कासगंज हंगामे का कारण समझने की जरूरत है, तिरंगा यात्रा का विरोध क्यों ?

कासगंज में बीजेपी कार्यकर्ताओं की तिरंगा यात्रा के दौरान जो हिंसा भड़की उस में एक शख्स की जान चली गई, क्या कारण था इस हिंसा के पीछे, किसे फायदा हो रहा है।

New Delhi, Jan 27: गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के कासगंज से जो खबर सामने आई उसने कुछ सोचने पर मजबूर कर दिया, जिस तरह से इस इलाके में तनाव फैला और तिरंगा यात्रा, भारत माता की जय के नारों का विरोध किया गया उसका कारण क्या है, क्या ये राजनीति से प्रेरित है क्या इसके पीछे वो ताकते हैं जो बीजेपी के खिलाफ काम कर रही हैं, क्या बीजेपी ने खुद ये विवाद खड़ा किया है, इस तरह के कई सवाल मुंह बाए खड़े हैं। देश के राष्ट्रीय ध्वज का विरोध किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है, ऐसे में उत्तर प्रदेश के इस इलाके में विवाद क्यों भड़का, जिन लोगों ने बीजेपी की तिरंगा यात्रा का विरोध किया वो क्या चाहते हैं।

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खास बात ये है कि ये विवाद केवल एक दिन का साबित नहीं हो रहा है, गणतंत्र दिवस के अगले ही दिन फिर से बवाल हुआ है। दो समुदायों के बीच हंगामा हुआ, कासगंज में तोड़फोड़ की गई। कुछ दुकानों में भी आग लगा दी गई है। पुलिस अपना काम कर रही है, लेकिन तनाव बरकरार है। गणतंत्र दिवस के दिन हिंसा में मारे गए युवक का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। मृतक के परिजन मांग कर रहे थे कि मुआवजा और सरकारी नौकरी के आश्वासन के बाद ही वो अंतिम संस्कार करंगे , सीएम योगी ने इसका भरोसा दिलाया तो जाकर अंतिम संस्कार हुआ। आस पास के जिलों से पुलिस फोर्स बुला ली गई है। कई लोगों से पूछताछ की जा रही है। फिलहाल हालात नियंत्रण मं तो हैं लेकिन वो कब हाथ से निकल जाए कहा नहीं जा सकता है।

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गणतंत्र दिवस को बीजेपी कार्यकर्ताओं की तिरंगा यात्रा निकल रही थी, रास्ते मं हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए, इसी के साथ साथ जय श्री राम और भारत माता की जय के नारे भी लग रहे थे, इसी दौरान दूसरे समुदाय के कुछ लोगों ने उनका विरोध किया, जिसके बाद दोनों गुटों में भिड़ंत हुई और विवाद शुरू हो गया। बताया जा रहा है कि विवाद बढ़ने के बाद समुदाय विशे के लोगों ने अपने घरों की छतों से पथराव शुरू कर दिया, थोड़ी ही देर में तहसील रोड पर भी फायरिंग शुरू हो गी, इसी में रेलवे रोड निवासी चंदन गुप्ता की गोली लगने से मौत हो गई। एक युवक गंभीर रूप से घायल हुआ है, वहीं करीब आधा दर्जन लोगों को मामूली चोटें आई हैं।

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सवाल ये खड़ा हो रहा है कि इस हिंसा का कारण क्या है, क्या कासगंज तिरंगा यात्रा के दौरान केवल हिंदुस्तान जिंदाबाद और पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारों पर हिंसा भड़की, या फिर भारत माता की जय और जय श्री राम के नारों से हिंसा भड़की, क्या समुदाय विशेष को इन नारों से आपत्ति थी, या फिर ये सोचा समझी साजिश थी कि हिंसा भड़काई जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी, लेकिन ये सोचने का विषय है कि इस तरह के विवादों से क्या योगी सरकार की छवि खराब की जा रही है, सवाल ये भी है कि इस तरह की घटनाओं से किसे फायदा होगा. अगले लोकसभा चुनाव मं भी यूपी की भूमिका अहम होने वाली है, क्या ये माना जाए कि अभी से लोकसभा चुनाव के लिए माहौल बनाने की कोशिश की जा रही है।