किसी को भी कोई दिक्कत ना हो। राजपथ पर आयोजित गणतंत्र दिवस समारोह में जहां पहली कतार में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और एचडी देवगोड़ा जैसे नेताओं को जगह मिली, वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इन्हीं लोगों के काफी पीछे बैठे हुए नजर आए। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह और लाल कृष्ण आडवाणी को भी पहली कतार में बिठाया गया था। हालांकि ये पहला मौका है कि कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष को गणतंत्र दिवस समारोह में पहली कतार में नहीं बिठाया।
1950 के बाद से ये पहला मौका है जब कांग्रेस पार्टी का कोई अध्यक्ष राजपथ पर पीछे भीड़ में बैठा हुआ नजर आया हो। इस मामले में कांग्रेस नेताओं का कहना था कि राहुल गांधी को पीछे बिठाकर मोदी सरकार सस्ती राजनीति कर रही है। हालांकि कांग्रेस पार्टी ने गुरुवार को ही स्पष्ट कर दिया था कि राहुल गांधी को चाहें जहां बिठाया जाए लेकिन, वो इस समारोह में हिस्सा जरुर लेंगे। वहीं दूसरी ओर सोशल मीडिया पर इस वक्त राहुल गांधी की जमकर चुटकियां ली जा रही हैं। कुछ लोगों का कहना है कि मोदी सरकार ने राहुल गांधी को उनकी औकात का एहसास करा दिया। चौथी कतार में बिठाकर ये दिखा दिया कि उनकी असली जगह कहां है। बहरहाल, सीटों के इस अरेंजमेंट को लेकर बीजेपी और कांग्रेस में तकरार बढ़ गई है। कांग्रेस पार्टी के नेताओं का कहना है कि ऐसा करके मोदी सरकार राहुल गांधी को अपमानित करना चाहती है।
कांग्रेस के कुछ नेताओं का कहना है कि मोदी आसियान देशों के प्रमुखों के सामने कांग्रेस नेतृत्व को नीचा दिखाना चाहते हैं। दअरसल, इस बार पहली बार गणतंत्र दिवस समारोह में आसियान देशों के दस राष्ट्राध्यक्षों को यहां बुलाया गया है। जिसमें ब्रुनेई, म्यांमार, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, फीलिपींस, सिंगापुर, थाइलैंड और वियतनाम के प्रमुख शामिल हैं। मोदी ने इन देशों के प्रमुखों की अगवानी खुद की। इन सभी लोगों के बैठने के लिए एक भव्य मंच की व्यवस्था की गई थी। माना जा रहा है कि चीन की घेराबंदी करने के लिए मोदी ने इन देशों के एक साथ एक मंच पर लाकर भारत की ताकत दिखाई। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी सीटों के अरेजमेंट में ही उलझी नजर आ रही है। उसे तकलीफ इस बात की है कि आखिर राहुल गांधी को राजपथ पर पीछे वाली सीट पर क्यों बिठाया गया। जरा सोचिए कांग्रेस की राजनीति का स्तर क्या है। क्या राहुल गांधी को आसियान देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ बिठाया जा सकता था ?