हिंद महासागर में चीन-पाकिस्‍तान का काल बनेगी ‘करंज’

स्कॉर्पीन क्लास की तीसरी पनडुब्बी ‘करंज’ को लांच कर दिया गया है। इसके साथ ही पाकिस्‍तान और चीन की चिंताएं भी बढ़ गई हैं। जानिए जरा कैसे ?

New Delhi Jan 31 : बुधवार को भारतीय सेना ने एक और नया मुकाम हासिल कर लिया है। स्कॉर्पीन क्लास की तीसरी पनडुब्बी ‘करंज’ लांच कर दिया गया है। ‘करंज’ की लांचिंग मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड से की गई। ‘करंज’ की लांचिंग के साथ ही पाकिस्‍तान और चीन की हालत खराब हो गई है। आधुनिक टेक्‍नोलॉजी से लैस ये पनडुब्‍बी हिंद महासागर में अपनी सक्रियता को बढ़ाएगी। सबसे बड़ी बात ये है कि ‘करंज’ दुश्‍मन के राडार को भी चकमा देकर आसानी से निकल सकती है और दुश्‍मन पर सटीक निशाना लगाकर उसे सेकेंडों में तबाह भी कर सकती है। चीन और पाकिस्‍तान के राडार स्‍कॉर्पीन क्‍लास की इस तीसरी पनडुब्‍बी को नहीं पकड़ सकते हैं। ‘करंज’ एक स्‍वदेशी पनडुब्‍बी है। जिसे मेक इन इंडिया के प्रोग्राम के तहत बनाया गया है। ये पनडुब्‍बी आधुनिक फीचर्स से लैस है। प्रॉजेक्ट 75 प्रोग्राम के तहत मझगांव डॉक शिपबिल्‍डर्स लिमिटेड की ओर से बनाई जाने वाली छह पनडुब्बियों में ये तीसरी पनडुब्‍बी है।

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स्‍कॉर्पीन क्‍लास की पहली पनडुब्‍बी ‘INS कलवरी’ को अभी पिछले साल 14 दिसंबर को लांच किया गया था। वहीं दूसरी पनडुब्बी ‘खांदेरी’ भी लांच हो चुकी है। इन पनडुब्बियों ने ना सिर्फ भारतीय नौ सेना की ताकत बढ़ेगी बल्कि इससे नौ सेना की प्राथमिक जरुरतें भी पूरी होंगी। ‘करंज’ में कई ऐसे खास फीचर्स हैं जो दुश्‍मनों के होश उड़ा सकते हैं। ये पनडुब्‍बी समुद्र के भीतर ही अपने दुश्‍मन को ढूंढकर उस पर निशाना लगा सकती है। इस पनडुब्‍बी की लंबाई 67.5 मीटर है। जबकि ऊंचाई 12.3 मीटर है। ‘करंज’ का कुल वजन 1565 टन है। इतना ही नहीं ये पनडुब्‍बी टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से भी हमला करने में सक्षम है। अगर पानी में जंग के हालात बनते हैं तो ये पनडुब्‍बी बहुत ही आसानी से सभी अड़चनों को दूर सकती है और दुश्‍मन को चकमा देकर बाहर निकल सकती है। ‘करंज’ में सुरक्षा और अटैक करने के खास फीचर्स हैं।

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स्‍कॉर्पीन क्‍लास की इस तीसरी पनडुब्बी का इस्तेमाल हर प्रकार के वॉरफेयर, ऐंटी-सबमरीन वॉरफेयर और इंटेलिजेंस के काम में किया जा सकता है। किसी भी राडार पर पकड़ में ना आने वाले ये सबमरीन पानी के साथ-साथ जमीन पर भी आसानी से हमला कर सकती है। इतना ही नहीं अगर विपरीत परिस्थितियों में पनडुब्‍बी के भीतर ऑक्‍सीजन खत्‍म हो जाए तो ‘करंज’ पनडुब्‍बी में ऑक्‍सीजन बनाने की भी क्षमता है। यानी इस पनडुब्‍बी में लंबे समय तक पानी के भीतर रहा जा सकता है। ‘करंज’ को फ्रांस की टेक्‍नोलॉजी से तैयार किया गया है। मेक इन इंडिया प्रोग्राम के तहत इस पनडुब्‍बी को बनाने में फ्रांस की डीसीएनएस ने भी मदद की है। इसे खासतौर पर हर किस्‍म के वॉर के लिए तैयार किया गया है। यानी किसी भी जंग पर स्‍कॉर्पीन क्‍लास की इस तीसरी पनडुब्‍बी को उतारा जा सकता है। जो दुश्‍मन के दांत खट्टे करके ही दम लेगी।

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इस पनडुब्बी में सटीक हथियारों के इस्तेमाल से दुश्मन पर बड़ा हमला भी कर सकते हैं। इस पनडुब्‍बी के लांच होने से भारत की समुद्री ताकत और बढ़ गई है। मोदी सरकार की योजना है कि 2029 तक नौ सेना के बेड़े में 29 पनडुब्बियां हों। इसी मुकाम को हासिल करने के लिए प्रोजेक्‍ट प्रोग्राम-75 शुरु किया गया है। प्रोग्राम 75 के तहत अभी छह पनडुब्बियां बनाई जा रही हैं। जिसमें तीन बनकर तैयार भी हो चुकी हैं और लांच भी। इस वक्‍त भारतीय नौसेना के पास कुल 14 पनडुब्बियां हैं। जो डीजल और इलेक्‍ट्रानिक दोनों ही तरहों की ताकतों से लैस हैं। इस पनडुब्‍बी के लांच होने से चीन और पाकिस्‍तान का परेशान होना लाजिमी हैं। उन्‍हें समझ नहीं आ रहा है कि आखिर वो इस पनडुब्‍बी को राडार पर कैसे पकड़ेंगे। आने वाले दिनों में चीन और पाकिस्‍तान की जरा सी हरकत में ‘करंज’ उस पर काल बनकर टूट पड़ सकती है।