कासगंज हिंसा : चंदन गुप्‍ता के परिवार को मिलेगी 20 लाख रुपए की मदद

कासगंज हिंसा में मारे गए चंदन गुप्‍ता के परिवार को योगी आदित्‍यनाथ की सरकार बीस लाख रुपए का मुआवजा देगी। जानिए क्‍या है पूरा मामला।

New Delhi Jan 29 : कासगंज हिंसा के मामले में उत्‍तर प्रदेश की योगी आदित्‍यनाथ की सरकार ने बड़ा एलान किया है। उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने एलान किया कि कासगंज हिंसा में मारे गए युवक चंदन गुप्‍ता के परिजनों को यूपी सरकार की ओर से 20 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। योगी आदित्‍यनाथ ने इस बात का एलान रविवार की देर रात किया। मुआवजे की ये रकम सोमवार को ही चंदन गुप्‍ता के परिजनों तक पहुंचा दी जाएगी। दूसरी ओर कासगंज हिंसा के बाद अब धीरे-धीरे शहर के हालात सामान्‍य होने लगे हैं। यहां पर जिदंगी दोबारा से पटरी पर आने लगी है। कासगंज हिंसा के मामले में पुलिस अब तक कुल 118 लोगों को अरेस्‍ट कर चुकी है। जिसमें पचास तो नामजद आरोपी हैं। जबकि बाकी को एहतियातन गिरफ्तार किया गया है। यूपी के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि कासगंज में हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं।

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कासगंज हिंसा के बाद हालात पर काबू पाने के लिए पूरे इलाके में धारा 144 लागू कर दी गई है। इसके साथ ही यहां पर किसी भी तरह के राजनैतिक दौरों पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। ताकि कोई भी शख्‍स हालात ना बिगाड़ सकें। लेकिन, इन सब के बाद भी इस मामले पर राजनीति जारी है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर ये सवाल खड़े किए हैं जब यूपी में अखिलेश यादव की सरकार थी तब अखलाक के परिजनों को पचास लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था। इसके साथ ही उसके परिजनों को फ्लैट और सरकारी नौकरी देने का भी वादा किया गया था। आखिर योगी आदित्‍यनाथ ने चंदन गुप्‍ता के परिजनों को अखलाक जैसा मुआवजा क्‍यों नहीं दिया ? बहरहाल, योगी सरकार ने अब चंदन गुप्‍ता के परिजनों को बीस लाख रुपए के मुआवजे का एलान कर लोगों के गुस्‍से को कुछ कम करने की कोशिश जरुर की है। लेकिन, राजनीति अब भी जारी है।

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दरसअल, कासगंज हिंसा की शुरुआत गणतंत्र दिवस के मौके पर यहां से निकाली गई तिरंगा यात्रा को लेकर हुई थी। तिरंगा यात्रा के दौरान ही दो समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए थे। इसके बाद जमकर नारेबाजी हुई थी। एक ओर से भारत माता की जय और वंदेमारतरम के नारे गूंज रहे थे जबकि दूसरी ओर के लोगों को ये नारे रास नहीं आ रहे थे। जिसके बाद देखते ही देखते हालात तनावपूर्ण हो गए थे और पथराव शुरु हो गया था। दोनों ओर से पथराव के बाद एक समुदाय के लोगों ने यहां पर फायरिंग शुरु कर दी थी। इसी फायरिंग में चंदन गुप्‍ता नाम के युवक की मौत हो गई थी। जिसके बाद कासगंज हिंसा और भी भड़क गई थी। चंदन गुप्‍ता की मौत से गुस्‍साए लोगों ने कई जगहों पर आगजनी की थी। कई दुकानों और बसों को फूंक दिया गया था। कासगंज हिंसा को शांत करने के लिए यहां पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती करनी पड़ी थी।

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उत्‍तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह का कहना है कि अब यहां पर हालात पूरी तरह सामान्‍य हैं। धीरे-धीरे आम जनजीवन पटरी पर आ रहा है। हालांकि तनाव अभी भी बना हुआ है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों का फ्लैगमार्च लगातार जारी है। हालांकि रविवार को भी यहां पर छिटपुट हिंसा हुई थी। उपद्रवियों ने कुछ दुकानों में तोड़फोड़ कर आगजनी की कोशिश की थी। लेकिन, पुलिस ने फौरन ही हालात पर काबू पा लिया था। इस बीच बीजेपी के सांसद राजवीर सिंह चंदन गुप्‍ता की हत्‍या की जांच की मांग की है। उनका कहना है कि दूसरे समुदाय के लोगों ने हंगामे की तैयारी पहले से ही कर रखी थी। नहीं तो अचानक से लोगों के घरों की छतों पर ईंट-पत्‍थर नहीं पहुंच जाते हैं और ना ही अचानक से हथियार जुट जाते हैं। कल्‍याण सिंह के सांसद बेटे राजवीर सिंह का कहना है कि कासगंज हिंसा के पीछे गहरी साजिश है। जिसका खुलासा जरूरी है। इससे पहले पुलिस भी इस बात की आशंका जता चुकी है कि इस हिंसा के पीछे राजनैतिक साजिश है।