साजिश के तहत भड़काई गई कासगंज की हिंसा, दंगे के पीछे किसका हाथ ?

कासगंज में तीसरे दिन भी उपद्रवियों का आतंक देखने को मिला। खुफिया जांच में पता चला है कि इस हिंसा को बड़ी साजिश के तहत भड़काया गया है।

New Delhi Jan 28 : उत्‍तर प्रदेश के कासगंज में तीसरे दिन भी हिंसा जारी रही। रविवार की सुबह भी उपद्रवियों ने यहां एक दुकान को आग के हवाले कर दिया। हालांकि उत्‍तर प्रदेश में पुलिस के मुखिया यानी डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि कासगंज में हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन, नियंत्रण में हैं। जबकि इससे पहले शनिवार को भी उपद्रवियों ने कई जगहों पर आगजनी की। उपद्रवियों ने यहां दुकानों और निजी बसों को आग के हवाले कर दिया। इस बीच कासंगज के एसपी सुनील सिंह का बयान सामने आया है। एसपी सुनील सिंह ने इस वारदातों और दंगे के पीछे बड़ी राजनैतिक साजिश की आशंका जताई है। वहीं लोकल इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में भी ये कहा गया है कि इस दंगे के पीछे राजनैतिक साजिश है। हालांकि अब तक इस बारे में कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है और ना ही ये बताया गया है कि इस हिंसा के पीछे कौन राजनैतिक लोग शामिल हैं।

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कासगंज के एसपी सुनील सिंह का भी यही कहना है कि इस बात से कतई इंकार नहीं किया जा सकता है कि इस हिंसा के पीछे राजनीतिक साजिश ना हो। उधर, उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ भी पूरे घटनाक्रम पर अपनी नजर जमाए हुए हैं। वो पुलिस के अफसरों से पल-पल की जानकारी ले रहे हैं। इस बीच उत्‍तर प्रदेश में नवनियुक्त डीजीपी ओपी सिंह का भी बयान सामने आ गया है। उनका कहना है कि अभी कासगंज में हालात नियंत्रण में हैं। डीजीपी ओपी सिंह का कहना था कि पिछले कुछ घंटों में कोई नई वारदात नहीं हुई है। इस मामले में पुलिस ने बड़ी संख्‍या में उपद्रवियों को गिरफ्तार भी किया है। कासगंज में अभी बेमियादी कर्फ्यू लगा हुआ है। इसके अलावा लगातार पेट्रोलिंग की जा रही है। डीजीपी का कहना है कि यहां पर कानून व्‍यवस्‍था को बनाए रखना उनकी सबसे बड़ी प्राथमिकता है। इसी लक्ष्‍य पर काम किया जा रहा है।

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डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि कासगंज में कानून-व्‍यवस्‍था को बनाए रखने के लिए कोई भी कदम उठाए जा सकते हैं। इसके अलावा यहां पर किसी भी तरह के राजनैतिक दौरे पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। पुलिस अफसरों का मानना है कि राजनैतिक दौरे से क्षेत्र के हालात और बिगड़ सकते हैं। डीजीपी का कहना है कि हिंसा में शामिल किसी भी उपद्रवी को बख्‍शा नहीं जाएगा। घर-घर तलाशी कर उपद्रव में शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जा रहा है। पूरे जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। पुलिस का मानना है कि रविवार को छिटपुट हिंसा के अलावा यहां पर कोई भी बड़ी वारदात नहीं हुई। बहरहाल, हिंसा के पीछे किन लोगों का हाथ इस बात की जांच की जा रही है। लोकल इंटेलीजेंस यूनिट यानी एलआईयू ने भी यहां पर भी अपना खुफिया नेटवर्क सक्रिय कर दिया है। ताकि असली गुनाहगारों का पता लगाया जा सके।

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इसके साथ ही सोशल मीडिया पर अफवाहें ना फैल सकें इसके लिए भी प्रशासन ने पूरे जिले में इंटरनेट नेटवर्क पर पाबंदी लगा दी है। इस क्षेत्र में सोशल मीडिया के जरिए भी खूब हिंसा भड़काई जा रही थी। कासगंज में तनावपूर्ण माहौल और हिंसा को देखते हुए प्रशासन ने यहां पर भारी संख्‍या में पुलिस बल समेत पीएसी, रैपिड ऐक्शन फोर्स (आरएएफ) की तैनाती कर दी है। पुलिस के वरिष्‍ठ अधिकारी यहीं पर कैंप कर रहे हैं। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो चुकी है। जबकि एक जख्‍मी है। कासगंज पुलिस की ओर से इस दंगा-फसाद में करीब 150 लोगों के खिलाफ धारा 147/148/149/307/336/436/295/427/323/504 और 7 सीएलए ऐक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है। जिसमें चार लोगो को नामजद भी किया गया है। इसके अलावा एक अन्‍य मुकदमा दंगे में मारे गए चंदन गुप्‍ता के पिता सुशील गुप्‍ता की ओर से दर्ज कराया गया है।