आपस में भिड़े राहुल गांधी के ‘चेले’, हार्दिक पटेल और जिग्‍नेश मेवाणी में टकराव

गुजरात के दो युवा नेता हार्दिक पटेल और जिग्‍नेश मेवाणी के बीच टकराव बढ़ गया है। जानिए राहुल गांधी के चेले आखिर आपस में ही क्‍यों लड़ रहे हैं।

New Delhi Feb 01 : गुजरात की राजनीति में जिन तीन युवा चेहरों के नाम उभर कर सामने आए थे उसमें पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्‍नेश मेवाणी का भी नाम शामिल है। इसके अलावा एक नाम अल्‍पेश ठाकोर का था। तीनों ही नेता गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस से सट गए थे। लेकिन, अब राहुल गांधी के यही खास नेता गुजरात में आपस में ही लड़ते हुए नजर आ रहे हैं। पाटीदार नेता हार्दिक पटेल और दलित नेता जिग्‍नेश मेवाणी के बीच टकराव बढ़ गया है। दोनों नेताओं के बीच जमीन को लेकर विवाद है। इसी जमीन के चक्‍कर में हार्दिक पटेल और जिग्‍नेश मेवाणी आमने-सामने हैं। विरोध का आलम ये है कि दोनों ही गुटों के लोग जमीन पर अपना-अपना दावा पेश कर रहे हैं और एक दूसरे के खिलाफ ही धरने पर बैठ गए हैं। जमीन के विवाद का ये मामला अहमदाबाद के गीतापुरा गांव का है। क्‍या है पूरा मामला जरा ये भी समझ लीजिए।

Advertisement

दरसअल, कुछ दिनों पहले अहमदाबाद के गीतापुरा गांव के दलित परिवारों ने सरकार से आवासीय प्‍लॉट की मांग शुरु की थी। इसी मांग को लेकर गीतापुरा गांव के पांच दलित परिवार देतरोज में सरकारी ऑफिस के बाहर धरने पर भी बैठ गए थे। इन दलित प्रदर्शनकारियों को जिग्‍नेश मेवाणी का भी समर्थन हासिल है। जिग्‍नेश मेवाणी धरने पर बैठे दलित प्रदर्शनकारियों से मिलने भी यहां पर पहुंचे थे और उनकी मांगों का खुला समर्थन किया था। वहीं दूसरी ओर गांव के पाटीदार दलितों की इस मांग का विरोध कर रहे हैं। गांव के पाटीदारों का कहना है कि जमीन ग्राम पंचायत की है। जिसे दलित परिवारों को आवासीय प्‍लॉट के लिए नहीं दिया जा सकता है। पाटीदारों की इस मांग का समर्थन हार्दिक पटेल ने किया है। यहां पर अब पाटीदार समुदाय के लोगों ने भी धरना प्रदर्शन शुरु कर दिया है। यानी जमीन को लेकर एक तरफ पाटीदार हैं तो दूसरी ओर दलित।

Advertisement

इस बीच पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के एक ट्वीट ने इस आग में घी डालने का काम कर दिया है। हार्दिक पटेल ने इस मामले पर ट्वीट करते हुए लिखा कि ‘अहमदाबाद के गीतापुरा गांव के कुछ गुंडे गांव की जमीन पर जबरदस्‍ती अतिक्रमण कर रहे हैं। इसके बाद उन्‍होंने लिखा कि गांवों वालों यानी पटेलों ने इसका विरोध करते हुए धरना देना शुरु कर दिया है। हार्दिक पटेल का कहना है कि असामाजिक तत्‍वों को किसी समुदाय विशेष से नहीं जोड़ा जाना चाहिए। यानी हार्दिक पटेल गीतापुरा गांव में धरने पर बैठे दलित परिवारों को गुंडा और असामाजिक तत्‍व बता रहे हैं। जाहिर है ये बात किसी भी कीमत पर जिग्‍नेश मेवाणी को रास नहीं आ सकती है। क्‍योंकि जिग्‍नेश मेवाणी दलितों की ही राजनीति करते हैं। जबकि हार्दिक पटेल का पूरा फोकस सिर्फ पाटीदारों पर हैं। यानी जमीन विवाद में अब दोनों नेता एक-दूसरे के सामने हैं।

Advertisement

हालांकि प्रशासन का कहना है कि उसने जमीन के इस विवाद को सुलझा लिया है। प्रशासन ने दलित परिवारों को उनके खेतों पर ही घर बनाने की इजाजत दे दी है। हालांकि इसके लिए उन्‍हें जमीन का उपयोग बदलवाना होगा। कृषि योग्‍य भूमि से उसे गैर-कृषि भूमि कराना होगा। बेशक गीतापुरा गांव में जमीन का विवाद खत्‍म हो गया हो लेकिन, हार्दिक पटेल के विवादित ट्वीट से विवाद बढ़ गया है। दलित समुदाय के लोगों का आरोप है कि हार्दिक पटेल ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्‍पणी की है। इस बात को लेकर दलित समुदाय के लोग जिला प्रशासन को एक ज्ञापन भी सौंपेंगे। जमीन के अधिकारों पर काम करने वाले दलित ऐक्टिविस्ट कानू सुमरा ने भी हार्दिक पटेल के ट्वीट पर आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि 12 दिनों से धरने पर बैठे दलित परिवारों के समर्थन में बोलने की बजाए हार्दिक पटेल अपनी बिरादरी के सदस्‍यों के साथ खड़े हो गए। जो ठीक नहीं है। दरअसल, ये दलित भगापुरा गांव को छोड़कर यहां आए थे साल 2013 में उन्हें आधा बीघा जमीन देने का वादा किया गया था। जिसे पूरा ना किए जाने को लेकर इनके भीतर नाराजगी थी।