राहुल गांधी जो चाह रहे हैं उस से कर्नाटक में कांग्रेस हार जाएगी

कर्नाटक में कांग्रेस की हार राहुल गांधी के भविष्य पर सवालिया निशान लगा देगी, इस से बचने के लिए कांग्रेस पूरा जोर और दम प्रचार में लगा रही है।

New Delhi, Jan 28: कांग्रेस के लिए आने वाला समय बहुत चुनौतीपूर्ण है, कांग्रेस से ज्यादा राहुल गांधी का भविष्य दांव पर है, अभी तक राहुल के नेतृ्त्व में कांग्रेस ने कई चुनाव लड़े हैं, लेकिन कुछ एक राज्यों को छोड़कर कांग्रेस हर जगह हारी है, ये अलग बात है कि कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हार की जिम्मेदारी कभी भी राहुल पर नहीं डालते हैं। राहुल के साथ गांधी सरनेम एक ढाल की तरह चलता है, गांधी परिवार से वफादारी निभाने के लिए कांग्रेस के नेता खुद की बलि देने को भी तैयार रहते हैं। खास बात ये है कि हार की जिम्मेदारी लेने पर कांग्रेस में नेताओं का प्रमोशन होता है। अध्यक्ष बनने के बाद राहुल दो हार का मुंह देख चुके हैं, गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा था।

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अब राहुल के सामने कर्नाटक का किला बचाने की चुनौती है। कर्नाटक में फिलहाल कांग्रेस की सरकार है। इसी साल वहां पर विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, जिनके लिए कांग्रेस ने तैयारी अभी से शुरु कर दी है। गुजरात में इस बार कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया था, राहुल कार्यकर्ताओं से कह रहे हैं कि वो गुजरात से सबक ले कर कर्नाटक में काम करें। यानि गुजरात में जिस तरह से बीजेपी को चुनौती दी थी, उसी तरह से कर्नाटक में भी करें। लेकिन राहुल यहां पर ये बताना भूल जाते हैं कि गुजरात में पूरी ताकत लगाने के बाद, तीन युवा नेताओं का साथ लेने के बाद भी बीजेपी की सत्ता हिला नहीं पाई। क्या कर्नाटक में भी यही होने वाला है।

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राहुल गांधी चाहते हैं कि गुजरात की ही तरह से कर्नाटक में जनता से पूछ कर जनता का घोषणापत्र बनाया जाए, इस से राजनीति में जनता की भागीदारी बढ़ेगी, साथ ही कांग्रेस जनता से जुड़ने में भी सफल होगी। इसके लिए कांग्रेस ने वरिष्ठ नेताओं की टीम को उतार दिया है, सवाल ये है कि कांग्रेस का ये अभियान कितना सफल होगा, इसका कारण ये है कि राहुल भले ही कितनी भी मेहनत कर लें, लेकिन कांग्रेस की जो आदत बन चुकी है वो उस से बाज नहीं आने वाली है, वो अक्सर गलतियां कर देती है, ऐसी ही किसी गलती का इंतजार बीजेपी कर रही है। बीजेपी ने पहले से ही दांव चल दिया है, हिंदुत्व के मोर्चे पर बीजेपी आक्रामक हो कर कांग्रेस पर हमला कर रही है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया बीजेपी की इस चाल में फंसते जा रहे हैं।

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सिद्ऱामैया जिस तरह से बीजेपी की चाल में फंसकर वो कर रहे हैं जो बीजेपी चाहती है उस से राहुल की मेहनत पर पानी फिरना तय माना जा रहा है। इसके अलावा जिस तरह से कांग्रेस के लिए राहुल गांधी सबसे बड़े नेता हैं, मगर उनकी मौजूदगी भरोसा नहीं पैदा करती है, उस से भी पार्टी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। दूसरी तरफ बीजेपी के पास पीएम मोदी के रूप में एक ऐसा नेता है जिसकी बात को लोग सुनते हैं और मानते भी हैं। जो विरोधियों के हमलों को ही हथियार बनाने में माहिर है। अब राहुल गुजरात से सबक लेने की बात कर रहे हैं, वो तो ठीक है लेकिन कांग्रेस के पास कर्नाटक में ना तो हार्दिक पटेल हैं, ना ही जिग्नेश मेवाणी हैं और ना ही अल्पेश ठाकोर हैं, जिनके दम पर गुजरात में बीजेपी के सामने चुनौती पेश की थी। गुजरात में कांग्रेस के प्रदर्शन के पीछे इन तीनों का बहुत योगदान था, अकेले राहुल के बस का नहीं था कि वो इतना अच्छा प्रदर्शन कर पाते।