शोपियां फायरिंग : जवानों के खिलाफ FIR पर बढ़ी तकरार, सैनिकों के फुल सपोर्ट में आर्मी

शोपियां फायरिंग में आर्मी के जवानों और मेजर के खिलाफ मुकदमें को लेकर बवाल बढ़ता जा रहा है। आर्मी ने इस एफआईआर को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है।

New Delhi Jan 31 : शोपियां फायरिंग में आर्मी के जवानों और मेजर के खिलाफ दर्ज हत्‍या के मुकदमें को लेकर बवाल बढ़ता ही जा रहा है। जहां एक ओर राज्‍य सरकार इस मामले में एफआईआर वापस लेने को तैयार नहीं है। वहीं दूसरी ओर इंडियन आर्मी भी अपने जवानों के साथ आ खड़ी हुई है। आर्मी के अधिकारियों ने शोपियां फायरिंग में आर्मी के जवानों और मेजर पर दर्ज मुकदमें को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी के सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का कहना है कि इस मामले में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को सामने आकर बयान देना चाहिए। सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का कहना है कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वो इस मसले को संसद में उठाएंगे। इसके साथ ही उन्‍होंने आर्मी के जवानों पर दर्ज मुकदमों को भी वापस लेने की मांग की है। इस केस में मेजर समेत आर्मी के कुछ जवानों के खिलाफ नामजद एफआईआर कराई गई है। जिसका जमकर विरोध किया जा रहा है।  

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अभी कुछ दिनों पहले ही कश्‍मीर के शोपियां के गनोवपुरा गांव में भीड़ ने आर्मी के काफिले पर हमला कर दिया था। भीड के सिर पर खून सवार था। वो एक जूनियर कमीशंड अधिकारी को पीट रहे थे। भीड़ इस अधिकारी को जिंदा जलाना चाहती थी। जिसके बाद वहां मौजूद आर्मी के दूसरे जवानों ने आत्‍मरक्षा के लिए फायरिंग की थी। जिसमें दो युवकों की मौत हो गई थी। शोपियां के गनोवपुरा में भीड़ के चंगुल में फंसे जवानों का कहना था कि अगर वो आत्‍मरक्षा में फायरिंग नहीं करते तो भीड़ सबको मार डालती। लेकिन, जम्‍मू-कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शोपियां फायरिंग में एक मेजर समेत गोली चलाने वाले जवानों के खिलाफ हत्‍या का मुकदमा दर्ज करा दिया था। जिसे लेकर बवाल जारी है। उत्तरी क्षेत्र सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बु ने इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आर्मी के जवानों पर दर्ज एफआईआर को दुर्भाग्‍यपूर्ण करार दिया है।

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लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बु का कहना है कि ये बेहद ही दुखद है। लेकिन, हम जानते हैं कि जांच के बाद सच सामने आएगा। हमारे जवानों ने उस वक्त सही फैसला लिया। आर्मी का साफ तौर पर कहना है कि शोपियां फायरिंग सेल्‍फ डिफेंस में ही की गई थी। इसके साथ ही उन्‍होंने ये भी साफ कर दिया है कि इस केस में कोई गिरफ्तारी नहीं होगी। लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अन्बु का कहना है कि अगर पुलिस इस केस में मेजर आदित्‍य से पूछताछ करना चाहती है तो कर सकती है। नॉर्दन कमांड के इस बयान से साफ हो गया है कि आर्मी अपने जवानों के साथ खड़ी है। वो किसी भी कीमत पर इस मामले में ना तो आर्मी के जवानों का मनोबल गिरने देगी और ना ही जवानों के साथ अन्‍याय होने देगी। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने भी आर्मी के जवानों पर एफआईआर दर्ज करने को बेहद ही दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया है।

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उनका कहना है कि इस मामले में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को सामने आकर बयान देना चाहिए और स्थिति स्‍पष्‍ट करनी चाहिए क्‍यों जम्‍मू-कश्‍मीर की मुख्‍यमंत्री महबूबा मुफ्ती का कहना है कि आर्मी के जवानों के खिलाफ मुकदमा रक्षा मंत्री की सहमति के बाद ही दर्ज कराया गया है। सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का कहना है कि अगर दो फरवरी तक शोपियां फायरिंग में आर्मी के जवानों पर से दर्ज मुकदमा वापस नहीं लिया जाता है तो वो इस मामले को संसद में भी उठाएंगे। सुब्रमण्‍यम स्‍वामी का कहना है कि इससे आर्मी के जवानों का मनोबल टूटेगा। वैसे भी कश्‍मीर में महबूबा मुफ्ती की सरकार ने जो किया है वो पार्टी लाइन के खिलाफ है। जम्‍मू-कश्‍मीर में इस वक्‍त बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार है। बीजेपी के नेता लगातार शोपियां फायरिंग में सेना के जवानों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे हैं। लेकिन, महबूबा मुफ्ती पीछे हटने को तैयार नहीं है। इस मामले में मजिस्ट्रियल इंक्‍वायरी भी चल रही है।