बार्डर पर पाकिस्‍तान के ‘पाताल’ से बरामद हुआ हथियारों का जखीरा, जंग की थी तैयारी

पाकिस्‍तान में बड़े पैमाने पर हथियारों का जखीरा बरामद किया गया है। आतंकवादी हथियारों का इस्‍तेमाल किसी जंग में करने वाले थे।

New Delhi Jan 26 : पाकिस्‍तान में जो कुछ मिला है उसे जानने के बाद आपके होश उड़ जाएंगे। इतनी बड़ी तादाद में रॉकेट, रॉकेट लांचर, रॉकेट प्रोपेल्‍ड ग्रेनेड, एंटी टैंक माइन्‍स और बम बरामद किए गए हैं जिसे देखकर कहा जा सकता है कि आतंकवादी किसी बड़ी जंग को अंजाम देने की तैयारी में थे। खास बात ये है कि हथियारों का ये जखीरा पाकिस्‍तान के पाताल से बरामद किया गया है। दरसअल, अभी दो दिन पहले ही अमेरिका ने पाकिस्‍तान में घुसकर हक्‍कानी नेटवर्क के दो टॉप कमांडर्स को मार गिराया था। अमेरिका ने ड्रोन हमले के जरिए हक्‍कानी नेटवर्क के इन कमांडर्स को मारा था। अमेरिका के इस हमले के बाद पाक सरकार और पाकिस्‍तानी फौज दोनों ही बैकफुट पर आ गए थे क्‍योंकि पाक सरकार हमेशा ये कहती रही है‍ कि उनसे अपने इलाके में हक्‍कानी नेटवर्क को पनाह नहीं दी हुई है। लेकिन, अमेरिकी हमले से साफ था कि हक्‍कानी नेटवर्क को उत्‍तरी वजीरीस्‍तान के इलाके में पनाह मिली थी।

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अमेरिका की अगली कार्रवाई से बचने के लिए अब पाकिस्‍तानी फौज ने खुद ही फाटा इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरु कर दिया है। पाकिस्‍तानी फोर्सेज की ओर से फाटा के ओराकजई इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। ये वहीं इलाका था जहां 24 जनवरी को अमेरिकी ड्रोन ने हक्‍कानी नेटवर्क के दो टॉप कमांडर को मार गिराया था। यहां पर पाकिस्‍तानी फौज को जो कुछ मिला उसे देखकर उसके होश उड़ गए। पाकिस्‍तानी फौज ने इस इलाके से 150 से 200 रॉकेट बरामद किए। इसके अलावा 48 रॉकेट लांचर बरामद किए गए। सौ से भी ज्‍यादा रॉकेट प्रोपेल्‍ड ग्रेनेड मिले। इसके अलावा एंटी मिसाइल माइन्‍स भी यहां से बरामद की गई। हथियारों के जखीरे में लोकल मेड बम भी बरामद किए गए हैं। जो काफी शक्तिशाली हैं। बताया जा रहा है कि आतंकियों के पास से जो हथियार मिले हैं वो जिस जगह पर गिर जाएं वहां दस फिट का गड्ढा तक कर सकते हैं।

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इसके अलावा हक्‍कानी नेटवर्क के आतंकियों के पास से कम्‍युनिकेशन के इक्‍युप्‍मेंट्स भी बरामद किए गए हैं। जहां पर पाकिस्‍तानी फौज ने सर्च ऑपरेशन चलाया वो खैबर पख्‍तूनवा के हंगू जिले में आता है। ओराकजई एजेंसी के अलावा कुर्रम एजेंसी इलाके में भी छापेमारी की गई। दरअसल, पाकिस्‍तान अमेरिका को ये दिखाना चाहता है कि वो अपने यहां मौजूद हक्‍कानी नेटवर्क के खात्‍मे में जुटा है। जबकि हकीकत ये है कि अफगास्तिान के बार्डर पर बने इस इलाके में पाकिस्‍तानी फौज और आईएसआई की सरपरस्‍ती में हक्‍कानी नेटवर्क के आतंकियों को खुला संरक्षण दिया जाता है। इतना ही नहीं इन आतंकियों को पाकिस्‍तान की फौज हथियारों के अलावा दूसरी सहूलियतें भी मुहैया कराती है। बिना पाक फौज की जानकारी के हथियारों का इतना बडा जखीरा जुटा पाना नामुमकिन है वो भी अफगानिस्‍तान के बार्डर पर है। जहां अमेरिका भी गिद्ध दृष्टि हमेशा रहती है।

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दरसअल, अमेरिका पाकिस्‍तान को सालों से हक्‍कानी नेटवर्क के खात्‍मे लिए सैन्‍य आर्थिक मदद पहुंचाता रहा है। लेकिन, पाकिस्‍तान ने हमेशा आतंकवाद के खिलाफ अमेरिका को धोखा दिया। वो एक ओर अमेरिका से पैसा लेता रहा दूसरी ओर हक्‍कानी नेटवर्क को सपोर्ट करता रहा। अभी हाल ही में अमेरिका की एक रिपोर्ट ने भी इस बात का खुलासा किया था। जिसके बाद से ही अमेरिका और पाकिस्‍तान में तनातनी चल रही है। अमेरिका पाकिस्‍तान को दी जाने वाली आर्थिक सैन्‍य मदद को रोक चुका है। इसके साथ ही अमेरिका ने कहा था कि अगर पाकिस्‍तान आतंकवाद के खिलाफ कदम नहीं उठाता है तो हम अपने हिसाब से कार्रवाई करेंगे। पाकिस्‍तान के फाटा में ड्रोन अटैक को अमेरिका की उसी चेतावनी का नतीजा माना जा रहा है। खबरों के मुताबिक अमेरिका ने अपने ड्रोन अटैक में हक्‍कानी नेटवर्क के दो टॉप कमांडर को मार गिराया है। अमेरिका के ड्रोन अटैक में हक्‍कानी नेटवर्क के जिन दो टॉप कमांडर की मौत हुई थी उसमें एक एहसानुल्‍लाह उर्फ खावारी था और दूसरा टॉप कमांडर नसीर महमूद था।